मई में कई लॉ एग्जाम्स होने वाले हैं। ये एग्जाम्स रोजाना 4-6 घंटों की तैयारी से क्रैक किए जा सकते हैं। इसे क्रैक करने के बाद कैंडिडेट को किसी भी अच्छे कॉलेज में ऐडमिशन मिल सकता है।
दरअसल, बीते पांच साल में लीगल प्रफेशनल्स की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ी है। इस कारण यह फील्ड करियर के लिहाज से इस समय इमर्जिंग मानी जा सकती है। काम करने के कई नए क्षेत्रों में लॉ का दखल बढ़ने से इसमें करियर ऑप्शंस को विस्तार मिला है। खास कर साइबर लॉ और स्टार्टअप ने इस क्षेत्र में माहिर लोगों की डिमांड बढ़ा दी है। ऐसे में अच्छे कॉलेजों में पढ़ने के लिए उनके एंट्रेंस कैसे क्रैक किए जाएं, विशेषज्ञों से मिलकर जाना अमूल्य रस्तोगी ने...
क्लैट पैटर्न
क्लैट (कॉमन लॉ ऐप्टिट्यूड टेस्ट) देश के सबसे प्रतिष्ठित लॉ कॉलेजों में दाखिले का मौका देता है। इसमें मल्टिपल चॉइस के 200 सवाल आते हैं। हर सवाल के सही उत्तर के लिए एक अंक होता है और गलत उत्तर के लिए एक चौथाई अंक काट लिए जाते हैं। मतलब ¼निगेटिव मार्किंग होती है। पेपर सॉल्व करने के लिए 2 घंटे का समय होता है।
पेपर का क्लासिफिकेशन
इंग्लिश- 40 अंक
जनरल नॉलेज/करंट अफेयर्स- 50 अंक
एलिमेंट्री मैथ्स- 20 अंक
लीगल ऐप्टिट्यूड- 50 अंक
लॉजिकल रीजनिंग- 40 अंक
क्लैट टेस्ट डेट- 8 मई
एग्जाम मोड- ऑनलाइन एग्जाम
एआईएलईटी (एनएलयू, दिल्ली)
सेक्शन सवाल अंक
मैथ्स 10 10
लॉजिकल रीजनिंग 35 35
ऐनालिटिकल रीजनिंग 35 35
इंग्लिश 35 35
जनरल नॉलेज 35 35
कुल सवाल 150 150
एग्जाम डेट: 10 मई
एग्जाम मोड: ऑफलाइन
निगेटिव मार्किंग नहीं है
समय- 90 मिनट
सिंबायॉसिस फॉर लॉ सेट
सेक्शन सवाल मार्क्स
लॉजिकल रीजनिंग 30 30
लीगल रीजनिंग 30 30
ऐनालिटिकल रीजनिंग 30 30
रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन 30 30
जनरल नॉलेज 30 30
कुल सवाल 150 150
एग्जाम डेट: 7 मई
एग्जाम मोड: ऑफलाइन
निगेटिव मार्किंग नहीं है
टाइम: 150 मिनट
अन्य लॉ एग्जाम
एलसैट, इंडिया : 8 मई
यूपीसैट: 14 मई
बीएचयू यूईटी लॉ: 15 मई
टीएस लॉसीईटी: 24 मई
टीएस पीजीएलसीईटी: 24 मई
एपी पीजीएलसीईटी- 28 मई
जेएमआई लॉ एंट्रेंस- 30 मई
बीवीपी सीईटी लॉ- 11 जून
ध्यान रहे
क्लैट में जिस सवाल के जवाब में श्योर न हों, उसमें तुक्का न लगाएं, बाकी एग्जाम्स में गेस कर सकते हैं क्योंकि उनमें निगेटिव मार्किंग नहीं होती है।
लीगल एग्जाम में जो सवाल पहली नजर में आसान लगे, उसे दोबारा जरूर पढ़ लें। कई बार आसान सवाल घुमा कर पूछ लिए जाते हैं।
लॉ का स्कोप
आमतौर पर लॉ का ज्यादा स्कोप जुडिशरी फील्ड में ही होता है लेकिन लीगल जरूरतों को पूरा करने के लिए कई अन्य सेक्टरों में भी लॉ ग्रैजुएट्स की डिमांड बढ़ रही है। लॉ में बैचलर्स करने के बाद लीगल फर्म, कॉर्पोरेट और एनजीओ जैसे सेक्टर में नौकरी के अच्छे मौके होते हैं। इसके अलावा साइबर लॉ और स्टार्टअप भी लीगल करियर के लिए उभरती फील्ड हैं।
तैयारी के लिए डेली प्रैक्टिस
लॉ एग्जाम्स के लिए रोजाना 4 से 6 घंटे की तैयारी एग्जाम क्रैक करने के लिए काफी है। इसमें जो सेक्शन कमजोर हो उसे ज्यादा टाइम दें। खास कर लीगल और लॉजिकल रीजनिंग सेक्शन में डिसिजन मेकिंग और अनैलिसिस की खूब प्रैक्टिस करनी चाहिए।
एग्जाम स्ट्रैटिजी
मार्क्स के हिसाब से सेक्शंस को दें टाइम
