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Gujarat Election 2022: जातिवाद से मुक्त चुनावों के लिए ऑटो ड्राइवर ने गांधीनगर दक्षिण से भरा पर्चा, शब्दों नहीं अंकों में है नाम

गुजरात को हिंदुत्व की प्रयोगशाला कहा जाता है। गुजरात चुनावों के बीच में गांधीनगर दक्षिण सीट से अनोखा नामांकन सामने आया है। इसमें खुद को नास्तिक बताने वाले राजवीर ने अपने नाम में स्कूल के इनरोलमेंट नंबर को जोड़कर पर्चा भरा है। राजवीर का कहना है कि चुनाव में जाति का प्रभाव काम होना चाहिए, ताकि लोग काबिलियत के हिसाब से प्रतिनिधि का चुनाव करें।

Edited byअचलेंद्र कटियार | नवभारतटाइम्स.कॉम 18 Nov 2022, 4:22 pm

हाइलाइट्स

  • अहमदाबाद के राजवीर ने गांधीनगर दक्ष्रिण से भरा पर्चा
  • खुद को नास्तिक कहने वाले राजवीर नहीं लिखते हैं जाति
  • नामांकन में जाति, समुदाय और धर्म का नहीं किया जिक्र
  • नामांकन रद्द हुआ तो राजवीर जाएंगे गुजरात हाईकोर्ट
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अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनावों में गांधीनगर दक्षिण की सीट से एक अनोखा नामांकन सामने आया है। अहमदाबाद निवासी ऑटो चलाक राजवीर ने गांधीनगर दक्षिण से अपना पर्चा भरा है। नामंकन पत्र में राजवीर ने अपना RV155677820 दर्शाया है। पूर्व में यह नाम हासिल करने के लिए काफी धक्के खा चुके राजवीर अब चुनावी रण में उतरे हैं। राजवीर का कहना है कि उन्होंने चुनावों को जातिवाद से मुक्त बनाने के लिए गांधीनगर दक्षिण की सीट से नामांकन किया है। जब राजवीर नामांकन के लिए पहुंचे तो वहां मौजूद की मांग को देखकर अचरज में पड़ गए। राजवीर का कहना है कि चुनावों में जाति और समुदाय को तवज्जो दिए जाने कि बजाए विनैबिलिटी को वरीयता मिलनी चाहिए। राजवीर जातिगत आईडेंटी न्यूट्रल नाम के लिए लड़ रहे हैं।
नाम बदलने की लड़ाई जारी
मई, 2015 तक राजवीर खुद को RV155677820 कहते हैं। जातिगत पहचान हटाने के लिए उन्होंने पहले अहमदाबाद और राजकोट जिला कचेहरी में आवेदन किया था, लेकिन 2017 में उनके दोनों आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है। इसके बाद राजवीर ने 2019 में गुजरात हाईकोर्ट में आवेदन किया। वहां पर अभी केस लंबित है। इस सब के बीच राजवीर गांधीनगर दक्षिण की सीट से अपनी उम्मीदवारी की है। अहमदाबाद के चांदखेड़ा में रहने वाले राजवीर ( RV155677820) ने गांधीनगर जिले की जिस सीट से नामांकन किया है। उस सीट पर 2017 में बीजेपी को जीत मिली थी। 2022 के चुनाव में इस सीट से बीजेपी ने अल्पेश ठाकोर को मैदान में उतारा है। अल्पेश ठाकोर कांग्रेस से पाला बदलकर बीजेपी में आए हैं। कांग्रेस ने इस सीट से डॉ. हिमांशु पटेल को उम्मीदवार बनाया है।
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जाति-धर्म में नहीं आस्था
क्लीनिकल साइकोलॉजी की पढ़ाई करने वाले राजवीर खुद नास्तिक हैं। अब वे चुनावी लड़ाई में कूदे हैं। चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र में राजवीर ने अपनी जाति, समुदाय और धर्म का उल्लेख नहीं किया है। राजवीर का कहना है कि अगर ये जानकारियां नहीं देने के कारण उनकी उम्मीदवारी खारिज की जाती है तो वे कोर्ट का रुख करेंगे। राजवीर कहते हैं कि बीजेपी के लिए गुजरात हिंदुत्व की प्रयोगशाला है। चुनाव जीतने के बाद बीजेपी इसका इस्तेमाल करती है पूर्व में कांग्रेस सत्ता में आने के लिए जाति की राजनीति करती थी। यह हमारे संवैधानिक और धर्म निपरेक्ष देश के खिलाफ है। राजवीर का कहना है कि मैं ऐसा समाज बनाना चाहता हूं जहां जाति और धर्म का महत्व न हो। लोकतंत्र में लोग उम्मीदवार को उनकी काबिलियत के आधार पर चुनें। राजवीर ने अपने नए नाम में स्कूल के इनरोलमेंट नंबर को जोड़ा है। चुनाव लड़कर मैं अपना नाम बदलना चाहता हूं।
लेखक के बारे में
अचलेंद्र कटियार
अचलेंद्र कटियार ने जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली से पढ़ाई की है। इसके बाद मेरठ, कानपुर और दिल्ली के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय समाचार पत्रों में काम किया। जून, 2020 से गुजरात की राजनीति और संस्कृति को समझने के लिए सक्रिय हैं।... और पढ़ें

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