नई दिल्ली
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कॉमन मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट NEET पर अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने सोमवार को इस अध्यादेश की जरूरत पर सरकार का पक्ष रखने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी। राष्ट्रपति चीन दौरे पर मंगलवार को निकल रहे हैं। बताते हैं कि राष्ट्रपति संग इस बैठक के लिए नड्डा ने जिनीवा में होने वाली अपनी बैठक को रद्द किया।
इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने NEET को लेकर तमाम राज्य सरकारों की तरफ से सामने आए सरोकारों को सामने रखा। प्रणब मुखर्जी को बताया गया कि अध्यादेश के जरिए राज्यों को फिलहाल इस साल इस टेस्ट के दायरे से बाहर रखा गया है। दोनों के बीच तकरीबन आधे घंटे से ज्यादा मीटिंग चली, जिसमें नड्डा ने मुखर्जी को बताया कि क्यों फिलहाल राज्यों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है।
पढ़ें: NEET अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने और जानकारी मांगी
दरअसल, राज्यों का कहना था कि राज्यों बोर्डों में एग्जाम का स्तर अलग-अलग होता है। दूसरा, राज्यों का सिलेबस CBSE से अलग होता है, तीसरा स्टेट बोर्ड में पढ़ाई का माध्यम क्षेत्रीय भाषाएं होती हैं। केंद्र सरकार का कहना था कि इस साल NEET के दायरे से राज्यों को बाहर रखा गया है, लेकिन अगले साल से सब इसके दायरे में आएंगे। इस साल राज्यों पर छोड़ा गया है कि वे अपने यहां दाखिले का आधार NEET को बनाएं या फिर अपने अलग से टेस्ट लें।
#BREAKING President Pranab Mukherjee signs Ordinance on uniform medical entrance examination NEET #OneExamForAll pic.twitter.com/dYMmQdrJkP — TIMES NOW (@TimesNow) May 24, 2016 पढ़ें: NEET पर जुडिशरी से टकराव के मूड में केंद्र सरकार
शुक्रवार को मोदी कैबिनेट ने इस अध्यादेश संबंधी बिल को मंजूरी दी और शनिवार को बिल राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए गया था। NEET के मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से बाहर जाकर अध्यादेश लाई है, जिसमें प्राइवेट और केंद्र के संस्थानों को इसके दायरे में रखने की बात कही गई थी।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कॉमन मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट NEET पर अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने सोमवार को इस अध्यादेश की जरूरत पर सरकार का पक्ष रखने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी। राष्ट्रपति चीन दौरे पर मंगलवार को निकल रहे हैं। बताते हैं कि राष्ट्रपति संग इस बैठक के लिए नड्डा ने जिनीवा में होने वाली अपनी बैठक को रद्द किया।
इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने NEET को लेकर तमाम राज्य सरकारों की तरफ से सामने आए सरोकारों को सामने रखा। प्रणब मुखर्जी को बताया गया कि अध्यादेश के जरिए राज्यों को फिलहाल इस साल इस टेस्ट के दायरे से बाहर रखा गया है। दोनों के बीच तकरीबन आधे घंटे से ज्यादा मीटिंग चली, जिसमें नड्डा ने मुखर्जी को बताया कि क्यों फिलहाल राज्यों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है।
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दरअसल, राज्यों का कहना था कि राज्यों बोर्डों में एग्जाम का स्तर अलग-अलग होता है। दूसरा, राज्यों का सिलेबस CBSE से अलग होता है, तीसरा स्टेट बोर्ड में पढ़ाई का माध्यम क्षेत्रीय भाषाएं होती हैं। केंद्र सरकार का कहना था कि इस साल NEET के दायरे से राज्यों को बाहर रखा गया है, लेकिन अगले साल से सब इसके दायरे में आएंगे। इस साल राज्यों पर छोड़ा गया है कि वे अपने यहां दाखिले का आधार NEET को बनाएं या फिर अपने अलग से टेस्ट लें।
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शुक्रवार को मोदी कैबिनेट ने इस अध्यादेश संबंधी बिल को मंजूरी दी और शनिवार को बिल राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए गया था। NEET के मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से बाहर जाकर अध्यादेश लाई है, जिसमें प्राइवेट और केंद्र के संस्थानों को इसके दायरे में रखने की बात कही गई थी।