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प्रविडेंट फंड से पैसे निकालने से बचें, 1 लाख निकालने पर 11 लाख का होता है नुकसान

ईपीएफ लंबे समय तक इन्वेस्टमेंट का बेहतर विकल्प माना जाता है, क्योंकि इसमें जमा रकम पर चक्रवृद्धि ब्याज (ब्याज पर ब्याज) का फायदा मिलता है। साथ ही रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त रकम मिलती है और पेंशन भी मिलती रहती है ताकि बुढ़ापे में किसी के सामने हाथ न फैलाने पड़ें। ऐसे में अगर कोई एम्प्लॉई बीच में ही इस रकम का पूरा या कुछ हिस्सा निकाल लेता है तो इसका असर लंबे समय बाद मिलने वाली एकमुश्त रकम पर पड़ता है। इसलिए ईपीएफ की रकम तब तक न निकालें, जब तक कि बहुत जरूरी न हो।

नवभारतटाइम्स.कॉम 27 Aug 2020, 5:45 pm
इसे ऐसे समझने की कोशिश करते हैं। अभी पीएफ पर 8.50% सालाना ब्याज मिल रहा है। मान लीजिए आपके रिटायरमेंट में अभी 30 साल बाकी हैं। अभी आपने पीएफ से 1 लाख रुपये निकाल लिए। 30 साल बाद जब आप रिटायर होंगे तब तक इन 1 लाख रुपये की कीमत ब्याज के साथ 11.55 लाख रुपये होगी। ऐसे में अभी 1 लाख रुपये निकालने पर आपको रिटारमेंट पर करीब 10.55 लाख रुपये का नुकसान होगा। EPF के अलावा कई तरह के PF होते हैं। इन तमाम मुद्दों पर जानकारी दे रहे हैं एनबीटी के रिपोर्टर राजेश भारती।
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प्रविडेंट फंड से पैसे निकालने से बचें, 1 लाख निकालने पर 11 लाख का होता है नुकसान


मिनटों में ऐसे पता करें EPF अकाउंट बैलेंस, आपके हर सवाल का जवाब

जनरल प्रोविडेंट फंड

GPF: इसे जनरल प्रोविडेंट फंड कहते हैं। यह सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों को मिलता है। इसमें कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 6% से 15% तक हर महीने जमा करना होता है। कर्मचारी के रिटायर होने पर इसमें जमा रकम उन्हें मिल जाती है यानी इसका मैच्योरिटी पीरियड रिटायरमेंट तक ही है। कर्मचारी चाहे तो बीच में भी जरूरत पड़ने पर पीएफ का कुछ हिस्सा निकाल सकता है। ब्याज दर: 7.1% तिमाही।

वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड

VPF: यह भी सेविंग स्कीम है। इसे वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) कहा जाता है। इसमें ईपीएफ के बराबर ही ब्याज मिलता है। इस स्कीम का फायदा उन्हीं एम्प्लॉई को मिलता है जिनका ईपीएफ कटता है। ईपीएफ में बेसिक सैलरी और डीए का 12% निकालने के बाद बाकी बची 88% बेसिक सैलरी एम्प्लॉई को दूसरे भत्तों के साथ हर महीने मिल जाती है। अगर एम्प्लॉई चाहे तो बाकी बची 88% बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 100% तक वीपीएफ में जमा करा सकता है। वीपीएफ अकाउंट अलग से नहीं खोला जाता, बल्कि इसे ईपीएफ अकाउंट से लिंक कर दिया जाता है। इसके लिए कंपनी के अकाउंट डिपार्टमेंट से बात कर सकते हैं। इसमें सेक्शन 80सी के तहत सालाना 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है। ब्याज दर: 8.50% सालाना।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड

PPF: इसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड कहते हैं। यह भी जीपीएफ और ईपीएफ की तरह सेविंग स्कीम है। पीपीएफ के लिए किसी भी तरह की जॉब करना जरूरी नहीं। कोई भी शख्स पोस्ट ऑफिस या किसी भी बैंक में पीपीएफ अकाउंट खुलवाकर इसमें हर महीने या हर साल पैसा जमा कर सकता है। एक साल में कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा कराने जरूरी हैं। इस अकाउंट का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है। हालांकि अकाउंट खुलने के 5 साल बाद बच्चे की पढ़ाई या मेडिकल इमरजेंसी में सारा पैसा निकालकर अकाउंट बंद भी किया जा सकता है। ब्याज दर: 7.1% सालाना (ब्याज दरें फिक्स नहीं हैं। इनमें सरकार बदलाव करती रहती है।)

ये सवाल भी हैं काम के

1)) सवाल: पीएफ से रकम निकालना सही ऑप्शन है या पीएफ में से लोन लेना?
जवाब: पीएफ अकाउंट से लोन लेने जैसी कोई सुविधा नहीं है। हां, एडवांस ले सकते हैं यानी जमा रकम में जरूरत के हिसाब से पैस निकाल सकते हैं। इसकी कुछ शर्तें हैं जिनके बारे में ऊपर बताया गया है।
2)) सवाल: इमरजेंसी में पीएफ अकाउंट से रकम निकालने के बाद क्या उसे वापस जमा भी कराया जा सकता है?
जवाब: हां, लेकिन रिटायरमेंट की उम्र से पहले ही जमा कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी नहीं कि निकाली गई रकम एकमुश्त ही जमा की जाए। आप चाहे तो हर महीने एक निश्चित रकम जमा कर सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन रकम निकालते समय ही ऑप्शन दिया जाता है।
3)) सवाल: मेरी कंपनी बंद हो गई है। मैं अपना पीएफ कैसे निकाल सकता हूं?
जवाब: अगर पीएफ अकाउंट की केवाईसी पूरी है तो रकम ऑनलाइन तरीके से नई कंपनी में ट्रांसफर कर सकते हैं या निकाल सकते हैं। वहीं अगर कंपनी बंद हुए काफी समय हो गया है और पीएफ अकाउंट में 3 साल से कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ है तो अकाउंट बंद हो जाता है और ईपीएफ के निष्क्रिय खातों में जुड़ जाता है। ऐसे में बैंक की मदद से केवाईसी के जरिए पैसा निकाल सकते हैं।

यह हेल्पलाइन है काम की

1800118005 (टोल-फ्री)। संपर्क समय: पूरे हफ्ते सुबह 9:15 से शाम 5:45 तक। छुटि्टयों जैसे रामनवमी, महावीर जयंती, होली, दिवाली, ईद आदि पर सेवा बंद रहती है।

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