नीलकमल, पटना
बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बना है, जहां कोरोना महामारी के बीच ना सिर्फ विधानसभा के चुनाव हुए बल्कि, बिहार के मतदाताओं ने भी लोकतंत्र के महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर इतिहास रच दिया। बिहार चुनाव के मतदान प्रक्रिया खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे यह बताते हैं कि, चुनाव में जहां मतदाताओं ने इतिहास रचा है वहीं, बिहार देश में सबसे कम उम्र का मुख्यमंत्री देने वाला राज्य बनकर एक और इतिहास गढ़ने की तैयारी में है। हालांकि एक सवाल यह भी उठता है कि क्या एग्जिट पोल के नतीजे एग्जैक्ट पोल में बदलेंगे ? यह सवाल इसलिए भी है क्योंकि पिछले 3 चुनाव में एग्जिट पोल के नतीजे और एग्जैक्ट पोल का नतीजा बिल्कुल उलट रहा है।
2015 के बिहार चुनावों में अधिकांश एक्जिट पोल गलत साबित हुए थे
2015 विधानसभा चुनाव में जब नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव से हाथ मिलाकर एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ा था। जब परिणाम आए तो बिहार में 178 सीटों के साथ महागठबंधन की सरकार बनी थी। लेकिन चुनाव परिणाम के पहले जो एक्जिट पोल आए थे, उनमें लगभग सभी गलत साबित हुए थे। 2015 के चुनाव में 8 एजेंसियों के एक्जिट पोल सामने आए थे। एबीपी-नीलसन, एनएन-आईबीएन-एक्सिस और न्यूज एक्स-सीएनएक्स ने महागठबंधन के लिए कम अंतर से जीत की भविष्यवाणी की थी, जबकि एनडीटीवी-हंसा और न्यूज 24-टुडे के चाणक्य ने एनडीए के लिए भारी जीत की भविष्यवाणी की थी। इसमें से भी चाणक्य ने एनडीए के लिए 157 सीट का अनुमान जताया था। लेकिन जब 8 नवंबर को परिणाम आए थे तब 178 सीट के साथ महागठबंधन की जीत हुई थी। हालांकि एक्सिस पोल का एक्जिट पोल महागठबंधन के लिए 178 सीट दिखा रहा था लेकिन इतनी बड़ी जीत दिखाए जाने पर चैनल पर प्रसारित नहींं किया गया था। चुनाव परिणाम आने के बाद कई चैनल ने एक्जिट पोल के गलत साबित होने पर खेद भी व्यक्त किया था।
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इस बार के एक्जिट पोल के नतीजें भी अलग-अलग
बिहार चुनाव के तीसरे और आखिरी चरण के लिए मतदान समाप्त होने के बाद समाचार चैनलों और एक्जिट पोल एजेंसियों ने अपने एक्जिट पोल के नतीजों की घोषणा की है। हालांकि पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार एग्जिट पोल की संख्या कम है, लेकिन इस बार के एग्जिट पोल ने बहुत करीबी मुकाबले की भविष्यवाणी की है, जिसमें महागठबंधन को एनडीए से आगे रखा गया है। साथ ही मुख्यमंत्री के लिए तेजस्वी यादव की लोकप्रियता मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ज्यादा बताया गया है। चाणक्य के एक्जिट पोल में महागठबंधन का 10 प्रतिशत वोट बढ़ता हुआ दिखाए जाने के साथ 180 सीटें मिलने का अनुमान बताया गया है, वहीं एक्सिस के एक्जिट पोल में भी महागठबंधन को 161 सीटें दी गई हैं। इसके अलावा बाकि के एक्जिट पोल में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। आईए एक नजर डालते हैं विभिन्न एजेंसियों के एक्जिट पोल के आंकड़ों पर -
-टाइम्स नाउ-सी वोटर ने एनडीए को 116 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है, इस एग्ज़िट पोल में महागठबंधन को 120 सीटें और एलजेपी को 1 सीट मिलने की उम्मीद जतायी गई है।
-टीवी-9 भारतवर्ष के अनुसार एनडीए को 110-120, महागठबंधन को 115-125 और एलजेपी को 3-5 सीटें मिल सकती हैं।
-रिपब्लिक-जन की बात के एग्ज़िट पोल ने एनडीए को 91-117, महागठबंधन को 118-138 और एलजेपी को 5-8 सीटें दी है।
-आजतक-एक्सिस माई इंडिया के मुताबिक महागठबंधन को 139-161 सीटें और एनडीए के खाते में सिर्फ 69-91 सीटें आने का अनुमान है।
-टूडेज़ चाणक्य के मुताबिक महागठबंधन को 180 सीटें मिलने का अनुमान है और जेडीयू- बीजेपी को सिर्फ़ 55 सीटे मिलने का अनुमान बताया गया है।
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एक्जिट पोल पर राजनीतिक दलों की राय
