[ नीलांजन चक्रवर्ती ]
हम लोगों में कइयों के पास रिटायरमेंट के बाद दुनिया घूमने या पहाड़ों में कॉटेज बनाने का सपना होता है। हालांकि, हकीकत अक्सर अलग होती है। सुरक्षा और स्थिरता, सपनों पर भारी पड़ती हैं। लिहाजा, रिटायरमेंट की प्लानिंग अहम है, लेकिन फाइनेंस ही एकमात्र चिंता करने की चीज नहीं है। साल 2011 में मोटे तौर पर 11 में से 1 भारतीय की उम्र 60 साल से ज्यादा थी। सेंसस ऑफ इंडिया के अनुमानों के मुताबिक, 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 8 में से 1 हो जाने की उम्मीद है।
सीनियर लिविंग क्या है?
भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा का कोई ढांचा नहीं है- न तो वित्तीय और न ही सामाजिक। ऐसे में प्राइवेट सेक्टर ने एंट्री की है। हेरिटेज एल्डरकेयर सर्विसेज की डायरेक्टर पवित्रा गंगाधरण ने बताया, 'भारत में पिछले कुछ साल में सीनियर लिविंग ऑप्शंस बढ़े हैं। इसकी वजह माता-पिता से अलग विदेश में रहे रहे एकल परिवारों की बढ़ती संख्या और वित्तीय तौर पर स्वतंत्र वरिष्ठ नागरिकों की तादाद में बढ़ोतरी भी है।' इन सुविधाओं में सिक्योरिटी सर्विसेज, क्लीनिंग और मेंटेनेंस फैसिलिटीज, मेडिकल केयर, खाना आदि शामिल हैं।
सीनियर लिविंग सर्विसेज की दो कैटेगरी हैं: इंडिपेंडेंट लिविंग और असिस्टेड लिविंग। पहली कैटेगरी में वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की गई हाउसिंग यूनिट्स शामिल हैं। इन प्रोजेक्ट्स में स्किड-प्रूफ टाइल्स, व्हीलचेयर एक्सेस के लिए रैंप, ग्रिप रेल, पैनिक बटन आदि शामिल हैं। दूसरी तरफ, असिस्टेड लिविंग में चौबीस घंटे देखभाल की सुविधा होती है और यह ज्यादा उम्रदराज लोगों और बीमारियों से परेशान लोगों के लिए ज्यादा सही है। इसमें खाने, कपड़ा पहनाने और साथ रहने के लिए भी अटेंडेट मौजूद होते हैं।
लाइफस्टाइल अपग्रेड
रियल्टी डिवेलपर्स के एक ग्रुप ने वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखते हुए रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स पेश किए हैं। ये प्रोजेक्ट्स हेल्थ सेंटर, स्पेशलाइज्ड किचन, जिम आदि सुविधाओं से लैस हैं। ज्यादातर प्रोजेक्ट्स सर्विस पैकेज के तहत हाउसकीपिंग, मेंटेनेंस और लॉन्ड्री सर्विसेज ऑफर करते हैं। कुछ में तो निवासियों की मदद के लिए डॉक्टर, डायटिशियन आदि की भी सुविधा दी गई है। खास भोजन और एक्सरसाइज जैसी सुविधाओं का भी खयाल रखा गया है।
कई तरह के विकल्प
इसके लिए लग्जरी से लेकर लो बजट ऑप्शंस हैं। सबसे महंगी रिहाइश की कीमत करोड़ों में हो सकती है, जबकि किफायती विकल्पों की भी कमी नहीं है। आशियाना हाउसिंग लिमिटेड के सीनियर लिविंग प्रोजेक्ट्स, कोलकाता में जागृति धाम, हैदराबाद में क्षेत्र, महाराष्ट्र के नेरल में ओएसिस सीनियर लिविंग कम्यून और डिग्निटी लाइफस्टाइल टाउनशिप ऐसे कुछ उदाहरण हैं। इनमें रेंटल, लीज और बिक्री के लिए रिहायशी यूनिट्स शामिल हैं, जिनकी कीमत मार्केट रेट से कुछ ज्यादा है। हालांकि, मुमकिन है कि यह परमानेंट अरेंजमेंट की तरह काम ना करे। ओएसिस सीनियर लिविंग के चेयरमैन और एमडी एम एच दलाल ने बताया, 'कई बुजुर्ग नागरिक जो फिलहाल इंडिपेंडेंट लिविंग फैसिलिटी में हैं, उन्हें उम्र बढ़ने के साथ और केयर की जरूरत होगी।' बहरहाल, इन सीनियर लिविंग फैसिलिटी का चुनाव करने में सावधानी बरतने की जरूरत है।