[ क्षितित आनंद | नई दिल्ली ]
इस हफ्ते भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान से दलाल स्ट्रीट पर सेंटीमेंट हराभरा हो गया। जिन सेक्टरों और कंपनियों का परफॉर्मेंस बहुत हद तक मॉनसून पर डिपेंड करता है, उनके शेयरों में जोरदार तेजी आई। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के हिसाब से इस साल मॉनसून की बारिश सामान्य रहने पर सबसे ज्यादा फायदा एग्री सेक्टर को होगा। एग्री इनपुट वाले सभी कंपनियों के शेयरों को हाल के महीनों में प्रीमियम वैल्यूएशन हासिल हुआ है। इसका कारण उनके रेवेन्यू और प्रॉफिट ग्रोथ में स्ट्रॉन्ग विजिबिलिटी आना है।
यस सिक्योरिटीज की रिसर्च हेड निताशा शंकर ने ईटी नाउ को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मौजूदा वैल्यूएशन पर दो स्पेस बहुत अट्रैक्टिव नजर आ रहे हैं। मॉनसून के पूर्वानुमान के हिसाब से पहला एग्री स्पेस है और दूसरा रूरल इकनॉमी है।' ईटीमार्केट्स.कॉम ने कई एग्री शेयरों पर एक्सपर्ट्स की राय जुटाई है जिनको मॉनसून की अच्छी बारिश से सबसे फायदा हो सकता है।
धानुका एग्रीटेक (टारगेट: ~800)
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को लगता है कि फिस्कल ईयर 2017 में धानुका की रेवेन्यू ग्रोथ उसके बराबर की कंपनियों में सबसे ज्यादा यानी साल दर साल आधार पर 24 पर्सेंट रह सकती है। कंपनी के पास 80 से ज्यादा प्रॉडक्ट्स ऑफरिंग वाला लोकल एग्रो केमिकल इंडस्ट्री में दूसरा सबसे बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क है।
रैलिस इंडिया (टारगेट: ~200)
अपने बराबर की कंपनियों में रैलिस इंडिया का डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क सबसे बड़ा है। किसानों के साथ इसका मजबूत रिश्ता है और यह उत्पादों की व्यापक शृंखला है। इनसे कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ फिस्कल ईयर 2017 में साल दर साल आधार पर 16 पर्सेंट रह सकती है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के मुताबिक, 'कंपनी को नए प्रॉडक्ट्स की लॉन्चिंग में सुस्त मोमेंटम के चलते नुकसान उठाना पड़ा था। लेकिन इसने पिछले 18 महीनों में सात प्रॉडक्ट्स लॉन्च किए हैं।'
पीआई इंडस्ट्रीज (टारगेट: ~780)
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को पीआई के स्टार खरपतवार नाशक नॉमिनी गोल्ड के ग्रोथ मोमेंटम के चलते उसके डोमेस्टिक बिजनेस रेवेन्यू में साल दर साल आधार पर 15 पर्सेंट ग्रोथ नजर आ रही है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि 'नॉमिनी गोल्ड' को जेनरिक प्रॉडक्ट्स से बढ़ते कॉम्पिटिशन का सामना करना पड़ेगा क्योंकि इसकी एक्सक्लूसिविटी खत्म हो गई है। लेकिन यह भी 3 से 5 साल में धीरे धीरे होगा क्योंकि कॉम्पिटिटर्स को इसके डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और ब्रांड प्रेजेंस की बराबरी करने में वक्त लगेगा।
यूपीएल (टारगेट: ~560)
ब्रोकरेज फर्म को लगता है कि यूपीएल के इंडियन बिजनेस की ग्रोथ साल दर साल आधार पर 12 पर्सेंट रह सकती है। प्रीमियम प्रॉडक्ट्स की तरफ शिफ्टिंग होने और ज्यादा बेस होने के चलते जेनरिक प्रॉडक्ट्स की डिमांड कम रह सकती है।
टाटा केमिकल्स (टारगेट: ~454)
ICICI सिक्योरिटीज ने फिस्कल ईयर 2017 के कंसॉलिडेटेड ईपीएस और बुक वैल्यू या मार्केट वैल्यू के आधे पर इनवेस्टमेंट्स हिसाब से कंपनी के कोर बिजनेस की वैल्यू 11 गुना लगाई है। कंज्यूमर बिजनेस में स्ट्रॉन्ग बिल्डअप के चलते कंपनी की रीरेटिंग हो सकती है।
चंबल फर्टिलाइजर्स (टारगेट: ~82)
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने फिस्कल ईयर 2017 के एस्टिमेटेड कंसॉलिडेटेड ईपीएस के 10 गुने पीई के आधार पर 82 रुपये का टारगेट प्राइस सेट किया है। नई यूरिया पॉलिसी में नोटिफाइड ऊंचे फ्लोर प्राइस से कंपनी को बड़ा फायदा होगा।
कावेरी सीड (टारगेट: ~520)
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को उम्मीद है कि इंडस्ट्री डिमांड में रिकवरी से फायदा मिलने पर कावेरी सीड के वॉल्यूम्स में फिस्कल ईयर 2017 के दौरान दमदार ढंग से इजाफा होगा। एकरेज घटने और ट्रेडिंग में सुस्ती के कारण फाइनेंशियल ईयर 2016 में दिक्कत हुई थी। ब्रोकरेज हाउस ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि फिस्कल ईयर 2017 में साल दर साल आधार पर कॉटन सीड वॉल्यूम्स में 23 पर्सेंट की दर से ग्रोथ होगी। इससे कंपनी को 15 पर्सेंट की रेवेन्यू ग्रोथ हासिल करने में मदद मिलेगी।'