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Sovereign Gold Bond: नए साल में पहली बार सस्ता सोना खरीदने का मौका, यहां जानें डिटेल

मोदी सरकार नए साल में लोगों को सस्ता सोना खरीदने का मौका दे रही है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond) 2021-22 की नौंवी सीरीज आज यानी 10 जनवरी को खुल रही है। यह सोने में निवेश का एक अच्छा जरिया है जिसमें फिजिकल गोल्ड नहीं मिलता है।

Curated byदिल प्रकाश | नवभारतटाइम्स.कॉम 10 Jan 2022, 8:16 am
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 की नौंवी सीरीज (Sovereign Gold Bond Scheme 2021-22 Series 9) आज यानी 10 जनवरी को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गोल्ड बॉन्ड की इस नई सीरीज के लिए 4,786 रुपये प्रति ग्राम का निर्गम मूल्य तय किया है। इसमें 5 दिनों तक यानी 14 जनवरी तक निवेश किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन करने वाले और डिजिटल माध्यम से भुगतान करने वाले निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट दी जाएगी।
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Sovereign Gold Bond: नए साल में पहली बार सस्ता सोना खरीदने का मौका, यहां जानें डिटेल



कितना कर सकते हैं निवेश

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अवधि आठ साल की होती है। इसमें पांच साल बाद अगले ब्याज भुगतान की तिथि पर बॉन्ड से निवेश निकालने का भी विकल्प होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशक को कम से कम एक ग्राम सोने के लिए निवेश करना होगा। कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार अधिकतम चार किलो मूल्य तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। जबकि, ट्रस्ट और समान संस्थाओं के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलो है।

स्टोर करने का झंझट नहीं

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, पेपर फॉर्म में होता है। इसलिए इसमें फिजिकल गोल्ड (Physical Gold) की तरह स्टोर करने की दिक्कत नहीं होती है। आप बॉन्ड पेपर को संभालकर किसी फाइल में आसानी से सुरक्षित रख सकते हैं। बॉन्ड्स RBI (Reserve Bank of India) की बुक्स में दर्ज रहते हैं या डीमैट फॉर्म में रहते हैं। इसलिए स्क्रिप के नुकसान का जोखिम नहीं होता है।

निश्चित ब्याज

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) पर हर साल एक निश्चित ब्याज निवेशकों को मिलता है। इस ब्याज की दर 2.5 फीसदी सालाना तय की गई है। यह ब्याज छमाही आधार (Half yearly basis) पर निवेशक को प्राप्त हो जाता है। हालांकि इसे करदाता की अन्य सोर्स से इनकम में जोड़ा जाता है। इसके अलावा गोल्ड की जिस मात्रा के लिए निवेशक ने भुगतान किया है, वह पूरी तरह सुरक्षित रहती है।

टैक्स की क्या कैलकुलेशन

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का ब्याज इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत टैक्सेबल है। एक वित्त वर्ष में गोल्ड बॉन्ड से हासिल ब्याज गोल्ड बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज करदाता की अन्य सोर्स से इनकम में काउंट होता है। इसलिए इस पर टैक्स इस आधार पर लगता है कि करदाता किस इनकम टैक्स स्लैब में आता है। हालांकि गोल्ड बॉन्ड से हासिल ब्याज पर TDS नहीं है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है। 8 साल पूरा होने के बाद ग्राहक को प्राप्त होने वाला रिटर्न पूरी तरह टैक्स फ्री है।

कहां से खरीद सकते हैं बॉन्ड

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सभी बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (Stock Exchanges), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (BSE) के माध्यम से बेचे जाते हैं। स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Bank) और पेमेंट बैंकों (Payment Bank) को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बेचने की अनुमति नहीं होती है।

लोन और ट्रेडेबिलिटी की सुविधा

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को जॉइंट में भी खरीदा जा सकता है। इसके अलावा इसे नाबालिग के नाम पर भी ले सकते हैं। नाबालिग के मामले में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को लेने के लिए उसके माता-पिता/अभिभावक को अप्लाई करना होगा। जरूरत पड़ने पर निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर लोन भी ले सकता है। इसके लिए गोल्ड बॉन्ड को गिरवीं रखना होगा। इसके अलावा गोल्ड बॉन्ड स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडेबल होते हैं। हालांकि ऐसा इनके जारी होने के 15 दिन के अंदर हो सकेगा।

लेखक के बारे में
दिल प्रकाश
दिल प्रकाश नवभारतटाइम्स.कॉम में असिस्टेंट न्यूज एडिटर हैं। उन्हें पत्रकारिता में 17 साल से अधिक अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत साल 2006 में यूनीवार्ता से की थी। शुरुआत में खेल डेस्क के लिए काम किया। इस दौरान राष्ट्रमंडल खेल (2010), हॉकी वर्ल्ड कप, आईपीएल और वनडे वर्ल्ड कप (2011) को कवर किया। फिर नेशनल ब्यूरो से जुड़े और पार्लियामेंट से लेकर राजनीति, डिफेंस और पर्यावरण जैसे कई विषयों पर रिपोर्टिंग की। इस दौरान तीन साल तक बीबीसी में भी आउटसाइड कंट्रीब्यूटर रहे। यूनीवार्ता में दस साल तक काम करने के बाद साल 2016 में बिजनस स्टैंडर्ड से जुड़े। फरवरी 2020 में ऑनलाइन का रुख किया।... और पढ़ें

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