बाबर जैदी, नई दिल्ली
नए साल में टैक्स बचाने के लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (ELSS) बेस्ट ऑप्शन हैं। इकनॉमिक टाइम्स की टैक्स सेविंग प्रॉडक्ट्स की रैंकिंग में इसे पहला नंबर मिला है। रिटर्न, सेफ्टी, लिक्विडिटी (जल्द पैसा निकालने की सहूलियत), कॉस्ट, पारदर्शिता, निवेश की आजादी जैसे पैमानों के हिसाब से यह रैंकिंग तय की गई है। इसमें ईएलएसएस फंड्स को सबसे ज्यादा नंबर मिले हैं। दूसरे नंबर पर नैशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और तीसरे नंबर पर यूलिप है।
ELSS ने पिछले तीन साल में 18.7 पर्सेंट सीएजीआर का रिटर्न दिया है, जबकि पांच साल में इससे 17.46 पर्सेंट सीएजीआर का रिटर्न मिला है। सिर्फ रिटर्न ही इसकी खूबी नहीं है। ईएलएसएस फंड्स की कॉस्ट भी 2.5-2.75 पर्सेंट सालाना है। इसके सभी चार्ज, पोर्टफोलियो और ट्रांजैक्शंस सार्वजनिक किए जाते हैं। ईएलएसएस से जो रिटर्न मिलता है, वह टैक्सफ्री होता है क्योंकि इक्विटी फंड्स को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स से छूट मिली हुई है।
टैक्स बचाने वाले इनवेस्टमेंट प्रॉडक्ट्स में सबसे कम समय तक पैसा ईएलएसएस में ही लॉक रहता है। इसमें लॉकइन पीरियड तीन साल का है। ई-केवाईसी शुरू होने के बाद इन फंड्स में निवेश करना बहुत आसान हो गया है। इस प्रोसेस को कंप्लीट करने से में आधे घंटे का समय लगता है। पेंशन फंड रेग्युलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने एनपीएस इनवेस्टिंग को भी पूरी तरह पेपरलेस कर दिया है। यूलिप में भी आसानी से ऑनलाइन रूट से निवेश किया जा सकता है।
अगर आप रिटायरमेंट तक के लिए पैसा ब्लॉक करने को तैयार हैं तो एनपीएस भी टैक्स बचाने के लिए सही है। पिछले साल तक एनपीएस की राह में टैक्स बड़ी अड़चन था। हालांकि, पिछले बजट में इसके 40 पर्सेंट फंड को टैक्स फ्री कर दिया गया। पीएफआरडीए चाहता है कि बाकी 60 पर्सेंट फंड को भी टैक्स फ्री किया जाए। एनपीएस उन लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है, जो सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट के लिए 1.5 लाख रुपये का अधिकतम निवेश पहले ही कर चुके हैं और वह टैक्स बचाने के लिए और इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं।
सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत वे एनपीएस में 50,000 रुपये के निवेश पर एक्स्ट्रा टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं। कई लोगों को यूलिप को रैंक में तीसरे नंबर पर देखकर हैरानी हुई होगी। दरअसल, अगर अब आप ऑनलाइन यूलिप खरीदते हैं तो उसकी कॉस्ट बहुत कम आती है। अग्रेसिव यूलिप प्लान से पिछले पांच साल में 12 पर्सेंट का सालाना रिटर्न मिला है। पीएफ भी टैक्स बचाने का अच्छा रास्ता है। इसमें आपका कंट्रीब्यूशन सैलरी से जुड़ा होता है, लेकिन वॉलंटरी प्रॉविडेंट फंड (वीपीएफ) के जरिये आप इसमें बढ़ोतरी कर सकते हैं। वीपीएफ में पीएफ जैसी ही टैक्स छूट मिलती है। हालांकि, वीपीएफ का ऑप्शन कंपनियां फाइनैंशल इयर की शुरुआत में देती हैं। इसलिए अगर आप इस फाइनैंशल ईयर के लिए टैक्स बचाना चाहते हैं तो पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) में निवेश करिए। इस पर 8 पर्सेंट का रिटर्न मिल रहा है।
