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Bihar Election 2020 : रमई राम के बोचहा विधानसभा क्षेत्र से एनडीए ने उतारा 'वीआईपी' कैंडिडेट

2015 का चुनाव बोचहा विधानसभा क्षेत्र के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ जिसमें क्षेत्र से नौ बार के विधायक रमई राम को एक निर्दलीय उम्मीदवार बेबी कुमारी से पटखनी मिली। खास बात यह है कि दोनों के बीच 24,130 वोटों का बड़ा अंतर भी रहा था।

नवभारतटाइम्स.कॉम 31 Oct 2020, 3:05 pm
मुजफ्फरपुर
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आरजेडी नेता रमई राम। (फाइल फोटो)

बोचहा विधानसभा पूर्व मंत्री और बिहार की राजनीति के बड़े नेता रमई राम का क्षेत्र है। रमई राम बोचहा से नौ बार विधायक और पांच दफा मंत्री रह चुके हैं। रमई राम बोचहा से तीन बार राजद, एक बार जेडीयू, दो बार जनता दल और तीन अन्य दलों से विधायक चुने जा चुके हैं। वर्ष 1990 से 2015 तक बिहार सरकार में मंत्री रहे हैं। इसलिए बोचहा को रमई का गढ़ कहा जाता है। लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी बेबी कुमारी ने उन्हें पराजित किया था। विधायक बनने के बाद बेबी कुमारी बीजेपी में शामिल हो गई थीं। इस बार यह सीट एनडीए के नए साथी मुकेश सहनी की वीआईपी के हिस्से चली गई है।

कितने वोटर, कितने बूथ

मुजफ्फरपुर जिला और मजुफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बोचहा विधानसभा क्षेत्र में 2011 की जनगणना के मुताबिक कुल जनसंख्या 4,25,473 है। यहां की 96.45% आबादी ग्रामीण जबकि 3.55% शहरी है। यहां कुल 2,54,247 वोटर हैं जिनमें 53.16% पुरुष जबकि 46.84% महिला मतदाता हैं। निर्वाचन आयोग ने यहां शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करवाने के लिए 239 पोलिंग बूथों की व्यवस्था की है।

2015 का चुनाव
2015 का चुनाव बोचहा विधानसभा क्षेत्र के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ जिसमें क्षेत्र से नौ बार के विधायक रमई राम को एक निर्दलीय उम्मीदवार बेबी कुमारी से पटखनी मिली। खास बात यह है कि दोनों के बीच 24,130 वोटों का बड़ा अंतर भी रहा था। बेबी कुमारी ने 40.67% यानी 67,720 वोट हासिल किए थे जबकि आरजेडी कैंडिडेट रमई राम के हिस्से सिर्फ 26.18% यानी 43,590 वोट ही आए। पिछले चुनाव में बोचहा सीट से कुल 15 कैंडिडेट्स ने चुनाव मैदान में ताल ठोंकी थी।

2015 का विधानसभा चुनाव जेडीयू ने आरजेडी की अगुवाई में बने महागठबंधन की एक इकाई के तौर पर लड़ा था। इस बार उसने एनडीए कैंप में वापसी कर ली है। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की अगुआ आरजेडी को हिस्से सबसे ज्यादा 80 सीटें आईं। साथी दल जेडीयू को 71 सीटें मिलीं जबकि एनडीए की अगुवाई कर रही बीजेपी के हिस्से 53 सीटें आईं। कांग्रेस पिछली बार भी महागठबंधन का हिस्सा थी। तब उसे 27 सीटें मिली थीं। नीतीश कुमार महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री के प्रत्याशी थे और वो पांचवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। इस बार वो एनडीए गठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा हैं।

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