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Equity Allocation: आपकी उम्र से शेयरों में निवेश का नहीं है कोई संबंध, जानिए क्यों कह रहे हैं विनय आहुजा

मसलन अगर आप 30 साल के हैं तो 100 में 30 घटाने पर 70 बचता है और आपके पोर्टफोलियो में 70 फ़ीसदी हिस्सेदारी शेयरों की हो सकती है।

Edited byAmit Tyagi | ET CONTRIBUTORS 25 Jul 2021, 10:53 pm
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम investment equity

शेयर बाजार में निवेश के लिए आमतौर पर लोग उम्र के हिसाब से सलाह देते हैं। आपके पोर्टफोलियो में शेयरों की हिस्सेदारी कितनी हो इसके लिए एक आम नियम यह है कि 100 में से अपनी उम्र को घटाने के बाद जो हिस्सा बचता है उतना परसेंटेज इक्विटी में निवेश किया जाना चाहिए। मसलन अगर आप 30 साल के हैं तो 100 में 30 घटाने पर 70 बचता है और आपके पोर्टफोलियो में 70 फ़ीसदी हिस्सेदारी शेयरों की हो सकती है। IIFL वेल्थ के ED विनय आहुजा ने उम्र और शेयर में कोई संबंध नहीं बताया है।

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जोखिम लेने की क्षमता
इस धारणा के पीछे सोच यह है कि जब आप बड़े होते हैं तो जोखिम लेने की आप की क्षमता और आपकी इच्छा कम हो जाती है। इस वजह से आपको शेयरों में अपना निवेश कम करने के लिए कहा जाता है। अगर आप गंभीरता से सोचें तो वास्तव में यह नियम सभी पर एक साथ लागू नहीं होता।

एक उदाहरण से समझें
अगर हम राम और श्याम नाम के 45 साल की उम्र के 2 लोगों की बात करें तो इसे अच्छे से समझा जा सकता है। राम की एक अच्छी नौकरी है, बढ़िया वेतन है। वे एक होम लोन चुका रहे हैं और उन पर कोई जिम्मेदारी नहीं है। राम की शादी नहीं हुई है। दूसरी तरफ श्याम है जिनके 15 साल और 12 साल के दो बच्चे हैं। उनकी भी जॉब अच्छी है और वेतन बढ़िया मिलता है, लेकिन उनके पास होम लोन और कार लोन जैसी देनदारी भी है।

एक नियम सब पर नहीं
अगर इक्विटी एलोकेशन के आम नियम की बात करें तो दोनों को अपने पोर्टफोलियो का 55% शेयरों में निवेश करना चाहिए। यह दोनों लोगों के हिसाब से फिट नहीं बैठता। श्याम के पास अधिक जिम्मेदारियां हैं और उनका परिवार है, जिसकी देखभाल करनी पड़ेगी। इस हिसाब से उनकी जोखिम लेने की क्षमता कम है। दूसरी तरफ राम के पास जिम्मेदारियां कम है और वह शेयर में ज्यादा निवेश कर सकते हैं।

वारेन बफे की सीख
निवेश की दुनिया के शहंशाह माने जाने वाले वारेन बफेट ने एक बार अपनी पत्नी के लिए एक निवेश प्लान शेयर किया। उनके निवेश प्लान में अधिकतर रिटायर लोगों को दिए जाने वाले सलाह के उलट बातें लिखी गई थी। उन्होंने लिखा था कि उनकी मृत्यु के बाद संपत्ति के ट्रस्टी को कुल रकम का 90 फीसदी स्टॉक इंडेक्स फंड में निवेश करना चाहिए और 10 फीसदी रकम छोटी अवधि के गवर्नमेंट बॉन्ड में डालना चाहिए।

शेयर में निवेश कई चीजों पर निर्भर
वास्तव में इक्विटी एलोकेशन के लिए किसी एक नियम की जगह कई बातें काम करती है। एक आम निवेशक के रूप में आप के जोखिम लेने की क्षमता अलग-अलग हो सकती है। अगर आप जोखिम उठा सकते हैं तो शेयरों में निवेश बढ़ा सकते हैं।

निवेश की अवधि महत्वपूर्ण
निवेश की अवधि एसेट एलोकेशन के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण कदम है। एक निवेशक के रूप में अगर आपको अगले 2 से 5 साल में पैसे की जरूरत है तो शेयरों में बहुत ज्यादा निवेश करने से फायदा नहीं है। अगर आपके वित्तीय लक्ष्य लंबी अवधि के हैं और आप अपने निवेश को 5 से 7 साल का समय दे सकते हैं तो आप अपने पोर्टफोलियो का ज्यादा हिस्सा इक्विटी में निवेश कर सकते हैं।

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लेखक के बारे में
Amit Tyagi
बिजनेस रिपोर्टिंग में 15 साल से अधिक का अनुभव. दिल्ली के लोकल मार्केट से लेकर एनसीआर से इंडस्ट्रियल क्लस्टर और एसएमई से लेकर रियल एस्टेट कारोबार तक की रिपोर्टिंग. साल 2014 से डिजिटल या न्यू मीडिया में बिजनेस, सक्सेस स्टोरी, मनी-मैटर, ट्रेंडिंग स्टोरी से जुड़ा कामकाज.... और पढ़ें

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