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दोस्तों और रिश्तेदारों को उधार देते समय इन 'बातों' का रखें ध्यान

आपने भी सुना होगा कि अगर आपको एक अच्छा दोस्त को खोना है तो उसे पैसे उधार दे दीजिए। दोस्तों और...

एजेंसियां 16 Jul 2016, 10:29 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम note these things while lending to friends and family
दोस्तों और रिश्तेदारों को उधार देते समय इन 'बातों' का रखें ध्यान

आपने भी सुना होगा कि अगर आपको एक अच्छा दोस्त को खोना है तो उसे पैसे उधार दे दीजिए। दोस्तों और रिश्तेदारों को उधार देते समय बहुत सी समस्याएं आती हैं। इनमें एक समस्या यह भी है कि आप उधार वापस मांगने के लिए उन्हें बोल नहीं सकते। चाहे कुछ भी हो लेकिन दोस्तों और रिश्तेदारों की मदद करने से मना करना भी बहुत मुश्किल काम है। फिर भी अगर आप इस तरीके के उधार से या पैसे डूबाने से बचने के लिए आप इन बातों को फॉलो कर सके हैं।

अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को सिर्फ उतना ही उधार दें जितनी आपकी लिमिट हो। अगर रिश्तेदारों और दोस्तों की आवश्यकता आपकी क्षमता से अधिक हो तो सिर्फ उतना ही दें जितना आप दे सकते हैं। अपनी लिमिट क्रॉस करके उधार देने में पैसे डूबने का ज्यादा डर होता है। संक्षेप में आपकी पैसा खोने की क्षमता और रिश्तेदारों/दोस्तों की आवश्यकता में से जो कम हो उतना ही उधार दें। इस तरह आप अपनी रिस्क को कम से कम कर सकते हैं।

उधार मांगने का कारण जानें: उधार देने से पहले यह भी जानें कि उधार क्यों मांगा जा रहा है? उचित कारण होने पर ही उधार दें। बेवजह अपने पैसे खोने की रिस्क ना लें। उधार लेने वाले झूठे बहाने भी बनाते हैं। अगर आप उनके कारण से संतुष्ट नहीं हैं, तो उधार देने से बचें। कई बार उधार लेने वाला आपसे इमर्जेंसी का बहाना बनाकर भी उधार मांग सकता है।

कई बार उधार मांगने वाले किसी बीमार के इलाज का बहाना बनाते हैं ऐसे समय में अधिकतर लोग अपनी लिमिट से हटकर मदद करते हैं जो कि उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है। कई बार लोग खुद के पास पैसे ना होने के कारण किसी दूसरे व्यक्ति से उधार लेकर उधार मांगने वाले की मदद करते हैं या किसी लोन देने वाले के पास उसका गारंटर बन जाते हैं। यह भी ठीक नहीं है क्योंकि अगर उसने भुगतान नहीं किया तो आप बच में फंस सकते हैं।

उधार देना आपके इनकम टैक्स पर भी असर डाल सकता है। जब आपको उधार वापस चुकाया जाएगा तो अमाउंट ज्यादा होने की दशा में बैंक आपसे उसका कारण पूछ सकता है। इन सबसे बचने के लिए लोन देते समय एक लोन अग्रीमेंट तैयार कर लीजिए। इस पर लोन अमाउंट, वापसी की तारीख, सभी शर्तों के साथ आपकी सारी डिटेल्स हों। इससे भविष्य में बैंक को जानकारी देने में आसानी होगी। इनकम टैक्स रूल्स नगद में 20,000 से ज्यादा की राशि उधार देने या लेने की स्वीकृति नहीं है।

अगर आप इसका पालन नहीं करते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपसे लोन अमाउंट के बराबर राशि पेनल्टी के रूप में ले सकता हैं। कभी कभी उधार ऐसे रिश्तेदारों द्वारा मांगा जाता है कि आप उन्हें मना भी नहीं कर पाते। उस समय आप लोन के कागज भी नहीं बनवाते हैं। सिर्फ एक सादा कागज पर लोन की राशि के साथ उधार लेने वाले के साइन कराकर लोन देने पर भी लोन डूबने की रिस्क रहती है। इस तरह से उधार देकर आप अपना ही नुकसान करवा लेते हैं।

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