नए साल में टैक्स बचाने के लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (ELSS) बेस्ट ऑप्शन हैं। इकनॉमिक टाइम्स की टैक्स सेविंग प्रॉडक्ट्स की रैंकिंग में इसे पहला नंबर मिला है। रिटर्न, सेफ्टी, लिक्विडिटी (जल्द पैसा निकालने की सहूलियत), कॉस्ट, पारदर्शिता, निवेश की आजादी जैसे पैमानों के हिसाब से यह रैंकिंग तय की गई है। इसमें ईएलएसएस फंड्स को सबसे ज्यादा नंबर मिले हैं। दूसरे नंबर पर नैशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और तीसरे नंबर पर यूलिप है।
ELSS ने पिछले तीन साल में 18.7 पर्सेंट सीएजीआर का रिटर्न दिया है, जबकि पांच साल में इससे 17.46 पर्सेंट सीएजीआर का रिटर्न मिला है। सिर्फ रिटर्न ही इसकी खूबी नहीं है। ईएलएसएस फंड्स की कॉस्ट भी 2.5-2.75 पर्सेंट सालाना है। इसके सभी चार्ज, पोर्टफोलियो और ट्रांजैक्शंस सार्वजनिक किए जाते हैं। ईएलएसएस से जो रिटर्न मिलता है, वह टैक्सफ्री होता है क्योंकि इक्विटी फंड्स को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स से छूट मिली हुई है।
टैक्स बचाने वाले इनवेस्टमेंट प्रॉडक्ट्स में सबसे कम समय तक पैसा ईएलएसएस में ही लॉक रहता है। इसमें लॉकइन पीरियड तीन साल का है। ई-केवाईसी शुरू होने के बाद इन फंड्स में निवेश करना बहुत आसान हो गया है। इस प्रोसेस को कंप्लीट करने से में आधे घंटे का समय लगता है। पेंशन फंड रेग्युलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने एनपीएस इनवेस्टिंग को भी पूरी तरह पेपरलेस कर दिया है। यूलिप में भी आसानी से ऑनलाइन रूट से निवेश किया जा सकता है।
अगर आप रिटायरमेंट तक के लिए पैसा ब्लॉक करने को तैयार हैं तो एनपीएस भी टैक्स बचाने के लिए सही है। पिछले साल तक एनपीएस की राह में टैक्स बड़ी अड़चन था। हालांकि, पिछले बजट में इसके 40 पर्सेंट फंड को टैक्स फ्री कर दिया गया। पीएफआरडीए चाहता है कि बाकी 60 पर्सेंट फंड को भी टैक्स फ्री किया जाए। एनपीएस उन लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है, जो सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट के लिए 1.5 लाख रुपये का अधिकतम निवेश पहले ही कर चुके हैं और वह टैक्स बचाने के लिए और इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं।
सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत वे एनपीएस में 50,000 रुपये के निवेश पर एक्स्ट्रा टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं। कई लोगों को यूलिप को रैंक में तीसरे नंबर पर देखकर हैरानी हुई होगी। दरअसल, अगर अब आप ऑनलाइन यूलिप खरीदते हैं तो उसकी कॉस्ट बहुत कम आती है। अग्रेसिव यूलिप प्लान से पिछले पांच साल में 12 पर्सेंट का सालाना रिटर्न मिला है। पीएफ भी टैक्स बचाने का अच्छा रास्ता है। इसमें आपका कंट्रीब्यूशन सैलरी से जुड़ा होता है, लेकिन वॉलंटरी प्रॉविडेंट फंड (वीपीएफ) के जरिये आप इसमें बढ़ोतरी कर सकते हैं। वीपीएफ में पीएफ जैसी ही टैक्स छूट मिलती है। हालांकि, वीपीएफ का ऑप्शन कंपनियां फाइनैंशल इयर की शुरुआत में देती हैं। इसलिए अगर आप इस फाइनैंशल ईयर के लिए टैक्स बचाना चाहते हैं तो पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) में निवेश करिए। इस पर 8 पर्सेंट का रिटर्न मिल रहा है।