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GST के लिए फंड हाउसों ने लॉन्च की स्पेशल स्कीम्स

ICICI , HDFC एमएफ और बिड़ला एसएल ने ऐसे क्लोज एंडेड फंड्स लॉन्च किए हैं, जो नए टैक्स सिस्टम से अगले 3-5 साल में जिन कंपनियों को फायदा होने की उम्मीद है, उनमें निवेश करेंगे।

इकनॉमिक टाइम्स 27 Jun 2017, 8:54 am
प्रशांत महेश, मुंबई
नवभारतटाइम्स.कॉम GST
Experts believe that roll out of the new tax regime would add 1.5 percentage points to the economic growth and create a common market.

टॉप म्यूचुअल फंड्स ने ऐसी इक्विटी स्कीम्स लॉन्च की हैं, जो 1 जुलाई से नए टैक्स सिस्टम में शिफ्टिंग से बाजार में बनने वाले निवेश के मौके तलाशेंगे। म्यूचुअल फंड्स का कहना है कि शेयर बाजार फिलहाल महंगा है, इसलिए उनका फोकस वैल्यू स्टॉक्स पर होगा। साथ वे साथ ही हेजिंग भी करेंगे ताकि करेक्शन होने पर उनके पोर्टफोलियो को बहुत अधिक लॉस ना हो।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड और बिड़ला सनलाइफ म्यूचुअल फंड ने ऐसी इक्विटी स्कीम्स लॉन्च की हैं। ये साढ़े तीन साल तक की मैच्योरिटी वाली क्लोज एंडेड स्कीम्स हैं। बिड़ला सनलाइफ रिसर्जेंट इंडिया फंड, सीरीज 4 ऐसी कंपनियों में निवेश करेगा, जिन्हें गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू होने से अगले तीन साल में फायदा होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद ऑर्गनाइज्ड सेक्टर की कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी बढ़ेगी।

इस बारे में बिड़ला सनलाइफ म्यूचुअल फंड के सीईओ ए बालसुब्रमण्यम कहते हैं, ‘नोटबंदी के बाद जीएसटी लागू होने से देश की इकनॉमिक ग्रोथ तेज होगी और कंपनियों की प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार होगा। इससे कई कंपनियों की री-रेटिंग हो सकती है। निवेशकों के लिए कुछ सेक्टर्स में इनवेस्टमेंट का शानदार मौका बन सकता है, जिनको बदलाव से फायदा होने की उम्मीद है।’

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू फंड सीरीज 15 में इंफ्रास्ट्रक्चर और कॉन्ट्रेरियन स्टॉक्स (खासतौर पर कंपनियों को कर्ज देने वाले बैंक, आईटी और फार्मा) होंगे जबकि एचडीएफसी इक्विटी ऑपर्च्युनिटीज फंड सीरीज 2 का फोकस जीएसटी बेनेफिशियरीज के अलावा कॉरपोरेट बैंक और कैपिटल एक्सपेंडिचर साइकिल में रिकवरी पर होगा। इन थीम्स के अलावा आईसीआईसीआई और एचडीएफसी के एनएफओ में उन निवेशकों की दिलचस्पी हो सकती है, जिन्हें बाजार महंगा लग रहा है और जो अधिक उतार-चढ़ाव के डर से निवेश नहीं कर रहे हैं।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशल म्यूचुअल फंड के ईडी एस नरेन ने बताया, ‘ग्लोबल इकनॉमी में उथल-पुथल की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। शॉर्ट टर्म में भी बाजार में वोलैटिलिटी बढ़ने के आसार हैं। इसलिए निवेशक ऐसे फंड्स में पैसा लगाने की सोच सकते हैं, जिसमें करेक्शन होने पर वैल्यू में ज्यादा गिरावट होने के आसार नहीं हैं।’

आईसीआईसीआई प्रूडेंशल वैल्यू सीरीज 15 में वैल्यूएशन बढ़ने पर पोर्टफोलियो की हेजिंग भी की जाएगी। फंड पोर्टफोलियो के एक हिस्से की हेजिंग करने के लिए ऑप्शंस खरीदने का इरादा रखता है। नरेन ने कहा कि इससे करेक्शन होने पर पोर्टफोलियो की वैल्यू बचाने में मदद मिलेगी। करेक्शन के बाद बाजार के अट्रैक्टिव होने पर फंड धीरे-धीरे हेजिंग पोजिशन खत्म कर लेगा। इससे फंड को बेहतर रिटर्न हासिल करने में मदद मिलेगी।

एचडीएफसी इक्विटी ऑपर्च्युनिटीज फंड वैसे निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है, जो बेंचमार्क इंडेक्स के ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंचने की वजह से निवेश नहीं कर रहे हैं। उसकी नजर वैसे इनवेस्टर्स पर है, जो अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना चाहते हैं। फंड गिरावट का रिस्क कम करने के लिए तीन साल का लॉन्ग डेटेड निफ्टी पुट ऑप्शंस खरीदेगा। बाकी 92-95 पर्सेंट रकम एक्टिवली मैनेज्ड स्टॉक्स में लगाई जाएगी। इसका मतलब यह है कि अगर तीन साल बाद निफ्टी गिरकर 7,500 के लेवल तक चला जाता है तो स्कीम में पुट ऑप्शंस के कॉस्ट के बराबर ही गिरावट आएगी। करेक्शन की सूरत में इसके पोर्टफोलियो को सेफ्टी मिलेगी।

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