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इंडियन स्टार्टअप्स को ही ज्यादा कष्ट देगा गूगल टैक्स

गूगल टैक्स से मशहूर इक्वलाइजेशन लेवी की वजह से भारतीय कंपनियों और खासकर स्टार्टअप्स के लिए कम्प्लायंस...

ईटी 1 Jun 2016, 12:21 pm
सुरभी अग्रवाल, नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम google tax will vex indian startups more
इंडियन स्टार्टअप्स को ही ज्यादा कष्ट देगा गूगल टैक्स

गूगल टैक्स से मशहूर इक्वलाइजेशन लेवी से भारतीय कंपनियों और खासकर स्टार्टअप्स के लिए कम्प्लायंस कॉस्ट्स और अकाउंटिंग की पेचीदगियां बढ़ेंगी। वह भी ऐसे समय में जब सरकार देश में बिजनस को आसान बनाने के लिए कई कदम उठा रही है।

हालांकि, लेवी लगाने का मकसद गूगल और फेसबुक जैसे बड़ी इंटरनेट कंपनियों की भारत के विज्ञापनदाताओं से होनेवाली कमाई पर पिछले दरवाजे से टैक्स लगाने का है। सोमवार को जारी नियम के मुताबिक, पेमेंट में से लेवी की राशि काटना और इसे सरकार के पास जमा कराने की जिम्मेदारी विज्ञापन देनेवालों की होगी।

इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि यह भारतीय कंपनियों के लिए ना केवल अकाउंटिंग की पेचीदगियां बढ़ाएगा बल्कि एक और बोझ साबित होगा क्योंकि उन्हें यह लेवी अपने पॉकेट से पे करना होगा। हालांकि, गूगल ने स्पष्ट कर दिया है कि जो भी टैक्स लागू होंगे, वह भरेगा।

पेयू मनी के सीईओ नितिन गुप्ता ने कहा कि खासकर छोटी कंपनियों को लेवी की वजह से पैदा होने वाली अकाउंटिंग की परेशानी से निबटने में बड़ी कठिनाई होगी। उन्होंने कहा, 'अकाउंटिंग की हमारी प्रक्रिया अब बेहतरीन थी, लेकिन अब यह बहुत खराब होने जा रही है।'

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गुप्ता ने कहा कि बड़ी इंटरनेट कंपनियां लेवी की यह रकम विज्ञापनदाताओं से ही वसूलेंगी क्योंकि उनका बहुत ज्यादा विकल्प नहीं हैं। इससे ऑनलाइन ऐड देना और महंगा होगा। इधर गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा, 'गूगल जिस किसी भी देश में काम कर रहा है, वहां के स्थानीय नियमों के मुताबिक जो भी चार्ज लगाए जाएंगे, उन्हें गूगल देता रहेगा।'

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वहीं, इंटरनेट ऐंड मोबाइल असोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) के प्रेजिडेंट सुभो राय ने कहा, 'भारतीय कंपनियों के सामने यह दोहरे खतरे वाली हालत होगी। ना केवल उन्हें ज्यादा पे करना होगा बल्कि और ज्यादा परेशानी भी झेलनी पड़ेगी।' उन्होंने कहा, 'एक यूजर के रूप में सभी ट्रांजेक्शंस पर नजर रखना और भुगतान किए गए सभी टैक्सेज के चालान भरना बहुत कठिन होगा। यह लेवी स्टार्टअप कंपनियों को अपंग बना देगा और टैक्स की सीमा बढ़कर करीब-करीब 50 प्रतिशत हो जाएगी।'

गौरतलब है कि उद्योग जगत की ओर से कई बार विरोध करने के बावजूद सरकार ने 1 जून से इक्वलाइजेशन लेवी लागू कर दिया है।

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