नई दिल्ली
नैशनल सिक्यॉरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) ने ऐसा कदम उठाया है, जिससे एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स का सत्यापन बेहद आसान हो जाएगा। दरअसल पिछले दिनों एनएसडीएल ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आदेश पर नैशनल ऐकडेमिक डिपॉजिटरी (नैड) का गठन किया। नैड के होने से सर्टिफिकेट्स के भौतिक प्रमाणन की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे छात्रों, शैक्षणिक संस्थानों, नियोक्ताओं के साथ-साथ कई वर्गों को फायदा होगा।
बता दें कि छात्रों के एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स को अब एनएसडीएल डेटाबेस के साथ शेयर किया जा सकेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल तक देश के ज्यादातर शैक्षणिक संस्थान एनएसडीएल की इस सुविधा से जुड़ जाएंगे।
इस सुविधा का लाभ लेने के लिए छात्रों को एनएसडीएल के साथ साइन अप करना करना होगा। साइन अप करने के लिए हर छात्र को एनएसडीएल आईडी लेकर या फिर अपनी आधार डीटेल्स देकर केवाइसी सत्यापन कराना होगा।
एनएसडीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर जी.वी. नागेश्वर राव के मुताबिक, नियोक्ता अब छात्रों के रेकॉर्ड्स को एनएसडीएल डेटाबेस के माध्यम से सीधे-सीधे देख सकेंगे और सत्यापन के लिए सर्किफिकेट्स के भौतिक रूप की जरूरत नहीं पड़ेगी।
नैशनल सिक्यॉरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) ने ऐसा कदम उठाया है, जिससे एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स का सत्यापन बेहद आसान हो जाएगा। दरअसल पिछले दिनों एनएसडीएल ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आदेश पर नैशनल ऐकडेमिक डिपॉजिटरी (नैड) का गठन किया। नैड के होने से सर्टिफिकेट्स के भौतिक प्रमाणन की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे छात्रों, शैक्षणिक संस्थानों, नियोक्ताओं के साथ-साथ कई वर्गों को फायदा होगा।
बता दें कि छात्रों के एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स को अब एनएसडीएल डेटाबेस के साथ शेयर किया जा सकेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल तक देश के ज्यादातर शैक्षणिक संस्थान एनएसडीएल की इस सुविधा से जुड़ जाएंगे।
इस सुविधा का लाभ लेने के लिए छात्रों को एनएसडीएल के साथ साइन अप करना करना होगा। साइन अप करने के लिए हर छात्र को एनएसडीएल आईडी लेकर या फिर अपनी आधार डीटेल्स देकर केवाइसी सत्यापन कराना होगा।
एनएसडीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर जी.वी. नागेश्वर राव के मुताबिक, नियोक्ता अब छात्रों के रेकॉर्ड्स को एनएसडीएल डेटाबेस के माध्यम से सीधे-सीधे देख सकेंगे और सत्यापन के लिए सर्किफिकेट्स के भौतिक रूप की जरूरत नहीं पड़ेगी।