[ क्षितिज आनंद | ETMarkets.com ]
सिटीग्रुप, सीएलएसए, मॉर्गन स्टैनली और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच जैसी ग्लोबल ब्रोकरेज फर्मों ने अलग-अलग नोट्स में अपने क्लाइंट्स को निफ्टी50 में शामिल इन शेयरों के लिए बाय या इक्वल वेट रेटिंग दी है जो अगले एक साल में 20 पर्सेंट तक रिटर्न दे सकते हैं। टॉप ग्लोबल ब्रोकरेज फर्मों ने जून क्वॉर्टर के लिए इन कंपनियों के रिजल्ट आने के बाद ये रेटिंग बरकरार रखी हैं:
हिंडाल्को
बाय
टारगेट प्राइस ~170
सिटीग्रुप ने जून क्वॉर्टर के रिजल्ट के बाद हिंडाल्को के लिए बाय रेटिंग बरकरार रखी है। साथ ही, उसने इसके लिए टारगेट प्राइस पहले के 120 रुपये से बढ़ाकर 170 रुपये कर दिया है। इस ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक ने हिंडाल्को के कंसॉलिडेटेड एबिट्डा का अनुमान फिस्कल ईयर 2017 के लिए 14 पर्सेंट और फिस्कल ईयर 2018 के लिए 12 पर्सेंट बढ़ा दिया है। उसने इसके लिए ऊंची कीमतों और कम लागत का हवाला दिया है। हिंडाल्को सितंबर 2017 के अनुमानित एबिट्डा के 6.5 गुने पर ट्रेड कर रहा है, जबकि इसकी ग्लोबल प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के शेयर 5-10 गुने पर ट्रेड कर रहे हैं। सिटीग्रुप ने अपने नोट में कहा है कि आने वाले दिनों में उत्पादन क्षमता बढ़ने से इस शेयर का भाव बढ़ सकता है।
बैंक ऑफ बड़ौदा
बाय
टारगेट प्राइस ~175
सीएलएसए ने जून क्वॉर्टर का रिजल्ट आने के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए रेटिंग आउटपरफॉर्म से बढ़ाकर बाय कर दी है। उसने 12 महीनों के लिए इसका टारगेट प्राइस भी पहले के 170 रुपये से बढ़ाकर 175 रुपये कर दिया है। उसका कहना है कि एसेट क्वॉलिटी कमजोर है और पिछले वर्ष दिए गए लोन की अदायगी फंसने की दर अब भी 6 पर्सेंट पर है। बैंक ओवरसीज वर्किंग कैपिटल लोन में कमी लाकर अपने लोन पोर्टफोलियो को ऊंचे आरओए (रिटर्न ऑन एसेट) की ओर ले जाने की कोशिश कर रहा है। सीएलएसए का अनुमान है कि ज्यादा आरओए वाला लोन पोर्टफोलियो बनने से नेट इंटरेस्ट मार्जिन में सुधार हो सकता है। उसका मानना है कि नेट एनपीएल रेशियो कम होने और पूंजी के मामले में बेहतर स्थिति में होने के कारण बैंक ऑफ बड़ौदा ज्यादातर सरकारी बैंकों से अच्छी हालत में है।
सन फार्मा
इक्वल वेट
टारगेट प्राइस: ~846
मॉर्गन स्टैनली ने जून क्वॉर्टर के रिजल्ट के बाद सन फार्मा के लिए इक्वल वेट रेटिंग बनाए रखी है, लेकिन 12 महीनों के लिए इसका टारगेट प्राइस पहले के 805 रुपये से बढ़ाकर 846 रुपये कर दिया है। इस ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक का मानना है कि दो साल के फॉरवर्ड ईपीएस का असर इस शेयर के भाव में आ चुका है। मॉर्गन स्टैनली ने नोट में कहा कि रैनबैक्सी को खरीदने के बाद सन फार्मा उसके साथ कारोबारी तालमेल के चलते 30 करोड़ डॉलर के लाभ पाने की राह पर बनी हुई है। सन फार्मा ने फरवरी में अपना जेनेरिक ग्लीवेक लॉन्च किया था और उससे जून क्वॉर्टर का मुनाफा बढ़ने में मदद मिली, लेकिन नए कॉम्पिटीशन के चलते आने वाले दिनों में इसका असर कम ही रहेगा। यह शेयर अगले 12 महीनों में 750-850 रुपये की रेंज में रहना चाहिए।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
बाय
टारगेट प्राइस: ~300
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने जून क्वॉर्टर का नतीजा आने के बाद एसबीआई के लिए बाय रेटिंग बनाए रखी है, लेकिन 12 महीनों के लिए इसका टारगेट प्राइस पहले के 265 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया है। जून क्वॉर्टर के नतीजे में सबसे अच्छी बात एसेट क्वॉलिटी में दिखा अच्छा सुधार है। एग्रीकल्चर, रिटेल, कॉरपोरेट और एसएमई सहित सभी सेगमेंट्स में कर्ज फंसने की दर घटी है। ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक ने फाइनेंशियल ईयर 2018 के लिए एसबीआई के कर्ज फंसने की दर का अनुमान 5-7 पर्सेंट घटा दिया है। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच को उम्मीद है कि फाइनेंशियल ईयर 2017 में मुनाफे की ग्रोथ 27 पर्सेंट और 2018 में 43 पर्सेंट रहेगी।