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नवंबर में बजट अनुमान का 114.8% रहा फिस्कल डेफिसिट

[ ईटी ब्यूरो | नई दिल्ली ]फिस्कल डेफिसिट नवंबर के अंत तक 2019-20 के बजट एस्टिमेट के 114...

इकनॉमिक टाइम्स 1 Jan 2020, 9:00 am

[ ईटी ब्यूरो | नई दिल्ली ]

फिस्कल डेफिसिट नवंबर के अंत तक 2019-20 के बजट एस्टिमेट के 114.8% पर पहुंच गया था। इससे पता चलता है कि सरकार को बजट टारगेट हासिल करने में कैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 30 नवंबर 2019 को सरकार का फिस्कल डेफिसिट 8.07 लाख करोड़ रुपये के लेवल पर पहुंच गया था। मंगलवार को जारी कंट्रोलर जनरल ऑफ एकाउंट्स (CGA) के डेटा से इसका पता चला। सरकार का खर्च जब उसकी कुल आमदनी से ज्यादा हो जाता है, तब फिस्कल डेफिसिट की स्थिति पैदा होती है। पिछले साल नवंबर में भी सरकार का फिस्कल डेफिसिट 114.8% के लेवल पर था।

सरकार ने इस साल जुलाई में पेश यूनियन बजट में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए फिस्कल डेफिसिट को जीडीपी के 3.3% पर सीमित करने का टारगेट तय किया था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार के लिए मौजूदा वित्त वर्ष का फिस्कल डेफिसिट टारगेट हासिल करना ज्यादा मुश्किल हो गया है। इकरा की प्रिंसिपल इकनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा, 'टैक्स कलेक्शन में संभावित कमी, टेलीकॉम लाइसेंस होल्डर्स से मिलनेवाले इनफ्लो और डिसइनवेस्टमेंट से हासिल होनेवाली रकम को लेकर क्लैरिटी नहीं होने के चलते सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट में तेज उछाल की स्थिति से बचने के लिए खर्च में कटौती कर सकती है।'

मौजूदा वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के लिए खर्च की सीमा घटाकर सरकार ने खर्च में कटौती करने की अपनी मंशा पहले ही जता दी है। सोमवार को फाइनेंस मिनिस्ट्री ने सभी विभागों से कहा था कि वे मार्च तिमाही में अपना खर्च बजट एस्टिमेट के 25% तक सीमित रखें, जिसकी लिमिट पहले 33% थी। पिछले महीने सरकार ने व्यय को 15% के बजाय 10% पर सीमित कर दिया था। नई गाइडलाइंस के मुताबिक मौजूदा तिमाही के पहले दो महीनों में व्यय 18% के बजट एस्टिमेट के मुकाबले 15% से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

बहुत सी इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसियों ने सरकार के फिस्कल स्लिपेज को लेकर फोरकास्ट जारी किए हैं। फिच रेटिंग्स ने अपने अनुमान में कहा है कि इस वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट बढ़कर जीडीपी के 3.7% तक जा सकता है। सरकार का रेवेन्यू डेफिसिट यानी प्रोजेक्टेड और रियलाइज्ड नेट इनकम का अंतर 6.23 लाख करोड़ यानी बजट एस्टीमेट के 128.3% के बराबर रहा। दूसरी तरफ सरकार का कुल खर्च 18.2 लाख करोड़ रुपये रहा जो 27.86 लाख करोड़ रुपये के बजट एस्टीमेट के 65.5% के बराबर है।

आंकड़ों के मुताबिक सरकार का नेट टैक्स रेवेन्यू नवंबर में बजट एस्टिमेट के आधे से कम (45.5%) यानी 7.5 लाख करोड़ रुपये रहा। ऐसे में सरकार के पास एस्टीमेट टैक्स रेवेन्यू और नेट रेवेन्यू कलेक्शन का फर्क पाटने के लिए चार महीने से कम का वक्त रह गया था।

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