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Stock Market में कमजोरी नहीं आने की बड़ी वजह इन चीजों को मानते हैं एक्सपर्ट नीलेश शाह

शेयर बाजार में नकदी की आवक के हिसाब से बात करें तो खुदरा और एचएनआई निवेशकों के साथ घरेलू संस्थागत निवेशक, म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियां, पेंशन फंड और फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशक आदि इन दिनों खरीदार बने हुए हैं।​

Produced byAmit Tyagi | नवभारतटाइम्स.कॉम 19 Oct 2021, 5:35 pm
नई दिल्ली
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Stock News Hindi: पिछले करीब 6 महीने से शेयर बाजार में करेक्शन का अंदाजा लगाया जा रहा है। बहुत से एक्सपर्ट यह कह चुके हैं कि शेयर मार्केट में करेक्शन होना जरूरी है। शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों का वैल्यूएशन महंगा दिख रहा है और मार्केट की लगातार तेजी के लिए इसमें बीच-बीच में कमजोरी आना आवश्यक है।

शेयर बाजार में कमजोरी नहीं आने के पीछे कोटक एएमसी के एमडी निलेश शाह मानते हैं कि शेयर बाजार इस समय तीन चीजों से चल रहा है- नकदी की आवक, सेंटीमेंट और फंडामेंटल। अगर भारतीय शेयर बाजार में नकदी की आवक के हिसाब से बात करें तो खुदरा और एचएनआई निवेशकों के साथ घरेलू संस्थागत निवेशक, म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियां, पेंशन फंड और फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशक आदि इन दिनों खरीदार बने हुए हैं।

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शेयरों की बिकवाली कौन कर रहा?
इस समय शेयर बाजार में शेयरों की बिकवाली करने वाले सिर्फ प्रमोटर हैं जो अपनी हिस्सेदारी बेचकर कंपनी से बाहर निकलना चाहते हैं। अगर बात सेंटीमेंट की करें तो भारत की इकोनामी अब खुल रही है, ग्रोथ रेट में रिकवरी आ रही है और एक्टिविटी का लेवल कोरोनावायरस से पहले के लेवल पर पहुंच चुका है।

शेयरों का फन्डामेंटल
अगर फंडामेंटल की बात करें तो कंपनियों के नतीजे तुलनात्मक रूप से मजबूत आ रहे हैं। कोरोनावायरस के दूसरे चरण के संक्रमण के बाद भी जून तिमाही के नतीजे निवेशकों के अनुमान से बेहतर रहे हैं। इस हिसाब से इन तीनों चीजों को मिलाने के बाद शेयर बाजार छोटी मोटी चिंताओं को छोड़कर लगातार आगे बढ़ रहा है।

बाजार में करेक्शन के आसार
शेयर बाजार में तेजी और कमजोरी आम बात है। शेयर बाजार में करेक्शन की उम्मीद बहुत दिनों से की जा रही है। इसका जवाब हां है। अगर आप शेयर बाजार में भारी कमजोरी की आशंका की बात कर रहे हैं तो ऐसा होना संभव नहीं है। जब तक फंडामेंटल फैक्टर में बदलाव नहीं आता तब तक शेयर बाजार क्रैश नहीं कर सकता। कंपनियों का मुनाफा 10 साल के निचले स्तर से अब सुधरने लगा है।

कंपनियों का मुनाफा बढ़ा
वित्त वर्ष 2021 में कंपनियों का मुनाफा बढ़ा है जबकि जीडीपी की रिकवरी उस हिसाब से नहीं हो रही है। वित्त वर्ष 2022 में कंपनियों के मुनाफे की ग्रोथ रेट रिकॉर्ड दर पर पहुंच जाने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2023 में भी कुछ इसी तरह के रहने वाले हैं। देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या लगातार गिर रही है और इकनोमी को धीरे धीरे खोला जा रहा है।

कम ब्याज पर मिल रहे लोन
उम्मीद की जा रही है कि कोरोना टीकाकरण के आंकड़े जल्दी 100 करोड़ को पार कर जाएंगे। कम ब्याज दरों पर मिल रहे लोन की वजह से पैसा बाजार में आ रहा है। शेयर बाजार में करेक्शन आ सकता है लेकिन पिछले साल के 20 मार्च की तरह बाजार के क्रैश करने की आशंका नहीं है।

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लेखक के बारे में
Amit Tyagi
बिजनेस रिपोर्टिंग में 15 साल से अधिक का अनुभव. दिल्ली के लोकल मार्केट से लेकर एनसीआर से इंडस्ट्रियल क्लस्टर और एसएमई से लेकर रियल एस्टेट कारोबार तक की रिपोर्टिंग. साल 2014 से डिजिटल या न्यू मीडिया में बिजनेस, सक्सेस स्टोरी, मनी-मैटर, ट्रेंडिंग स्टोरी से जुड़ा कामकाज.... और पढ़ें

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