धीरे-धीरे टेक्नॉलजी इंसान की जगह लेती जा रही है। अब से 50 सालों से भी कम समय के अंदर रोबॉट्स लगभग हर काम को करने लगेंगे। लेकिन, ऐसे भी कुछ काम हैं जिनको पूरी तरह अंजाम देना रोबॉट्स के बस से बाहर होगा। आज आपको ऐसी ही तीन जॉब्स के बारे में बताने जा रहे हैं...
हेल्थकेयर प्रफेशनल्स
डॉक्टर्स, नर्स ऐसे जटिल कामों को अंजाम देते हैं, जिनको करना मशीन के लिए मुश्किल होगा। कंसल्टेंसी फर्म मकिंजी का कहना है कि एक नर्स के 30 फीसदी से भी कम काम को ही ऑटोमेशन की मदद से किया जा सकता है।
शिक्षक
सीखने-सिखाने की प्रक्रिया के लिए विशेषज्ञता और बड़े स्तर पर अन्यों के साथ कम्यूनिकेशन की जरूरत होती है, जिसे करना फिलहाल मशीनों के लिए काफी मुश्किल होगा।
क्रिएटिव वर्क्स
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की मदद से डेटा अनैलिसिस तो किया जा सकता है लेकिन लिखने और कला में जहां रचनात्मकता की जरूरत होती है, वहां मशीनों के लिए काफी कठिनाई होगी। इसके अलावा ऐसे माहौल में काम करना भी मशीनों के लिए मुश्किल होगा, जिसका पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है।
मकिंजी का कहना है कि दुनिया भर की सिर्फ 5 फीसदी जॉब्स को ही किसी एक समय में ऑटोमेशन के जरिये किया जा सकता है।
हेल्थकेयर प्रफेशनल्स
डॉक्टर्स, नर्स ऐसे जटिल कामों को अंजाम देते हैं, जिनको करना मशीन के लिए मुश्किल होगा। कंसल्टेंसी फर्म मकिंजी का कहना है कि एक नर्स के 30 फीसदी से भी कम काम को ही ऑटोमेशन की मदद से किया जा सकता है।
शिक्षक
सीखने-सिखाने की प्रक्रिया के लिए विशेषज्ञता और बड़े स्तर पर अन्यों के साथ कम्यूनिकेशन की जरूरत होती है, जिसे करना फिलहाल मशीनों के लिए काफी मुश्किल होगा।
क्रिएटिव वर्क्स
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की मदद से डेटा अनैलिसिस तो किया जा सकता है लेकिन लिखने और कला में जहां रचनात्मकता की जरूरत होती है, वहां मशीनों के लिए काफी कठिनाई होगी। इसके अलावा ऐसे माहौल में काम करना भी मशीनों के लिए मुश्किल होगा, जिसका पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है।
मकिंजी का कहना है कि दुनिया भर की सिर्फ 5 फीसदी जॉब्स को ही किसी एक समय में ऑटोमेशन के जरिये किया जा सकता है।