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डेबिट कार्ड से खरीदारी पर कैशबैक टैक्सेबल

देश के फाइनैंशल कैपिटल के एक सीनियर बैंकर को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का लेटर मिला, जिसमें लिखा था कि डिपार्टमेंट उनके अकाउंट की जांच करना चाहता है। लेटर मिलने पर उन्होंने अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) से संपर्क किया।

इकनॉमिक टाइम्स 8 Nov 2016, 8:16 am
प्रतीक भक्ता, मुंबई
नवभारतटाइम्स.कॉम cashback on debit card is also taxable
डेबिट कार्ड से खरीदारी पर कैशबैक टैक्सेबल

देश के फाइनैंशल कैपिटल के एक सीनियर बैंकर को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का लेटर मिला, जिसमें लिखा था कि डिपार्टमेंट उनके अकाउंट की जांच करना चाहता है। लेटर मिलने पर उन्होंने अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) से संपर्क किया। उनके बहीखातों की पड़ताल में 1,500 रुपये की रकम पाई गई, जिसका जिक्र रिटर्न में नहीं हुआ था।

बैंकर ने पहचान जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, 'यह रकम मुझे अपने डेबिट कार्ड के जरिए हुए किसी ट्रांजैक्शन के लिए कैशबैक के तौर पर मिली थी। रकम इतनी छोटी थी कि इस पर मेरी नजर नहीं गई, लेकिन मुझे इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस मिल गया।'

चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का कहना है कि आजकल खरीदारी के वक्त कस्टमर्स की नजरें कैशबैक डील पर खूब रहती हैं, लेकिन वे भूल जाते हैं कि कुछ मामलों में यह सोर्स ऑफ इनकम माना जा सकता है और इस पर टैक्स लग सकता है। हालांकि यह रकम इतनी कम होती है कि टैक्स डिपार्टमेंट की नजरों में नहीं आती। हालांकि, इंटरनैशनल फ्लाइट टिकट, फॉरन होटल बुकिंग यहां तक कि बड़े कन्ज्यूमर ड्यूरेबल्स की ऑनलाइन खरीदारी पर 100 पर्सेंट जैसे कैशबैक की रकम बड़ी हो सकती है।

चार्टर्ड इन्वेस्टमेंट और इन्वेस्टमेंट अडवाइजर हर्ष रूंगटा कहते हैं, 'टेक्निकल तौर पर कैश बैक को इनकम टैक्स एक्ट के तहत अन्य स्रोत से होने वाली आय में शामिल किया जाना चाहिए। यह टैक्सेबल होगा क्योंकि कानूनन इस पर टैक्स छूट नहीं है।

हालांकि, कैशबैक की रकम आमतौर पर बहुत कम होती है, इसलिए ज्यादातर मामलों में वह दिमाग से निकल जाती है। कैशबैक की कुल रकम पर नजर रखना कन्ज्यूमर के लिए फायदेमंद हो सकता है।'

कैशबैक आमतौर पर खरीदारी पर डिस्काउंट के तौर पर लिया जाता है, लेकिन कई मामलों में खासतौर पर बिजनस ट्रांजैक्शन में खास पेमेंट के लिए बैंक अकाउंट में डायरेक्ट क्रेडिट कर दिया जाता है। अरविंद राव ऐंड असोसिएट्स के चार्टर्ड अकाउंटेंट अरविंद राव ने कहा, 'पर्सनल कन्जम्पशन पर मिलने वाला कैशबैक आमतौर पर खर्च घटाने के मकसद से दिया जाता है लेकिन अगर कोई एक्सपेंस बिजनस अकाउंट में क्लेम किया जा रहा है तो कैशबैक बिजनस या प्रफेशनल रिसीट के तौर पर टैक्सेबल होना चाहिए।'

पहले कैशबैक और रिवॉर्ड पॉइंट्स आमतौर पर क्रेडिट कार्ड से जुड़े होते थे और ड्यूज से अडजस्ट किए जाते थे। अब बैंक, मोबाइल वॉलेट से टक्कर लेने के लिए डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर रिवॉर्ड पॉइंट्स ऑफर करने लगे हैं।

इंडसइंड बैंक के टेक्नॉलजी हेड मृदुल शर्मा कहते हैं, 'कभी-कभार बैंक आपको रिवॉर्ड पॉइंट्स देते हैं, जिसको आप कुछ खास जगहों पर या खास तरह की खरीदारी पर रिडीम कराया जा सकता है। लेकिन अब हम कस्टमर्स के साथ अपने संपर्क को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हम कैशबैक सीधे कस्टमर के बैंक अकाउंट में क्रेडिट करने लगे हैं, जिससे उनका सैटिस्फैक्शन लेवल बढ़ता है।'

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