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आज के दिन 259 साल पहले हुआ था बुराड़ी घाट का युद्ध, मराठा हारे थे अफगानों से

बुराड़ी घाट के इस युद्ध ने एक साल बाद होने वाले एक और युद्ध पानीपत के तीसरे युद्ध की भूमिका तैयार की थी।

नवभारतटाइम्स.कॉम 9 Jan 2019, 3:05 pm
आज से 259 साल पहले ठीक आज ही के दिन यानि 9 जनवरी को अफगान हमलावरों और मराठों के बीच एक निर्णायक युद्ध हुआ था। इस युद्ध ने एक साल बाद होने वाले एक और युद्ध पानीपत के तीसरे युद्ध की भूमिका तैयार की थी।
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9 जनवरी 1760 को हुए इस युद्ध को बरारी घाट या बुराड़ी घाट का युद्ध कहते हैं। यह अफगान हमलावरों और मराठा सेनापति दत्‍ताजी राव सिंधिया के बीच लड़ा गया। जगह थी तत्‍कालीन दिल्‍ली के 16 किलोमीटर उत्‍तर में यमुना के किनारे बुराड़ी घाट।

दत्‍ताजी अफगान हमलावर अहमद शाह दुर्रानी का सामना करके पंजाब से वापस लौट रहे थे कि यमुना किनारे सरकंडों और ऊंची घास में छिपे अफगान सैनिकों से उनका सामना हुआ। अचानक हुए इस हमले में दत्‍ताजी बुरी तरह से घायल हुए उन्‍हें दुश्‍मन सैनिकों ने घेर लिया।

कहा जाता है कि जमीन पर घायल पड़े दत्‍ताजी से जब अफगान सेनापति नजीबजंग रोहिल्‍ला ने पूछा, 'पाटिल, हमारे साथ अब भी लड़ना चाहते हो' तो घायल दत्‍ताजी राव ने कहा, ' हां, बचेंगे तो और लड़ेंगे।' इस जवाब के बाद दत्‍ताजी का सिर काट दिया गया।

मराठों की इस हार के बाद दिल्‍ली पर अफगानों के कब्‍जे का रास्‍ता साफ हो गया। अगले साल यानि, 1761 में मराठों और अफगानों के बीच पानीपत के मैदान में निर्णायक युद्ध हुआ जिसे पानीपत का तीसरा युद्ध कहा जाता है। इसमें मराठों की हार हुई।

इसका परिणाम यह हुआ कि मराठे पूरी तरह शक्तिहीन हो गए और मुगल और ज्‍यादा कमजोर हुए। इसका फायदा देश में अपना प्रभाव बढ़ा रहे अंग्रेजों ने उठाया।

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