नई दिल्ली : इन दिनों आपको कई जगह कमर्शल बैंकों की तुलना में स्मॉल फाइनैंस बैंक (SFB) की ओर से FD पर अधिक ब्याज दर ऑफर करते बड़े-बड़े पोस्टर दिखाई दे रहे होंगे। हालांकि, बड़े कमर्शल बैंकों जैसे SBI, HDFC, बैंक ऑफ बड़ौदा आदि में पिछले दो महीने में FD पर मिलने वाले इंटरेस्ट रेट में जो बढ़त थी, वह तो पहले ही सुस्त हो चुकी है और कुछ बैंकों ने तो इसे घटाना भी शुरू कर दिया है। जानकारों का कहना है कि अब RBI रीपो रेट में बढ़ोतरी का दौर खत्म करने की तरफ बढ़ रहा है, क्योंकि महंगाई कम हो रही है। ऐसे में FD की दरों में इजाफे के दौर का समय भी रुक कर वापस कुछ नीचे जाने का समय शुरू हो गया है। लेकिन स्मॉल फाइनैंस बैंकों की ओर से अभी भी FD पर दी जा रही आकर्षक ब्याज दरें आम आदमी के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुईं हैं।
जानकारों का कहना है कि बैंक FD में जोखिम काफी कम रहने, आकर्षक गारंटीशुदा रिटर्न के चलते पिछले काफी समय से बैंक FD सबसे पसंदीदा निवेश विकल्प बना हुआ है। Transcend Capital के CEO कार्तिक झवेरी से जब स्मॉल फाइनैंस बैंकों की ओर से दिए जा रहे आकर्षक FD रिटर्न के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि ये सारे बैंक RBI से लाइसेंस लेकर काम कर रहे हैं और उसकी निगरानी में हैं। इसलिए मन में शंका रखने की जरूरत नहीं है। स्मॉल बैंकों को अल्ट्रा स्मॉल बिजनेस से जुड़े जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरू किया था। यहां लोन पर ब्याज दरें ज्यादा होती हैं।
कार्तिक झवेरी कहते हैं, 'बड़े बैंकों में अर्निंग और कॉस्ट के बीच जितना मार्जिन होता है, वह FD पर जमा दर के रूप में दी जाती है। वहीं, SFB में लोन पर ब्याज दरें ज्यादा होती हैं, तो मार्जिन भी ज्यादा होता है और ऐसे में वे FD पर ब्याज दर भी ज्यादा दे पाते हैं। लेकिन अगर आपके पास 100 रुपये FD के लिए हैं तो उसमें से 20-30 पर्सेंट SFB में डाल सकते हैं, बाकी राशि बड़े कर्मशल बैंकों में रखें। फिनकेयर, उज्जीवन, उत्कर्ष, यूनिटी, जना, सूर्योदय से लेकर लगभग सभी अग्रणी स्मॉल फाइनैंस बैंक FD पर 9% तक का ब्याज और कुछ में सीनियर सीटिजन के लिए 9% से भी ज्यादा ऑफर कर रहे हैं।
MMW फाइनैंशल सर्विसेज के फाइनैंस मेंटॉर विशेष गांधी कहते हैं, 'अगर निवेशक की जोखिम लेने की क्षमता अच्छी है तो वह स्मॉल फाइनैंस बैंक की FD की तरफ रुख करे। वजह यह है कि SFB में क्रेडिट रिस्क शामिल होता है और इनकी क्रेडिट रेटिंग बड़े कर्मशल बैंकों के मुकाबले काफी पीछे होती है। यहां सही-गलत जैसा कुछ नहीं है। यह सिर्फ निवेशक की रिस्क लेने की क्षमता से जुड़ा मसला है।'
विशेष गांधी का मानना है कि लालच न करें। रिस्क नहीं ले सकते हैं, तो सिर्फ दो पर्सेंट ज्यादा रिटर्न के चक्कर में अपनी मेहनत की कमाई को ज्यादा जोखिम में न डालें। गांधी का कहना है कि अगर कोई SFB डिफॉल्ट होता है तो जमाकर्ता के लिए RBI की ओर से स्थापित बीमा राशि इतनी कम है कि आपके फाइनैंशल लक्ष्य को चोट पहुंच सकती है। एक निवेशक के लिए रिटर्न ऑन कैपिटल की बजाय रिटर्न ऑफ कैपिटल ज्यादा जरूरी है।
जानकारों का कहना है...