एग्जाम में पेपर के सारे सवालों को ध्यान से देखें, जो सवाल आते हैं सबसे पहले उन्हें कर लें। पेपर के दौरान दिए गए समय को उनके मार्क्स के आधार पर बांटा जा सकता है। इसमें लीगल ऐप्टिट्यूड जो अलग-अलग लीगल एग्जाम्स में 30-50 मार्क्स की आती है, को सॉल्व करने के लिए सुविधा के अनुसार 30-35 मिनट दे सकते हैं। इसी तरह इंग्लिश सेक्शन भी 30-40 मार्क्स का होता है, इसे 30 मिनट दिए जा सकते हैं। लॉजिकल रीजनिंग के लिए 20 मिनट दिए जा सकते हैं, यह पेपर में 30-40 मार्क्स का होता है। जीके और करंट अफेयर्स का पोर्शन लगभग 30-35 नंबर का होता है, इसके लिए 10 से 15 मिनट का टाइम दिया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जीके और करंट अफेयर्स में या तो सवाल आते होंगे या नहीं। इसमें बहुत सोचने की गुंजाइश नहीं होती। मैथ्स के लिए 15-20 मिनट दिए जा सकते हैं, यह 10 से 20 मार्क्स का होता है।
इंग्लिश
इस सेक्शन में इंग्लिश कॉम्प्रिहेंशन में सेंट्रल थीम, मीनिंग ऑफ वर्ड्स और उनका यूसेज रहता है। ग्रैमर सेक्शन में सेंटेंस को करेक्ट करना, फिल इन द ब्लैंक्स, वन वर्ल्ड, सिनॉनिम, एंटॉनिम जैसे चीजें आती है।
जनरल नॉलेज/करंट अफेयर्स
क्लैट और अन्य लॉ एग्जाम में करीब 25 प्रतिशत पार्ट जनरल रीजनिंग और जनरल अवेयरनेस का होता है। इसकी तैयारी के लिए एग्जाम डेट से तीन महीने पहले के महत्वपूर्ण इवेंट्स जरूर पढ़ें। खास कर जो सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट हो। इसके अलावा करंट अफेयर्स के लिए न्यूज पेपर्स और न्यूज चैनल्स ही सबसे अच्छे सोर्स होते हैं।
मैथ्स
मैथ्स का बहुत ही लिमिटेड हिस्सा आता है। जिनकी मैथ्स अच्छी है उनके लिए यह पेपर बोनस मार्क्स का साबित हो सकता है जबकि जिनकी मैथ्स बहुत अच्छी नहीं है, उनके स्कोर पर भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। प्रैक्टिस के लिए हाईस्कूल की एलीमेंट्री मैथ्स की बुक से प्रैक्टिस की जा सकती है।
लॉजिकल रीजनिंग
लॉजिकल रीजनिंग से कैंडिडेट की पहचानने, चीजों को जोड़ने और गलतियां ढूंढ़ने जैसी क्षमताओं का आकलन किया जाता है। लॉजिकल रीजनिंग में सिलोजिमस, लॉजिकल सिक्वेंस, ऐनॉलजिस की प्रैक्टिस से सवाल पूछे जाते हैं। इनकी अच्छे से प्रैक्टिस करके जाएं।
लीगल ऐप्टिट्यूड या अवेयरनेस
इसमें लीगल फील्ड से सवाल पूछे जाते हैं। इनका मकसद यह पता करना होता है कि कैंडिडेट लीगल फील्ड में फैक्ट बेस्ड चीजों को कितना बेहतर जानते हैं। इस सेक्शन से यह भी परखा जाता है कि कई सारे फैक्ट्स में से सच्चाई को कैसे पहचाना जाए। इसमें लॉ ऑफ टॉट्स, लॉ ऑफ कॉन्टैक्ट और क्रिमिनल लॉ के चैप्टर्स से सवाल पूछे जाते हैं। इस सेक्शन में स्कोर करने के लिए प्रैक्टिस की बहुत जरूरत पड़ती है।
पॉइंट्स
1. दो से तीन नैशनल न्यूजपेपर रोज पढ़ने की आदत डालें, इससे करंट अफेयर्स मजबूत होगी।
2. मंथली मैगजीन पढ़ें, इससे कई इवेंट्स की डीटेल जानकारी मिलती है। यह किसी एक पक्ष या मुद्दे के कई पहलू जानने में मदद करती हैं।
3. वोकैब को जितना हो सके उतना बढ़ाएं।
4. रीडिंग की आदत डालें और कम समय में ज्यादा पढ़ कर समझने की प्रैक्टिस करें।
एक्सपर्ट्स कमेंट
क्लैट में इंग्लिश और मैथ्स से ज्यादातर स्टूडेंट वाकिफ होते हैं तो इनकी तैयारी में ज्यादा दिक्कत नहीं आती है। सबसे ज्यादा लीगल ऐप्टिट्यूड को समय देना चाहिए क्योंकि वह स्टूडेंट के लिए सबसे नया सब्जेक्ट होता है। इसके अलावा लॉजिकल रीजनिंग में प्रैक्टिस और जनरल अवेयरनेस और करंट अफेयर्स के लिए ताजा जानकारियों को पढ़ कर ही तैयारी की जा सकती है।
आशीष सिन्हा, डायरेक्टर, टाइम इंस्टिट्यूट
कैंडिडेट अपने दिमाग से इस बात को निकाल दें कि उनसे कानूनी बातें पूछी जाएंगी। लीगल एग्जाम के जरिए यह देखा जाता है कि कैंडिडेट लीगल स्टडीज के लिए फिट है या नहीं। साथ ही इन एग्जाम में कैंडिडेट की ऐनालिटिकल स्किल भी परखी जाती है। इसलिए लीगल एग्जाम्स के लिए स्टूडेंटस को अच्छी प्रैक्टिस की जरूरत होती है। खास कर लीगल ऐप्टिट्यूड, जीके और लॉजिकल रीजनिंग की।
अनुभव सिंह, सेंटर हेड, आईएमएस इंस्टिट्यूट