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आम्रपाली के अटके पड़े फ्लैट्स में 8 फरवरी से दोबारा काम शुरू करेगा NBCC

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के होम बायर्स को राहत देने के लिए अटके प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने की जिम्मेदारी एनबीसीसी को सौंप दी थी। उसके बाद कॉर्पोरेशन ने आम्रपाली के अटके पड़े सारे हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स का जायजा लिया और इन्हें पूरा करने की रजामंदी दी।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 25 Jan 2019, 12:46 pm

हाइलाइट्स

  • एनबीसीसी आम्रपाली के अटके प्रॉजेक्ट्स को दो चरणों में पूरा करेगा.
  • पहले चरण में नोएडा के सफायर वन और सफायर टू एवं ग्रेटर नोएडा के कैसल हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स के काम शुरू होंगे.
  • दूसरे चरण में फंड मिलने के बाद ड्रीम वैली और सेंचुरियम पार्क का काम शुरू होगा.
  • आम्रपाली के 46 हजार होम बायर्स करीब 10 वर्षों से फ्लैट्स आवंटित होने का इंतजार कर रहे हैं
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अमित आनंद चौधरी, नई दिल्ली
आम्रपाली के हजारों होम बायर्स का करीब-करीब दशक भर का इंतजार खत्म होता दिख रहा है। सरकारी कंपनी नैशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (NBCC) 8 फरवरी से आम्रपाली के निर्माणाधीन फ्लैटों को पूरा करने का काम शुरू करने जा रहा है। उसका दावा है कि वह एक साल के अंदर 2,643 फ्लैट्स बनाकर आवंटित कर देगा।
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश में काम कर रहे एनबीसीसी अधिकारियों ने होम बायर्स के कानूनी प्रतिनिधि एमएल लाहोटी के साथ मीटिंग की और निर्माणाधीन फ्लैट्स का निर्माण कार्य शुरू करने का ब्लूप्रिंट तैयार किया। गौरतलब है कि आम्रपाली के 46 हजार होम बायर्स वर्षों से फ्लैट आवंटन का इंतजार कर रहे हैं।

प्रपोजल के मुताबिक, एनबीसीसी पहले चरण में नोएडा के सफायर वन और सफायर टू के अलावा ग्रेटर नोएडा के कैसल हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स का काम शुरू करेगा। इसमें 77.54 करोड़ रुपये की लागत आएगी। कॉर्पोरेशन ने कहा कि 2,643 फ्लैट्स बनाकर आवंटित कर दिए जाएंगे। एनबीसीसी पहले चरण में जिन तीन प्रॉजेक्ट्स पर काम करने जा रहा है, उनका निर्माण कार्य 2011 में शुरू हुआ था।

कॉर्पोरेशन ने कहा कि दूसरे चरण में फंड मिलने के बाद ड्रीम वैली और सेंचुरियम पार्क का काम शुरू होगा। उसने कहा कि इन दोनों प्रॉजेक्ट्स में काम शुरू होने के एक साल के अंदर 679 फ्लैट्स आवंटित कर दिए जाएंगे।

ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के शीर्ष अधिकारियों को पुलिस हिरासत में भेजकर कंपनी के खातों की फरेंसिक ऑडिट का आदेश दिया था। उन अधिकारियों को पुलिस हिरासत में होटल में रखा गया था ताकि वे हर दिन ऑफिस जाकर जांच टीम को सारे दस्तावेज सौंप सकें।

सर्वोच्च अदालत ने होम बायर्स को राहत देने के लिए अटके प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने की जिम्मेदारी एनबीसीसी को सौंप दी थी। उसके बाद कॉर्पोरेशन ने आम्रपाली के अटके पड़े सारे हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स का जायजा लिया और इन्हें पूरा करने की रजामंदी दी। उसने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तीन साल में काम पूरा हो जाएगा। इसके लिए उसने 85 अरब रुपये की जरूरत बताई।

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