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कम समय में चाहते हैं बंपर मुनाफा, तो यहां करें निवेश

बाजार में निवेश के ऐसे कई साधन मौजूद हैं, जिनमें निवेश न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि बाजार की अस्थिरता से भी उनका अधिक लेना-देना नहीं है। सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले कम ब्याज दरों के कारण लोग कुछ ऐसे ही विकल्पों की तलाश में रहते हैं...

इकनॉमिक टाइम्स 29 Oct 2018, 2:07 pm
रिजू मेहता, नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम fund

हर व्यक्ति चाहता है कि उसका निवेश जोखिम रहित और बाजार की अस्थिरता से मुक्त हो। हालांकि, हर तरह के निवेश में यह संभव नहीं है, खासकर शेयर बाजार के संदर्भ में बात करें तो। फिर भी बाजार में निवेश के ऐसे कई साधन मौजूद हैं, जिनमें निवेश न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि बाजार की अस्थिरता से भी उनका अधिक लेना-देना नहीं है। सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले कम ब्याज दरों के कारण लोग कुछ ऐसे ही विकल्पों की तलाश में रहते हैं। आइए, हम आपको निवेश के कुछ ऐसे ही विकल्पों से रूबरू कराते हैं।

डेट फंड्स
डेट फंड्स ट्रेजरी बिल्स, गवर्नमेंट सिक्यॉरिटीज, कॉमर्शियल पेपर्स, बांड और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स आदि में निवेश करते हैं। आईएलएंडएफएस समूह के डिफॉल्ट होने के बाद पैदा हुए संकट के बावजूद बाजार के विशेषज्ञ रेट हाइक्स के प्रति अधिक संवेदनशील लॉन्ग टर्म डेट फंड्स की तुलना में इस तरह के फंड्स में निवेश की सलाह देते हैं। इसके अलावा, ये फंड्स अन्य फंड्स की तुलना में छोटी अवधि के निवेश के लिहाज से सुरक्षित हैं।

लिक्विड फंड्स
अवधिः ये ओपन एंड फंड होते हैं, जो डेट तथा मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। इनकी परिपक्वता अवधि 91 दिनों से कम की होती है।
कैटिगरी औसत रिटर्नः 6.68 प्रतिशत
इसमें क्यों करें निवेशः आकस्मिक फंड बनाने के लिए। अचानक पास आई नकदी के निवेश के लिए।

अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन
अवधिः ये डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। इनकी परिपक्वता अवधि तीन से छह महीने के बीच होती है।
कैटिगरी औसत रिटर्नः 5.78 फीसदी
क्यों करें इसमें निवेशः डेट से इक्विटी फंड्स में सिस्टमेटिक ट्रांसफर के लिए।

लो ड्यूरेशन
अवधिः ये डेट तथा मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। इनकी परिपक्वता अवधि छह से 12 महीनों के बीच होती है।
कैटिगरी औसत रिटर्नः 6.20 प्रतिशत
क्यों करें इसमें निवेशः आकस्मिक जरूरत के लिए कोष बनाने और सिस्टमेटिक ट्रांसफर या विद्ड्रॉल के लिए।

मनी मार्केट
अवधिः ये मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। इनकी परिपक्वता अवधि एक साल तक की होती है।
कैटिगरी औसत रिटर्नः 6.79 प्रतिशत
क्यों करें इसमें निवेशः बाजार की अस्थिरता की स्थिति में इक्विटी से पैसे निकालकर इसमें निवेश कर नुकसान से बचा जा सकता है।

शॉर्ट ड्यूरेशन
अवधिः ये डेट तथा मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। इनकी परिपक्वता अवधि एक साल से तीन साल के बीच होती है।
कैटिगरी औसत रिटर्नः 4.41 प्रतिशत
इसमें क्यों करें निवेशः तीन से चार साल की छोटी अवधि के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए।

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अन्य विकल्प

फिक्स्ड डिपॉजिट
अवधिः कम से कम एक साल।
ब्याज दरः सभी बैंकों के अलग-अलग
न्यूनतम निवेशः अधिकांश बैंकों में न्यूनतम एफडी 25 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये के बीच होती है। हालांकि, अलग-अलग बैंकों के लिए यह अलग-अलग हो सकती है।
कराधानः अगर एक साल में कमाई गई ब्याज की रकम 10,000 रुपये से अधिक है, तो ब्याज की रकम पर 10 प्रतिशत के हिसाब से कर कटेगा। एफडी में ब्याज से आय पूरी तरह कर के अधीन है।

रेकरिंग डिपॉजिट
अवधिः सामान्यतः छह महीने से लेकर एक साल तक के लिए, लेकिन इसे 10 साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। मैच्योर होने से पहले और बीच में रकम नहीं निकाली जा सकती।
न्यूनतम निवेशः इसे कम से कम 10 रुपये से शुरू किया जा सकता है।
कराधानः अगर एक साल में कमाई गई ब्याज की राशि 10 हजार रुपये से अधिक है, तो 10 फीसदी की दर से कर लगेगा।

शॉर्ट टर्म फिक्स्ड डिपॉजिट
अवधिः सात दिनों से लेकर 12 महीने से कम की अवधि के लिए।
ब्याज दरः 3.5-6.75 प्रतिशत
न्यूनतम निवेशः इसमें न्यूनतम 100 रुपये का निवेश किया जा सकता है, लेकिन यह अलग-अलग बैंकों के लिए अलग होता है। निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
कराधानः ब्याज से कमाई गई राशि पूरी तरह कर के अधीन है। यह आय पर निर्भर करता है और टैक्स स्लैब के आधार पर कर की राशि तय होगी।

पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट
अवधिः 1,2,3 और 5 साल
ब्याज दरः 6.9-7.8 प्रतिशत सालाना
न्यूनतम निवेशः 200 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है। निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
कराधानः आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये का कर लाभ केवल पांच साल के निवेश पर लागू होगा। छोटी अवधि में निवेश पर यह लाभ नहीं मिलेगा।

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