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Bihar Chunav : 'खाकी से खादी' की ओर जाने के मूड में एक और 'पांडेय जी'... अब इस बड़े पुलिस अफसर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए सियासी विचार!

Bihar Election 2020 : बिहार चुनाव में इस बार न सिर्फ समीकरण बदले बल्कि काफी नए ट्रेंड भी शुरू हो गए। इन्हीं में से एक ट्रेंड है खाकी से खादी का रुख करना... हालांकि ये बहुत नया ट्रेंड नहीं है लेकिन इस चुनाव में ये काफी जोर पकड़ चुका है। इसी कड़ी में एक नए 'पांडेय जी' का नाम सुर्खियों में है।

Reported byऋषिकेश नारायण सिंह | नवभारतटाइम्स.कॉम 25 Oct 2020, 9:22 am
पटना:
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खादी के लिए मोह खासतौर पर बिहार (Bihar Chunav) में बड़ी बात नहीं है। दबंगों ने खादी को अपनाने की हर करम, हर उपाय किए और कई तो कामयाब भी हो गए। लेकिन पिछले कुछ सालों में एक नया ट्रेंड दिखने को मिला है। अब 'खाकी से खादी की ओर' लोग जाते दिख रहे हैं। ताजा उदाहरण तो बिहार एक पांडेय जी ही हैं। आप गलत समझ रहे हैं, हम पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (bihar assembly elections 2020) की बात नहीं कर रहे। वो खबर तो काफी पुरानी हो गई। ये बिहार के दूसरे पुलिस अफसर हैं जो फिलहाल डीजी रैंक के ऑफिसर (Bihar Police Election) हैं।

DG ने फेसबुक पर पूछा- बिहार के 10 साल का हिसाब
बिहार पुलिस के डीजी सिविल डिफेंस हैं अरविंद पांडेय। इससे पहले ये राज्य पुलिस के कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं। 24 अक्टूबर को इन्होंने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट लिखा। इस पोस्ट में सिर्फ एक लाइन है, पहले पढ़िए इसे... 'सिर्फ 10 वर्ष तक यह सोचिए कि आपने बिहार को क्या दिया....फिर ...'। इसके फौरन बाद उन्होंने एक पोस्ट और किया और इसी पोस्ट की लाइनों को बढ़ा कर लिखा '..उसके बाद आप बिहार से जो मांगोगे वही मिलेगा !' ये पोस्ट काफी पुराना नहीं बल्कि 24 अक्टूबर की दोपहर का ही है।
देखिए डीजी अरविंद पांडेय का ये पोस्ट...

बिहार पुलिस के डीजी अगर चुनाव के समय ये पोस्ट कर रहे हैं तो जाहिर है कि मकसद लॉ एंड ऑर्डर के कहीं आगे है। हम डीजी साहब के इरादों पर सवाल नहीं उठा रहे। दरअसल अरविंद पांडेय इससे पहले कमजोर वर्ग के आईजी और ADG भी रह चुके हैं। जाहिर है कि इस विभाग में उनका सामना सामाजिक मुद्दों से जुड़े केस से ज्यादा हुआ है। ऐसे में इस तरह के विचार आने स्वभाविक हो सकते हैं। लेकिन बिहार पुलिस के ही पूर्व डीजी गुप्तेश्वर पांडेय के VRS लेकर JDU में शामिल होने के बाद इस पोस्ट से सियासी हलके में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

बिहार में खाकी से खादी का इतिहास समझिए
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार 31 जुलाई को ही पुलिस सेवा से रिटायर हुए। रिटायरमेंट के महज एक महीने के अंदर ही उन्होंने जेडीयू की सदस्यता ग्रहण कर ली। पार्टी के दिग्गज नेता ललन सिंह ने उन्हें सदस्यता दिलाई। सुनील कुमार बिहार पुलिस में भवन निर्माण के डीजी पद से रिटायर हुए। 1997 से छह साल तक सुनील कुमार पटना जिले के एसएसपी के तौर पर भी काम किया है। उनकी पहचान तेजतर्रार पुलिस अधिकारी के तौर पर रही है। वो इस चुनाव में JDU के टिकट पर गोपालगंज जिले की भोरे सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

पूर्व डीजीपी केएस द्विवेदी के सियासत में आने की चर्चाबिहार के पूर्व डीजीपी केएस द्विवेदी को लेकर भी चर्चा है कि वो भी जल्द ही राजनीति में कदम रख सकते हैं। फिलहाल उनकी ओर से स्पष्ट तौर पर अभी कुछ नहीं कहा गया है। द्विवेदी इस समय बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष हैं। केएस द्विवेदी, गुप्तेश्वर पांडेय से पहले बिहार के डीजीपी थे। 31 जनवरी, 2019 को गुप्तेश्वर पांडेय ने उनकी जगह बिहार के डीजीपी का पदभार संभाला।
लेखक के बारे में
ऋषिकेश नारायण सिंह
नवभारत टाइम्स डिजिटल के बिहार-झारखंड प्रभारी। पत्रकारिता में जनमत टीवी, आईबीएन 7, ईटीवी बिहार-झारखंड, न्यूज18 बिहार-झारखंड से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक 17 साल का सफर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से शुरुआत के बाद अब बिहार कर्मस्थल। देश, विदेश, अपराध और राजनीति की खबरों में गहरी रुचि। डिजिटल पत्रकारिता की हर विधा को सीखने की लगन।... और पढ़ें

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