सारण। सारण जिले के सोनपुर विधानसभा क्षेत्र वह जगह है जहां विश्व प्रसिद्ध हरिहर नाथ मेला लगता है। पूरे विश्व में इस जगह की पहचान है, लेकिन इसका विकास अभी भी अधूरा दिखता है। सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री रामजयपाल सिंह यादव व पूर्व सीएम रामसुंदर दास यहां के विधायक रहे। 1990 के दशक में सूबे की सियासत में पांव जमाने वाले लालू प्रसाद को विपरीत परिस्थितियों में सोनपुर ने आश्रय दिया। सारण संसदीय सीट से दूसरा चुनाव हारने के बाद सोनपुर के लोगों ने 1980 व 1985 में उन्हें अपना विधायक बनाया, पर उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को नकार दिया और 2010 के चुनाव में उन्हें पराजय का स्वाद चखाया।
पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी नेता रामानुज प्रसाद ने विनय कुमार सिंह को भारी मतों के अंतर से हराया था। हालांकि, इस बार इस सीट पर कड़ी टक्कर की पूरी संभावना है। इस बार भी चुनाव में राजद के डॉ. रामानुज प्रसाद और भाजपा के विनय सिंह चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। हालांकि समीकरण भी जेडीयू के साथ आने से बदले हुए हैं। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि इस सीट पर एनडीए के प्रत्याशी बाजी पलटेंगे या एक बार फिर तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन में यह सीट जाएगा?
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सोनपुर विधानसभा क्षेत्र में 33 पंयायत व 39 शहरी वार्ड
सोनपुर विधानसभा क्षेत्र का गठन 1952 में हुआ था। पिछले परिसीमन में सारण के सभी विधानसभा क्षेत्रों का स्वरूप बदला, लेकिन सोनपुर का भूगोल पूर्ववत रह गया। दो प्रखंडों सोनपुर व दिघवारा के सम्मिश्रण से बने इस विधानसभा क्षेत्र में 33 ग्राम पंचायतें व दो नगर पंचायत क्षेत्र हैं। सोनपुर के 23 व दिघवारा के 10 पंचायत के साथ सोनपुर नगर पंचायत के 21 व दिघवारा के 18 वार्ड इस विधानसभा क्षेत्र में हैं।
गंगा व गंडक नदियों से सटे सोनपुर विधानसभा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। उधोग विहीन इस विधानसभा क्षेत्र की बड़ी पहचान हरिहर क्षेत्र मेला है। इसकी पहचान कभी एशिया फेम पशु मेले की भी थी। बदलते परिवेश में इस ऐतिहासिक मेले का ह्रास होता चला जा रहा है। राष्ट्रीय मेला घोषित करने की कवायदें तो खूब हुईं, लेकिन घोषणा का इंतजार अब भी है। बाबा हरिहरनाथ और शक्तिपीठ आमी के पर्यटक स्थल बनने का सपना अभी भी अधूरा पड़ा है।
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हरिहरक्षेत्र मेला व हरदिया चंवर है पहचान
गंगा व गंडक नदियों से गलबहिया डाले सोनपुर विधानसभा क्षेत्र कृषि आधारित है। उद्योग विहीन इस विधानसभा क्षेत्र की बड़ी पहचान हरिहर क्षेत्र मेला है। इसकी पहचान कभी एशिया फेम पशु मेले की थी। बदलते परिवेश में इस ऐतिहासिक मेले का ह्रास होता चला जा रहा है। राष्ट्रीय मेला घोषित करने की कवायदें तो खूब हुईं, लेकिन घोषणा का इंतजार अब भी है। बाबा हरिहरनाथ और शक्तिपीठ आमी के पर्यटक स्थल बनने का सपना भी अधूरा पड़ा है। विशाल हरदिया चंवर की जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से यहां की विशाल कृषि भूमि किसानों के लिए अभिशाप बनी है।
वोटर और जातीय समीकरण
बिहार के सारण जिले में स्थित सोनपुर विधानसभा क्षेत्र में में पिछले चुनाव के मुताबिक, कुल वोटर 2 लाख 81 हजार 283 हैं। इनमें पुरुष वोटर 1 लाख 50 हजार 983 हैं जबकि महिला वोटर की संख्या 1 लाख 30 हजार 299 है। यह इलाका यादव और राजपूत बहुल माना जाता है और यहां की राजनीति भी इन दो जातियों को बीच केंद्रित है।
अबतक चुने गये विधायक
1952- जगदीश शर्मा (कांग्रेस)
1957- रामविनोद सिंह (निर्दलीय)
1962- शिव बचन सिंह (कम्युनिस्ट)
1967-72- रामजयपाल सिंह यादव (कांग्रेस)
1977- रामसुंदर दास (जनता पार्टी)
1980-85- लालू प्रसाद यादव (जद एस-लोकदल)
1990-95- राज कुमार राय (जनता दल)
2000- विनय कुमार सिंह (बीजेपी)
2005- डॉ. रामानुज प्रसाद (राजद)
2010- विनय कुमार सिंह (बीजेपी)
2015- डॉ. रामानुज प्रसाद (राजद)
पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी नेता रामानुज प्रसाद ने विनय कुमार सिंह को भारी मतों के अंतर से हराया था। हालांकि, इस बार इस सीट पर कड़ी टक्कर की पूरी संभावना है। इस बार भी चुनाव में राजद के डॉ. रामानुज प्रसाद और भाजपा के विनय सिंह चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। हालांकि समीकरण भी जेडीयू के साथ आने से बदले हुए हैं। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि इस सीट पर एनडीए के प्रत्याशी बाजी पलटेंगे या एक बार फिर तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन में यह सीट जाएगा?