जानकारों का कहना है कि बैंक FD में जोखिम काफी कम रहने, आकर्षक गारंटीशुदा रिटर्न के चलते पिछले काफी समय से बैंक FD सबसे पसंदीदा निवेश विकल्प बना हुआ है। Transcend Capital के CEO कार्तिक झवेरी से जब स्मॉल फाइनैंस बैंकों की ओर से दिए जा रहे आकर्षक FD रिटर्न के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि ये सारे बैंक RBI से लाइसेंस लेकर काम कर रहे हैं और उसकी निगरानी में हैं। इसलिए मन में शंका रखने की जरूरत नहीं है। स्मॉल बैंकों को अल्ट्रा स्मॉल बिजनेस से जुड़े जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरू किया था। यहां लोन पर ब्याज दरें ज्यादा होती हैं।
SFB क्यों देते हैं ज्यादा ब्याज?
कार्तिक झवेरी कहते हैं, 'बड़े बैंकों में अर्निंग और कॉस्ट के बीच जितना मार्जिन होता है, वह FD पर जमा दर के रूप में दी जाती है। वहीं, SFB में लोन पर ब्याज दरें ज्यादा होती हैं, तो मार्जिन भी ज्यादा होता है और ऐसे में वे FD पर ब्याज दर भी ज्यादा दे पाते हैं। लेकिन अगर आपके पास 100 रुपये FD के लिए हैं तो उसमें से 20-30 पर्सेंट SFB में डाल सकते हैं, बाकी राशि बड़े कर्मशल बैंकों में रखें। फिनकेयर, उज्जीवन, उत्कर्ष, यूनिटी, जना, सूर्योदय से लेकर लगभग सभी अग्रणी स्मॉल फाइनैंस बैंक FD पर 9% तक का ब्याज और कुछ में सीनियर सीटिजन के लिए 9% से भी ज्यादा ऑफर कर रहे हैं।
'क्रेडिट रेटिंग देखें'
MMW फाइनैंशल सर्विसेज के फाइनैंस मेंटॉर विशेष गांधी कहते हैं, 'अगर निवेशक की जोखिम लेने की क्षमता अच्छी है तो वह स्मॉल फाइनैंस बैंक की FD की तरफ रुख करे। वजह यह है कि SFB में क्रेडिट रिस्क शामिल होता है और इनकी क्रेडिट रेटिंग बड़े कर्मशल बैंकों के मुकाबले काफी पीछे होती है। यहां सही-गलत जैसा कुछ नहीं है। यह सिर्फ निवेशक की रिस्क लेने की क्षमता से जुड़ा मसला है।'
लालच न करें
विशेष गांधी का मानना है कि लालच न करें। रिस्क नहीं ले सकते हैं, तो सिर्फ दो पर्सेंट ज्यादा रिटर्न के चक्कर में अपनी मेहनत की कमाई को ज्यादा जोखिम में न डालें। गांधी का कहना है कि अगर कोई SFB डिफॉल्ट होता है तो जमाकर्ता के लिए RBI की ओर से स्थापित बीमा राशि इतनी कम है कि आपके फाइनैंशल लक्ष्य को चोट पहुंच सकती है। एक निवेशक के लिए रिटर्न ऑन कैपिटल की बजाय रिटर्न ऑफ कैपिटल ज्यादा जरूरी है।