भावनगर: गुजरात विधानसभा चुनाव की कवरेज के लिए एनबीटी डिजिटल की टीम भावनगर पहुंची। यहां 102 साल पुरानी गांठिया की मशहूर दुकान है। इस दुकान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यादें भी जुड़ी हैं। दरअसल जब वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) से जुड़े थे तो यहां की गांठिया खाते थे। दुकान का नाम है- नरसीबाबा गांठिया दुकान पर जो 1920 में खोली गई थी। आज तीसरी पीढ़ी इस दुकान को चला रही है। यहां 7 से 8 अलग-अलग तरह की गांठिया मिलती है जिसकी खास बात यह है कि इसे हाथ से बनाया जाता है। यही वजह से है कि अमेरिका, इंग्लैंड में बसे भारतीय परिवार भी इसे पसंद करते हैं। दुकान में मौजूद जीतू भाई बताते हैं, 'यह दुकान हमारे दादा ने 1920 में खोली थी। आज तीसरी पीढ़ी इसे चला रही है। भावनगर में इसकी तीन ब्रांच हैं और बाहर हम रीटेल में बेचते हैं।' उन्होंने बताया, 'हमारे पास ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और अमेरिका से भी ऑर्डर आते हैं।' नरसीबाबा गांठिया की खासियत यह है कि 102 साल से इसके स्वाद में जरा सा भी बदलाव नहीं आया है। जीतू भाई दावा करते हैं कि ऐसा गांठिया पूरे गुजरात में कहीं नहीं मिलेगा। वह कहते हैं, 'हम इसे हाथ से बनाते हैं। इसमें अच्छी क्वॉलिटी का बेसन और ग्राउंडनट ऑयल मिक्स करते हैं। इसके अलावा इसमें काली मिर्च, अजवाइन और जीरा मिलाया जाता है।'
'नायलॉन से लेकर चंपाकली गांठिया मिलती है यहां'
गांठिये के टेस्ट के पीछे यहां के पानी की भी खासियत है। जीतू भाई बताते हैं, 'भावनगर का पानी गांठिये के टेस्ट को अलग बनाता है। आधा किलो पैकेट की कीमत 170 रुपये है। जीतू भाई बताते हैं, 'हम 7-8 वैरायटी की गांठिया बनाते हैं- काली मिर्च फ्लेवर, नायलॉन गांठिया या भावनगरी गांठिया, चंपाकली, बेसनवाला, मेथीवाला और पपड़ी वाला। जीतू भाई बताते हैं कि चंपाकली फ्लेवर में काली मिर्च नहीं पड़ती है, अजवाइन और जीरा मिलाया जाता है। इसी तरह नायलॉन गांठिया पतली होती है और मुंह में डालते ही घुल जाती है।'
भावनगर से रिश्तेदार भेजते थे मोदी को गांठिया
गांठिये से पीएम मोदी की जुड़ी कहानी पर जीतू भाई ने बताया, 'नरेंद्र मोदी जब संघ कार्यालय में बैठते थे तब भावनगर में उनके एक रिश्तेदार रहते हैं- ऋषिदादा, वह उन्हें यहां की गांठिया भिजवाते थे।' पिछले दिनों पीएम मोदी ने भावनगर की गांठिया का जिक्र किया था। जीतू कहते हैं, 'हमारे लिए गर्व की बात है कि उन्हें अभी तक यहां का टेस्ट याद है।'
'नायलॉन से लेकर चंपाकली गांठिया मिलती है यहां'
गांठिये के टेस्ट के पीछे यहां के पानी की भी खासियत है। जीतू भाई बताते हैं, 'भावनगर का पानी गांठिये के टेस्ट को अलग बनाता है। आधा किलो पैकेट की कीमत 170 रुपये है। जीतू भाई बताते हैं, 'हम 7-8 वैरायटी की गांठिया बनाते हैं- काली मिर्च फ्लेवर, नायलॉन गांठिया या भावनगरी गांठिया, चंपाकली, बेसनवाला, मेथीवाला और पपड़ी वाला। जीतू भाई बताते हैं कि चंपाकली फ्लेवर में काली मिर्च नहीं पड़ती है, अजवाइन और जीरा मिलाया जाता है। इसी तरह नायलॉन गांठिया पतली होती है और मुंह में डालते ही घुल जाती है।'
भावनगर से रिश्तेदार भेजते थे मोदी को गांठिया
गांठिये से पीएम मोदी की जुड़ी कहानी पर जीतू भाई ने बताया, 'नरेंद्र मोदी जब संघ कार्यालय में बैठते थे तब भावनगर में उनके एक रिश्तेदार रहते हैं- ऋषिदादा, वह उन्हें यहां की गांठिया भिजवाते थे।' पिछले दिनों पीएम मोदी ने भावनगर की गांठिया का जिक्र किया था। जीतू कहते हैं, 'हमारे लिए गर्व की बात है कि उन्हें अभी तक यहां का टेस्ट याद है।'