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सोनपुर विधानसभा क्षेत्र में 33 पंयायत व 39 शहरी वार्ड
सोनपुर विधानसभा क्षेत्र का गठन 1952 में हुआ था। पिछले परिसीमन में सारण के सभी विधानसभा क्षेत्रों का स्वरूप बदला, लेकिन सोनपुर का भूगोल पूर्ववत रह गया। दो प्रखंडों सोनपुर व दिघवारा के सम्मिश्रण से बने इस विधानसभा क्षेत्र में 33 ग्राम पंचायतें व दो नगर पंचायत क्षेत्र हैं। सोनपुर के 23 व दिघवारा के 10 पंचायत के साथ सोनपुर नगर पंचायत के 21 व दिघवारा के 18 वार्ड इस विधानसभा क्षेत्र में हैं।
गंगा व गंडक नदियों से सटे सोनपुर विधानसभा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। उधोग विहीन इस विधानसभा क्षेत्र की बड़ी पहचान हरिहर क्षेत्र मेला है। इसकी पहचान कभी एशिया फेम पशु मेले की भी थी। बदलते परिवेश में इस ऐतिहासिक मेले का ह्रास होता चला जा रहा है। राष्ट्रीय मेला घोषित करने की कवायदें तो खूब हुईं, लेकिन घोषणा का इंतजार अब भी है। बाबा हरिहरनाथ और शक्तिपीठ आमी के पर्यटक स्थल बनने का सपना अभी भी अधूरा पड़ा है।
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हरिहरक्षेत्र मेला व हरदिया चंवर है पहचान
गंगा व गंडक नदियों से गलबहिया डाले सोनपुर विधानसभा क्षेत्र कृषि आधारित है। उद्योग विहीन इस विधानसभा क्षेत्र की बड़ी पहचान हरिहर क्षेत्र मेला है। इसकी पहचान कभी एशिया फेम पशु मेले की थी। बदलते परिवेश में इस ऐतिहासिक मेले का ह्रास होता चला जा रहा है। राष्ट्रीय मेला घोषित करने की कवायदें तो खूब हुईं, लेकिन घोषणा का इंतजार अब भी है। बाबा हरिहरनाथ और शक्तिपीठ आमी के पर्यटक स्थल बनने का सपना भी अधूरा पड़ा है। विशाल हरदिया चंवर की जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से यहां की विशाल कृषि भूमि किसानों के लिए अभिशाप बनी है।
वोटर और जातीय समीकरण
बिहार के सारण जिले में स्थित सोनपुर विधानसभा क्षेत्र में में पिछले चुनाव के मुताबिक, कुल वोटर 2 लाख 81 हजार 283 हैं। इनमें पुरुष वोटर 1 लाख 50 हजार 983 हैं जबकि महिला वोटर की संख्या 1 लाख 30 हजार 299 है। यह इलाका यादव और राजपूत बहुल माना जाता है और यहां की राजनीति भी इन दो जातियों को बीच केंद्रित है।
अबतक चुने गये विधायक
1952- जगदीश शर्मा (कांग्रेस)
1957- रामविनोद सिंह (निर्दलीय)
1962- शिव बचन सिंह (कम्युनिस्ट)
1967-72- रामजयपाल सिंह यादव (कांग्रेस)
1977- रामसुंदर दास (जनता पार्टी)
1980-85- लालू प्रसाद यादव (जद एस-लोकदल)
1990-95- राज कुमार राय (जनता दल)
2000- विनय कुमार सिंह (बीजेपी)
2005- डॉ. रामानुज प्रसाद (राजद)
2010- विनय कुमार सिंह (बीजेपी)
2015- डॉ. रामानुज प्रसाद (राजद)