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2018 से फेल नहीं करने की पॉलिसी को खत्म करने की तैयारी में 24 राज्य

​कमोबेश 24 राज्य 2018 से स्कूलों में फेल नहीं करने की पॉलिसी को खत्म करने की तैयारी में है...

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 5 Aug 2017, 12:41 pm
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम no-detention-policy

कमोबेश 24 राज्य 2018 से स्कूलों में फेल नहीं करने की पॉलिसी को खत्म करने की तैयारी में है। केंद्रीय कैबिनेट और सांसद ने शिक्षा के अधिकार कानून में कुछ संशोधनों को मंजूरी दी है, जिसके बाद इवैल्युएशन आधारित प्रमोशन की पहले वाली पॉलिसी को बहाल करने की राज्यों की अनुमित मिल गई है।

मौजूदा पॉलिसी के मुताबिक, छात्रों को आठवीं तक किसी भी क्लास में फेल होने पर आगे प्रमोट कर दिया जाता है। अब नई पॉलिसी के मुताबिक, छात्रों का दो बार पांचवीं और सातवीं क्लास में टेस्ट होगा। जो छात्र मार्च वाली परीक्षा में फेल हो जाएंगे उनको मई में एक और चांस दिया जाएगा। अगर मई वाली परीक्षा में भी छात्र फेल हो जाता है तो उसे उसी क्लास में रोका जाएगा।

फेल नहीं करने की पॉलिसी का दुष्परिणाम व्यापक पैमाने पर नजर आया। इसका नतीजा यह हुआ है कि नौवीं क्लास में बड़ी संख्या में छात्र फेल होने लगे। इसका कारण छात्रों में फेल नहीं होने का डर खत्म हो जाना था। दसवीं क्लास का बोर्ड एग्जाम ऐच्छिक था और अब जाकर मार्च 2018 से इसे अनिवार्य करने का फैसला लिया गया है।
पहले यह सोचा था गया कि सतत और समग्र मूल्यांकन (सीसीई) सिस्टम की मदद से छात्रों का पहली क्लास से ही लगातार मूल्यांकन होता रहेगा। इससे उच्चतर कक्षाओं में छात्रों को प्रमोट करने के लिए परीक्षा की आवश्यकता नहीं रहेगी। लेकिन सीसीई को क्रियान्वित करना काफी मुश्किल हो गया। स्कूल सिर्फ 'मिडडे मील' मिलने का अड्डा रह गया।

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