2010 विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में नीतीश की वापसी नहीं बल्कि बिहार में त्रिशंकु विधानसभा का अनुमान दिखाया गया था। लेकिन जब वोटों की गिनती हुई तो एनडीए ने 206 सीटों के प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। इसी प्रकार 2005 के अक्टूबर में हुए चुनाव में भी एक्जिट पोल ने त्रिशंकु विधानसभा का इशारा किया था। यानी 2005, 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में एक्जिट पोल गलत साबित हुए थे। यही वजह है कि जेडीयू को अब भी आस है कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की ही सरकार बनेगी। जेडीयू के नेताओं को इस बार भी महिलाओं और EBC वोटरों के वोट की आस है। वहीं आरजेडी के नेताओं का भी कहना है कि उन्हें भी एक्जिट पोल के नतीजों पर भरोसा नहीं है, आरजेडी नेताओं का दावा है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में दो तिहाई से अधिक बहुमत के साथ सरकार बनेगी। इधर कांग्रेस की ओर से भी महागठबंधन की जीत का दावा किया जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि इसबार बिहार ने बदलाव के लिए वोट किया है, रोजगार के लिए वोट किया है। कांग्रेस का दावा है कि वो इसबार 40 से 50 सीटों पर जीत दर्ज करने जा रही है।
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अगर एनडीए की सरकार बनी तो बीजेपी का होगा मुख्यमंत्री !
मंगलवार को आने वाले चुनाव परिणाम क्या होंगे, यह तो कल ही पता चलेगा। लेकिन एग्जिट पोल के अनुसार, बिहार में इस बार महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है और तेजस्वी यादव देश के सबसे कम उम्र के पहले मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। इधर एनडीए की ओर से भी दावा किया जा रहा है कि बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बनेगी। एनडीए के सूत्र यह बता रहे हैं कि अगर एनडीए की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहींं बल्कि बीजेपी का होगा। बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि एनडीए को बहुमत मिलने पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय बिहार में अगले मुख्यमंत्री के तौर पर चुने जा सकते हैं। बता दें कि इसका इशारा केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी चौबे ने 7 नवंबर को ही दे दिया था। 7 नवंबर को अश्वनी चौबे ने यह कह कर चौंका दिया था कि अब नीतीश कुमार को दिल्ली चले जाना चाहिए।
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महागठबंधन के वोटर वोकल तो एनडीए के वोटर साइलेंट हैं
हालांकि एग्जिट पोल कितना एक्ज़ेक्ट होगा इसका पता तो कल देर शाम तक चलेगा। लेकिन सत्ता पक्ष या विपक्ष, एग्जिट पोल पर किसी ने भरोसा नहींं जताया है। यह अलग बात है कि महागठबंधन की ओर से जीत के जश्न की तैयारी, व्यापक तौर पर शुरू कर दी गई है। लेकिन एनडीए के नेता आज भी यह कह रहे हैं कि बिहार में एक बार फिर से पूर्ण बहुमत के साथ NDA की सरकार बन रही है। यह भी सच है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में मतदाता का रुख जानने में बड़े-बड़े पॉलिटिकल पंडित और राजनीतिक दल के नेता फेल साबित हो रहे हैं। कुछ ऐसी भी बातें निकल कर सामने आ रही हैं कि एग्जिट पोल का परिणाम इसलिए महागठबंधन के पक्ष में आ रहा है कि महागठबंधन के वोटर तो वोकल है, वहीं एनडीए के वोटर साइलेंट हैं। यानी यह बताने की कोशिश की जा रही है कि एग्जिट पोल में जिन मतदाताओं से बात की गई, हो सकता है कि वह महागठबंधन का वोटर रहा हो। क्योंकि बिहार जैसे राज्य में एनडीए का वोटर खुलकर एनडीए के पक्ष में बात करने से बचता है। इसके अलावा BJP और JDU को महिला वोटरों के साथ-साथ पहली बार वोट डालने वाले युवाओं और EBC मतदाताओं पर पूरा भरोसा है। वहीं दूसरी तरफ आरजेडी को रोजगार का मुद्दा चलने की आस है। कांग्रेस का कहना है कि इस बार बिहार की जनता ने बदलाव के लिए वोट किया है लिहाजा दो तिहाई बहुमत से महागठबंधन की सरकार बनेगी और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री होंगे।
बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बना है, जहां कोरोना महामारी के बीच ना सिर्फ विधानसभा के चुनाव हुए बल्कि, बिहार के मतदाताओं ने भी लोकतंत्र के महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर इतिहास रच दिया। बिहार चुनाव के मतदान प्रक्रिया खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे यह बताते हैं कि, चुनाव में जहां मतदाताओं ने इतिहास रचा है वहीं, बिहार देश में सबसे कम उम्र का मुख्यमंत्री देने वाला राज्य बनकर एक और इतिहास गढ़ने की तैयारी में है। हालांकि एक सवाल यह भी उठता है कि क्या एग्जिट पोल के नतीजे एग्जैक्ट पोल में बदलेंगे ? यह सवाल इसलिए भी है क्योंकि पिछले 3 चुनाव में एग्जिट पोल के नतीजे और एग्जैक्ट पोल का नतीजा बिल्कुल उलट रहा है।
2015 के बिहार चुनावों में अधिकांश एक्जिट पोल गलत साबित हुए थे
2015 विधानसभा चुनाव में जब नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव से हाथ मिलाकर एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ा था। जब परिणाम आए तो बिहार में 178 सीटों के साथ महागठबंधन की सरकार बनी थी। लेकिन चुनाव परिणाम के पहले जो एक्जिट पोल आए थे, उनमें लगभग सभी गलत साबित हुए थे। 2015 के चुनाव में 8 एजेंसियों के एक्जिट पोल सामने आए थे। एबीपी-नीलसन, एनएन-आईबीएन-एक्सिस और न्यूज एक्स-सीएनएक्स ने महागठबंधन के लिए कम अंतर से जीत की भविष्यवाणी की थी, जबकि एनडीटीवी-हंसा और न्यूज 24-टुडे के चाणक्य ने एनडीए के लिए भारी जीत की भविष्यवाणी की थी। इसमें से भी चाणक्य ने एनडीए के लिए 157 सीट का अनुमान जताया था। लेकिन जब 8 नवंबर को परिणाम आए थे तब 178 सीट के साथ महागठबंधन की जीत हुई थी। हालांकि एक्सिस पोल का एक्जिट पोल महागठबंधन के लिए 178 सीट दिखा रहा था लेकिन इतनी बड़ी जीत दिखाए जाने पर चैनल पर प्रसारित नहींं किया गया था। चुनाव परिणाम आने के बाद कई चैनल ने एक्जिट पोल के गलत साबित होने पर खेद भी व्यक्त किया था।
Bihar Election: EVM कौन बनाता है, कीमत कितनी होती है, जानिए सबकुछ
इस बार के एक्जिट पोल के नतीजें भी अलग-अलग
बिहार चुनाव के तीसरे और आखिरी चरण के लिए मतदान समाप्त होने के बाद समाचार चैनलों और एक्जिट पोल एजेंसियों ने अपने एक्जिट पोल के नतीजों की घोषणा की है। हालांकि पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार एग्जिट पोल की संख्या कम है, लेकिन इस बार के एग्जिट पोल ने बहुत करीबी मुकाबले की भविष्यवाणी की है, जिसमें महागठबंधन को एनडीए से आगे रखा गया है। साथ ही मुख्यमंत्री के लिए तेजस्वी यादव की लोकप्रियता मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ज्यादा बताया गया है। चाणक्य के एक्जिट पोल में महागठबंधन का 10 प्रतिशत वोट बढ़ता हुआ दिखाए जाने के साथ 180 सीटें मिलने का अनुमान बताया गया है, वहीं एक्सिस के एक्जिट पोल में भी महागठबंधन को 161 सीटें दी गई हैं। इसके अलावा बाकि के एक्जिट पोल में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। आईए एक नजर डालते हैं विभिन्न एजेंसियों के एक्जिट पोल के आंकड़ों पर -
-टाइम्स नाउ-सी वोटर ने एनडीए को 116 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है, इस एग्ज़िट पोल में महागठबंधन को 120 सीटें और एलजेपी को 1 सीट मिलने की उम्मीद जतायी गई है।
-टीवी-9 भारतवर्ष के अनुसार एनडीए को 110-120, महागठबंधन को 115-125 और एलजेपी को 3-5 सीटें मिल सकती हैं।
-रिपब्लिक-जन की बात के एग्ज़िट पोल ने एनडीए को 91-117, महागठबंधन को 118-138 और एलजेपी को 5-8 सीटें दी है।
-आजतक-एक्सिस माई इंडिया के मुताबिक महागठबंधन को 139-161 सीटें और एनडीए के खाते में सिर्फ 69-91 सीटें आने का अनुमान है।
-टूडेज़ चाणक्य के मुताबिक महागठबंधन को 180 सीटें मिलने का अनुमान है और जेडीयू- बीजेपी को सिर्फ़ 55 सीटे मिलने का अनुमान बताया गया है।
बाबा कोकिलचंद से जीत का आशीर्वाद लेने गंगरा पहुंचीं बीजेपी नेता श्रेयसी सिंह, कहा- बिहार में एनडीए की सरकार सुनिश्चित
एक्जिट पोल पर राजनीतिक दलों की राय
