ऐपशहर

JNU: हॉस्टल खाली करने के निर्देश लेकिन जाने को तैयार नहीं छात्र

JNU प्रशासन ने कहा कि लॉकडाउन में दी गई ढील के बाद विशेष ट्रेनें और बसों का परिचालन शुरू हो गया है और छात्र अब अपने घर जा सकते हैं।

नवभारतटाइम्स.कॉम 27 May 2020, 12:39 pm
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने छात्रों से हॉस्टल करने को कहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक, लॉकडाउन में दी गई ढील के बाद विशेष ट्रेनें और बसों का परिचालन शुरू हो गया है और छात्र अब अपने घर जा सकते हैं, क्योंकि विश्वविद्यालय फिलहाल बंद है। जेएनयू विश्वविद्यालय के डीन ऑफ स्टूडेंट्स ने छात्रों के लिए जारी एक सर्कुलर में कहा, मार्च में ही छात्रों को विश्वविद्यालय बंद होने की जानकारी दी और उन्हें अपने घर जाने की सलाह दी थी। लेकिन तब ट्रांसपोर्ट उपलब्ध न होने के कारण कई छात्रों ने हॉस्टल में ही रहने का अनुरोध किया था।
नवभारतटाइम्स.कॉम JNU


विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि अब दूसरे शहरों में जाने के लिए यातायात के साधन उपलब्ध हैं, ऐसे में छात्रों को तुरंत हॉस्टल खाली कर देने चाहिए। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने सर्कुलर में कहा है,रेलवे स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। एक जून से 200 और ट्रेनें भी शुरू हो जाएंगी। अंतरराज्यीय बसें और टैक्सी सेवाएं भी शुरू हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से कहा है कि वे मौजूदा गाइडलाइंस के मुताबिक, 25 जून या उसके बाद कैंपस में लौट सकते हैं, और तब तक सभी अकादमिक गतिविधियां बंद रहेंगी।

जेएनयू प्रशासन द्वारा जारी इस सर्कुलर के विरोध में छात्र नेता अक्षर ने कहा, यह निर्णय छात्रों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। प्रशासन को चाहिए कि वह कैंपस में ही छात्रों को सुरक्षित रहने के इंतजाम करे न कि छात्रों को बाहर करे। छात्रों को खाने के पैकेट दिए जा सकते हैं। लेकिन कैंपस खाली करना और छात्रों को सफर करने के लिए मजबूर करना पूरी तरह से गलत निर्णय है।

यह भी पढ़ें: गोवा बोर्ड: इंग्लिश के पेपर में ऐसा सवाल, मचा बवाल

जेएनयू छात्रसंघ भी विश्वविद्यालय द्वारा जारी इस सर्कुलर के विरोध में है। छात्रसंघ के मुताबिक, "कैंपस ही छात्रों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान है, क्योंकि वहां इस महामारी से बचाव करना आसान है। इसके साथ ही छात्रों के पास घर जाने के पैसे नहीं हैं। पिछले कई दिनों से लोगों के ट्रेन और फ्लाइट के टिकट कैंसिल किए जा रहे हैं। अधिकतर छात्र दूसरे राज्यों से हैं, उन्हें 24 घंटे का सफर करना होगा। क्या इस समय सफर करना उचित होगा?"

अगला लेख

Educationकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग