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IT सेक्टर में छंटनी की खबर ने बिल्डरों की बढ़ाई टेंशन

देश में बड़ी संख्या में रोजगार देने वाले इन्फ़र्मेशन टेक्नॉलजी सेक्टर में छंटनी की आशंका से...

इकनॉमिक टाइम्स 18 May 2017, 8:29 am
कैलाश बाबर & सोबिया खान, मुंबई & बेंगलुरु
नवभारतटाइम्स.कॉम job cut

देश में बड़ी संख्या में रोजगार देने वाले इन्फ़र्मेशन टेक्नॉलजी सेक्टर में छंटनी की आशंका से देश के उन शहरों में रियल एस्टेट कंपनियों की चिंता बढ़ गई है जिन्हें आईटी हब कहा जाता है। रेजिडेंशल प्रॉपर्टी की सेल्स में हाल के समय में तेजी आई है, लेकिन अगर आईटी कंपनियों में छंटनी का दौर चलता है तो बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, चेन्नै और गुड़गांव सहित कई बड़े शहरों में प्रॉपर्टी मार्केट में मंदी आ सकती है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के चीफ इकनॉमिस्ट और नैशनल डायरेक्टर सामंतक दास ने कहा, 'रेजिडेंशल प्रॉपर्टी मार्केट काफी हद तक सेंटीमेंट से चलता है। इसके लिए स्थिर नौकरी और आमदनी महत्वपूर्ण कारण हैं क्योंकि होमबायर्स की एक बड़ी संख्या होम लोन पर निर्भर करती है, जो एक लंबी अवधि की वित्तीय देनदारी है।'

देश में अभी इन्फ़र्मेशन टेक्नॉलजी और आईटी से जुड़ा सर्विसेज सेक्टर इकॉनमी में बड़ा योगदान दे रहा है और यह रोजगार का भी एक प्रमुख सोर्स है। हाल के समय में मीडिया में कॉग्निजेंट, इंफोसिस और विप्रो जैसी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में छंटनी किए जाने की रिपोर्ट्स आई थीं। इससे इंडस्ट्री में चिंता का माहौल है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्थिति खराब नहीं है, विशेषतौर पर ऐसे समय में जब रेजिडेंशल प्रॉपर्टी मार्केट में रिकवरी देखी जा रही है।

अफोर्डेबल हाउसिंग पर सरकार के जोर, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इंटरेस्ट में छूट और कम ब्याज दरों के कारण मार्च में समाप्त हुए क्वॉर्टर में देश के टॉप आठ शहरों में रेजिडेंशल सेल्स क्वॉर्टर-दर-क्वॉर्टर के आधार पर 21 पर्सेंट बढ़ी थी। लायसेस फोरास रियल एस्टेट रेटिंग ऐंड रिसर्च के डेटा के अनुसार, कोलकाता में सेल्स में सबसे अधिक 47 पर्सेंट की वृद्धि रही थी। हैदराबाद में बढ़ोतरी 43 पर्सेंट और अहमदाबाद में 30 पर्सेंट की थी। जनवरी-मार्च के दौरान इन शहरों में 61,214 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो दिसंबर में समाप्त हुए क्वॉर्टर में 50,788 यूनिट्स की थी।

दिसंबर क्वॉर्टर में सरकार के नोटबंदी के कदम का प्रॉपर्टी सेल्स पर असर पड़ा था। बेंगलुरु की रियल्टी कंपनी ब्रिगेड एंटरप्राइजेज के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (रेजिडेंशल) ओम आहूजा ने कहा, 'वास्तविक स्थिति अलग है क्योंकि विदेश में स्किल्ड प्रफेशनल्स की कम उपलब्धता और वीजा पॉलिसी से जुड़ी समस्याओं के कारण भारत में और नौकरियां आने का अनुमान है।' उन्होंने बताया कि देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने हाल ही में बेंगलुरु में 3.75 लाख स्क्वेयर फीट ऑफिस स्पेस लीज पर लिया है और यह छंटनी की आशंका को गलत बताने वाला संकेत है।

सरकार ने मंगलवार को कहा था कि आईटी इंडस्ट्री ने उसे आश्वासन दिया है कि इस सेक्टर में बड़े स्तर पर नौकरियां नहीं जाएंगी। इस वर्ष की शुरुआत में देश में सॉफ्टवेयर कंपनियों के संगठन नैस्कॉम ने 2016-17 में आईटी सेक्टर की ग्रोथ का अनुमान घटाकर 8-10 पर्सेंट कर दिया था।

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