2010 विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में नीतीश की वापसी नहीं बल्कि बिहार में त्रिशंकु विधानसभा का अनुमान दिखाया गया था। लेकिन जब वोटों की गिनती हुई तो एनडीए ने 206 सीटों के प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। इसी प्रकार 2005 के अक्टूबर में हुए चुनाव में भी एक्जिट पोल ने त्रिशंकु विधानसभा का इशारा किया था। यानी 2005, 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में एक्जिट पोल गलत साबित हुए थे। यही वजह है कि जेडीयू को अब भी आस है कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की ही सरकार बनेगी। जेडीयू के नेताओं को इस बार भी महिलाओं और EBC वोटरों के वोट की आस है। वहीं आरजेडी के नेताओं का भी कहना है कि उन्हें भी एक्जिट पोल के नतीजों पर भरोसा नहीं है, आरजेडी नेताओं का दावा है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में दो तिहाई से अधिक बहुमत के साथ सरकार बनेगी। इधर कांग्रेस की ओर से भी महागठबंधन की जीत का दावा किया जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि इसबार बिहार ने बदलाव के लिए वोट किया है, रोजगार के लिए वोट किया है। कांग्रेस का दावा है कि वो इसबार 40 से 50 सीटों पर जीत दर्ज करने जा रही है।
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अगर एनडीए की सरकार बनी तो बीजेपी का होगा मुख्यमंत्री !
मंगलवार को आने वाले चुनाव परिणाम क्या होंगे, यह तो कल ही पता चलेगा। लेकिन एग्जिट पोल के अनुसार, बिहार में इस बार महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है और तेजस्वी यादव देश के सबसे कम उम्र के पहले मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। इधर एनडीए की ओर से भी दावा किया जा रहा है कि बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बनेगी। एनडीए के सूत्र यह बता रहे हैं कि अगर एनडीए की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहींं बल्कि बीजेपी का होगा। बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि एनडीए को बहुमत मिलने पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय बिहार में अगले मुख्यमंत्री के तौर पर चुने जा सकते हैं। बता दें कि इसका इशारा केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी चौबे ने 7 नवंबर को ही दे दिया था। 7 नवंबर को अश्वनी चौबे ने यह कह कर चौंका दिया था कि अब नीतीश कुमार को दिल्ली चले जाना चाहिए।
Tejashwi Yadav Birthday: चिराग ने तेजस्वी को कहा- हैप्पी बर्थडे... जन्मदिन की बधाई के निकाले जा रहे सौ मायने
महागठबंधन के वोटर वोकल तो एनडीए के वोटर साइलेंट हैं
हालांकि एग्जिट पोल कितना एक्ज़ेक्ट होगा इसका पता तो कल देर शाम तक चलेगा। लेकिन सत्ता पक्ष या विपक्ष, एग्जिट पोल पर किसी ने भरोसा नहींं जताया है। यह अलग बात है कि महागठबंधन की ओर से जीत के जश्न की तैयारी, व्यापक तौर पर शुरू कर दी गई है। लेकिन एनडीए के नेता आज भी यह कह रहे हैं कि बिहार में एक बार फिर से पूर्ण बहुमत के साथ NDA की सरकार बन रही है। यह भी सच है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में मतदाता का रुख जानने में बड़े-बड़े पॉलिटिकल पंडित और राजनीतिक दल के नेता फेल साबित हो रहे हैं। कुछ ऐसी भी बातें निकल कर सामने आ रही हैं कि एग्जिट पोल का परिणाम इसलिए महागठबंधन के पक्ष में आ रहा है कि महागठबंधन के वोटर तो वोकल है, वहीं एनडीए के वोटर साइलेंट हैं। यानी यह बताने की कोशिश की जा रही है कि एग्जिट पोल में जिन मतदाताओं से बात की गई, हो सकता है कि वह महागठबंधन का वोटर रहा हो। क्योंकि बिहार जैसे राज्य में एनडीए का वोटर खुलकर एनडीए के पक्ष में बात करने से बचता है। इसके अलावा BJP और JDU को महिला वोटरों के साथ-साथ पहली बार वोट डालने वाले युवाओं और EBC मतदाताओं पर पूरा भरोसा है। वहीं दूसरी तरफ आरजेडी को रोजगार का मुद्दा चलने की आस है। कांग्रेस का कहना है कि इस बार बिहार की जनता ने बदलाव के लिए वोट किया है लिहाजा दो तिहाई बहुमत से महागठबंधन की सरकार बनेगी और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री होंगे।