सुंदरम म्यूचुअल फंड के इक्विटी हेड एस कृष्ण कुमार ने ईटी नाउ को दिए इंटरव्यू में बताया कि भारत की ग्रोथ स्टोरी अभी भी अट्रैक्टिव है और नोटबंदी की मुहिम को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) से जोड़कर देखा जाना चाहिए, जिसे अगले फाइनेंशियल ईयर में लागू किया जाएगा:
क्या यह शेयर बाजार में पैसे लगाने का अच्छा टाइम है या आप इनवेस्टमेंट के लिए बाजार में और करेक्शन का इंतजार करेंगे?
निवेशकों को जिस करेक्शन का इंतजार था, वह हो चुका है। उधर, नोटबंदी का असर इकनॉमी के सभी सेगमेंट पर पड़ रहा है। शॉर्ट टर्म में इससे डिमांड कम होगी और कंपनियों को नुकसान होगा। हालांकि, धीरे-धीरे हालात सुधर रहे हैं। मुझे लगता है कि जनवरी-मार्च 2017 क्वॉर्टर में बिजनेस और इकनॉमी नोटबंदी के असर से पूरी तरह उबर जाएंगे। इसलिए हम उन कंपनियों में निवेश की सलाह देंगे, जिनमें अच्छा करेक्शन हो चुका है। उधर, डॉनल्ड ट्रंप के अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद वहां राहत पैकेज और टैक्स कट की अटकलें लग रही हैं। इसलिए आपको पोर्टफोलियो को संतुलित करने की जरूरत है। आप उन साइक्लिकल कंपनियों में पैसे लगा सकते हैं, जिनका बिजनेस ग्लोबल है।
पिछले हफ्ते ओपेक ने ऑयल प्रॉडक्शन के मामले में डिसिप्लिन की बात कही थी। इसलिए आगे चलकर कमोडिटी प्राइसेज में तेजी आ सकती है। वहीं, कई देशों में फिस्कल पैकेज भी दिए जा सकते हैं। इसका फायदा ग्लोबल साइक्लिकल कंपनियों को मिलेगा।
क्या अभी मल्टी-कैप फंड्स में निवेश करना चाहिए?
पाकिस्तान पर भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पिछले कुछ महीनों में बाजार में गिरावट आई है। इसके बाद ट्रंप की जीत और नोटबंदी जैसी इवेंट्स सामने आईं, जिनसे मार्केट में और करेक्शन हुआ। इस गिरावट में लार्ज कैप से लेकर स्मॉल कैप स्टॉक्स सबकी कीमत कम हुई है। लार्ज कैप स्टॉक्स में जहां 10 से 15 पर्सेंट का करेक्शन हुआ है, वहीं स्मॉल और मिडकैप स्टॉक्स पिछले कुछ महीनों में 20 से 30 पर्सेंट तक फिसले हैं। इससे स्टॉक्स का वैल्यूएशन कम हुआ है। खासतौर पर मिड और स्मॉल कैप सेगमेंट में। सेंटीमेंट रिकवर करने पर बाजार में तेजी आएगी। भारत की ग्रोथ स्टोरी सही ट्रैक पर है। आपको नोटबंदी को जीएसटी से जोड़कर देखना चाहिए। इससे ऑर्गनाइज्ड सेक्टर को फायदा होगा। इमर्जिंग मार्केट्स में हमें भारतीय बाजार पसंद है। हमारा मानना है कि लॉन्ग टर्म में यहां अच्छी ग्रोथ दिखेगी और आपको लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप सभी सेगमेंट में अच्छे स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए।
क्या अभी आप अपनी टॉप एक या दो थीम के बारे में बता सकते हैं?
मीडियम से लॉन्ग टर्म में कंजम्पशन सबसे बड़ी थीम है। इसे फाइनेंशियल और फाइनेंशियल इनक्लूजन से सपोर्ट मिलेगा। हम इन पर लॉन्ग टर्म में बुलिश नजरिया रखते हैं। शॉर्ट टर्म में इन दोनों को अनिश्चितता बढ़ने से नुकसान हुआ है। शॉर्ट टर्म में डिमांड कम होने और स्ट्रेस बढ़ने की आशंका है। पहले इन सेक्टर्स का प्रदर्शन अच्छा था। अभी आपको इनमें अट्रैक्टिव लेवल पर कई स्टॉक्स मिल जाएंगे। एक फंड मैनेजर के तौर पर मैं एनर्जी और मैटीरियल्स सेक्टर में धीरे-धीरे निवेश बढ़ाने के हक में हूं। किसी एक थीम के बजाय मैं डायवर्सिफाइड और बैलेंस्ड पोर्टफोलियो बनाने की सलाह दूंगा।
एनबीएफसी के बारे में आपकी क्या राय है?
नोटबंदी के बाद नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के लोन पोर्टफोलियो पर दबाव बढ़ा है क्योंकि उनके कलेक्शन में गिरावट आई है। अभी इन कंपनियों ने लोन बांटना बंद कर दिया है और उन पर स्ट्रेस भी बढ़ा है। इसलिए दिसंबर क्वॉर्टर में एनबीएफसी कंपनियों के बैड लोन पर कुछ दबाव बढ़ सकता है। इसलिए इस सेगमेंट में कुछ समय तक सेलिंग जारी रह सकती है। जनवरी में इस सेगमेंट को लेकर तस्वीर साफ होगी। हमारा मानना है कि इनवेस्टर्स को इस सेगमेंट पर ध्यान देना चाहिए। अभी जिन वजहों से एनबीएफसी स्टॉक्स में गिरावट आई है, वे बहुत समय तक जारी नहीं रहने वालीं।