ऐपशहर

IIT में फीस तीन गुना करने की तैयारी

आईआईटी की फीस लगभग तीन गुना करने का रास्ता साफ हो गया है। इस ऐकडेमिक सेशन से आईआईटी...

नवभारतटाइम्स.कॉम 18 Mar 2016, 8:43 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम iits ok three fold fee hike ministry may not play ball
IIT में फीस तीन गुना करने की तैयारी


आईआईटी की फीस लगभग तीन गुना करने का रास्ता साफ हो गया है। इस ऐकडेमिक सेशन से आईआईटी की फीस सालाना 90,000 रुपये के बजाय 3 लाख रुपये हो जाएगी। आईआईटी काउंसिल की स्थायी समिति (एससीआईसी) ने गुरुवार को फीस तीन गुना करने का सुझाव दिया। फीस बढ़ोतरी पर अंतिम फैसला आईआईटी काउंसिल की अध्यक्ष-मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी लेंगी।

आईआईटी में इससे पहले 2013 में फीस बढ़ाई गई थी। तब सालाना फीस 50,000 रुपये से बढ़ाकर 90,000 रुपये की गई थी। आईआईटी एससीआईसी ने 2017 में जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) से पहले स्टूडेंट्स के लिए नैशनल ऐप्टिट्यूड टेस्ट आयोजित करने का भी सुझाव दिया है। इसके अलावा स्थायी समिति ने MOOCS बेस्ड JEE ट्रेनिंग कोर्स चलाने की भी अनुमति दे दी है। हालांकि, फीस बढ़ोतरी और ऐप्टिट्यूड टेस्ट मामले में अंतिम फैसला आईआईटी काउंसिल की चेयरपर्सन ईरानी लेंगी।

आईआईटी में करीब 80,000 स्टूडेंट्स हैं और यहां सैलरी और मेंटेनेंस पर सालाना 2500 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। स्टूडेंट्स पर फीस बढ़ोतरी के असर को कॉम्प्रिहेन्शिव स्टूडेंट लोन सिस्टम के जरिए कम किया जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक स्टूडेंट्स को आईआईटी में ऐडमिशन मिलते ही उनके लिए कॉम्प्रिहेन्शिव स्टूडेंट लोन सिस्टम प्रभावी हो जाएगा।

आईआईटी एससीआईसी ने आईआईटी डायरेक्टर्स की कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर फीस बढ़ाने का सुझाव दिया है। कमिटी का गठन अक्टूबर 2015 में किया गया था। कमिटी ने आईआईटी की वित्तीय स्वायत्तता के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। कमिटी ने सुझाव दिया है कि आईआईटी की फीस उतनी बढ़ाई जाए जिससे सैलरी कॉस्ट और मेंटेनेंस खर्च निकल जाए।

कमिटी ने 2000 करोड़ रुपये की नॉन बैंकिंग फाइनैंशल कंपनी (एनबीएफसी) बनाने का भी प्रस्ताव रखा है। यह एनबीएफसी सही प्रॉजेक्ट्स, रिसर्च इंफ्रास्ट्रक्चर और कैंपस में स्पेस बढ़ाने के लिए इंटरेस्ट फ्री लोन ऑफर करेगी। एनबीएफसी को पहले ही हायर एजुकेशन फाइनैंसिंग एजेंसी (एचईएफए) के तौर पर बजटीय मंजूरी मिल चुकी है।

आईआईटी डायरेक्टर्स लंबे समय से फीस बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते आ रहे हैं। वे आईआईटी को वित्तीय तौर पर स्वायत्त बनाकर रिसर्च का ग्लोबल स्टैंडर्ड हासिल करना चाहते हैं। 2012-13 में काकोदकर कमिटी ने भी ऐसे ही एक मॉडल का सुझाव दिया था। काकोदकर कमिटी के सुझावों में जीरो गवर्मेंट फंडिंग और फीस हाइक जैसी बातें थीं। कमिटी का गठन तब के एचआरडी मिनिस्टर कपिल सिब्बल ने किया था। हालांकि, कई राजनीतिक और प्रशासकीय वजहों से इस पर काम नहीं हो पाया था।

अंग्रेजी में भी पढ़ें: IITs OK 200% fee hike, ministry may not play ball

अगला लेख

Educationकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग