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साइंस और मैनेजमेंट कोर्स का अड्डा है शहीद राजगुरु कॉलेज

दिल्ली यूनिवर्सिटी में लड़कियों के लिए ईस्ट दिल्ली का एक कॉलेज साइंस और प्रफेशनल फील्ड में करियर कई बेहतर ऑप्शन हैं।

कात्यायनी उप्रेती | नवभारत टाइम्स 29 May 2019, 1:27 pm
दिल्ली यूनिवर्सिटी में लड़कियों के लिए ईस्ट दिल्ली का एक कॉलेज साइंस और प्रफेशनल फील्ड में करियर कई बेहतर ऑप्शन हैं। वसुंधरा एनक्लेव का शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ ऐप्लाइड साइंस फॉर विमन उन स्टूडेंट्स की टॉप पसंद में से एक है, जो साइंस और रिसर्च में दिलचस्पी रखते हैं। इसके अलावा डीयू के टॉप दो मैनेजमेंट कोर्स भी इस कॉलेज में चलते हैं।
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फोटो: साभार http://www.rajgurucollege.com/


कॉलेज में 14 अंडरग्रैजुएट कोर्स हैं और इनमें 11 कोर्स साइंस स्ट्रीम से हैं। कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. पायल मागो कहती हैं, हमारे पास ऐप्लाइड साइंसेज के सभी कोर्स हैं। इनमें बीएससी- फूड टेक्नॉलजी, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंस्ट्रुमेंटेशन, बायोमेडिकल साइंस और बायोमिस्ट्री शामिल हैं। इनके अलावा, बीएससी ऑनर्स फिजिक्स, केमिस्ट्री ऑनर्स और मैथ्स ऑनर्स भी हैं।

कॉलेज में दो कोर्स मैनेजमेंट से हैं। इनमें मैनेजमेंट के कोर्स - बैचलर्स इन मैनेजमेंट स्टडीज (बीएमएस), बैचलर्स इन फाइनैंशल इन्वेस्टमेंट एंड एनालिसिस (बीएफआईए) शामिल हैं। डॉ. मागो कहती हैं, बीएफआईए डीयू के सिर्फ दो कॉलेज में चलता है, यह शहीद सुखदेव कॉलेज के अलावा हमारे यहां है। बीएससी- इंस्ट्रुमेंटेशन भी हमारे अलावा सिर्फ भास्कराचार्य कॉलेज में चलता है। साथ ही, आर्ट्स और साइंस स्ट्रीम दोनों के ही स्टूडेंट्स का पसंदीदा प्रोग्राम साइकॉलजी ऑनर्स भी हमारे पास है। दो साल पहले ही हमने 6 नए कोर्स शुरू किए हैं। हालांकि, हमारे बीएससी - ऑपरेशंस रिसर्च को यूनिवर्सिटी ने मंजूरी दी है, मगर अभी इसे लेकर कोई जवाब डीयू प्रशासन से नहीं मिला है।

ग्लोबल लेवल की लैब
इस कॉलेज में लैब इतनी खास है कि दूसरे कॉलेजों से पीजी स्टूडेंट्स भी यहां आते हैं। प्रिंसिपल बताती हैं, हमारे पास क्लासरूम से ज्यादा लैब हैं। हमारे पास 35-36 लैबोरेटोरी हैं और सभी ग्लोबल लेवल की हैं। यही वजह है कि हमारे पास दूसरे कॉलेजों से भी पीजी स्टूडेंट्स इंटर्नशिप करने के लिए आते हैं। हमारे पास रिसर्च स्टूडेंट्स हैं, हमारे टीचर्स डीयू के रिकॉग्नाइज्ड गाइड भी हैं। हर डिपार्टमेंट के पास 3 लैब हैं, फूड टेक्नॉलजी में तो 5 लैब हैं। ईडब्ल्यूएस कोटा (अपर कास्ट कोटा) शुरू होने के बाद कॉलेज में करीब 1700 स्टूडेंट्स हो जाएंगे। यूजी में करीब 550 सीटें होंगी।

रोबोटिक्स भी, विदेश जाने का मौका भी
कॉलेज में प्लेसमेंट होती है, मगर ज्यादातर स्टूडेंट हायर स्टडीज के लिए जाते हैं। हालांकि, अब मैनेजमेंट कोर्स का फाइनल ईयर है इसलिए प्लेसमेंट काफी बढ़ेगी। डॉ. पायल कहती हैं, यूरोपियन यूनियन के साथ भी हमारा एक्सचेंज प्रोग्राम है जिसके तहत वहां से रोबोटिक्स पढ़ाने के लिए एक्सपर्ट आ रहे हैं। इस साल से हमारे स्टूडेंट्स भी यूरोपियन यूनियन की अलग अलग यूनिवर्सिटी में भेजे जाएंगे। हम चाहते हैं कि स्टूडेंट्स रोबोटिक्स में बढ़ें, इसलिए यहां रोबोटिक्स क्लब भी है। कॉलेज में इन्क्यूबेटर भी हैं, जहां स्टूडेंट्स अपने आइडिया देकर बिजनेस शुरू कर सकते हैं। अगले साल से हम स्टार्टअप के लिए स्टूडेंट्स को फंड भी देना शुरू कर देंगे। कॉलेज में 117 लड़कियों के लिए हॉस्टल भी है, जो फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स को ही मिलता है।

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