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UP Chunav: बड़ा सवाल? रामपुर में अब्दुल्ला आजम ने आखिर दो जन्मतिथि के साथ पर्चा दाखिल ही क्यों किया?

UP Election 2022: चुनाव आयोग का सीधा का नियम है कि आपको चुनावी नामांकन फॉर्म में सभी जानकारी सही-सही डालनी होती है। इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी नामांकन को रद्द करा देती है। अब्दुल्ला आजम पर पहले भी फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप लगा था। इस मामले में उनकी विधायिकी पहले भी जा चुकी है।

Curated byराहुल पराशर | नवभारतटाइम्स.कॉम 28 Jan 2022, 2:40 pm
रामपुर: अब्दुल्ला आजम ने स्वार विधानसभा सीट के लिए नामांकन फॉर्म भरा है। अब उनका नामांकन फॉर्म ही विवादों में आ गया है। दरअसल, अब्दुल्ला ने अपने नामांकन फॉर्म में दो डेट ऑफ बर्थ (जन्मतिथि) भरा है। इस नामांकन फॉर्म के दाखिल करने के साथ ही उन्होंने प्रशासन से लेकर चुनाव आयोग तक सवाल खड़े कर दिए। नामांकन पत्र के रद्द होने की आशंका जता दी। ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि अखिर अब्दुल्ला आजम ने दो जन्मतिथि के साथ नामांकन फॉर्म क्यों दाखिल किया?

अब्दुल्ला आजम गलत जन्म प्रमाण पत्र के आरोप में वर्ष 2019 में अपनी विधायिकी गंवा चुके हैं। उनके पिता आजम खान और मां तजीन फातमा पर फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने का मामला दर्ज किया गया है। दोनों फरवरी 2020 में जेल भी गए थे। माता तजीन फातमा को दिसंबर 2020 में रिहा कर दिया था। पिछले दिनों अब्दुल्ला आजम भी बेल पर रिहा होकर बाहर आए हैं। अब वे चुनावी मैदान में हैं। समाजवादी पार्टी ने उन्हें स्वार विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। लेकिन, एक बार फिर उनका फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का मामला गरमा गया है। दो जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर नामांकन ने सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर इस प्रकार का कार्य उन्होंने क्यों किया?

विरोधियों पर लगा रहे आरोप
नामांकन फॉर्म में दो जन्मतिथि डालने का मामला सामने आने के बाद अब्दुल्ला आजम की प्रतिक्रिया सामने आई है। उनका कहना है कि विरोधी उनके पर्चा को कैंसिल कराने को लेकर ही अपनी राजनीति कर रहे हैं। उनका चुनाव सिर्फ इस बात पर है कि मेरा पर्चा कैंसिल हो जाए तो वे चुनाव जीत जाएंगे। हालांकि, उन्होंने दो जन्मतिथि के मामले पर कोई ठोस बात नहीं कर पाए हैं। कहा जा रहा है कि आयोग उनके किसी एक जन्मतिथि को तो सही मानेगी। लेकिन, उनके विरोधियों के पास एक बार फिर एक हथियार हाथ लग गया है और इस मामले में उन्हें घेरने की कोशिश शुरू हो गई है।

सुरक्षाकर्मियों पर ही उठाए सवाल
अब्दुल्ला ने अपनी सुरक्षा में लगाए गए पुलिस के जवानों पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। उनका कहना है कि ये सुरक्षाकर्मी उनकी सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि उनकी रेकी के लिए लगाए गए हैं। मास्क के काण पुलिस से हुई झड़प मसले पर उन्होंने कहा कि जिस पुलिसकर्मी ने हमें रोका था, वह खुद मास्क नहीं लगाए हुए था। एमपी एमएलए कोर्ट से सांसद आजम खान की जमानत याचिका खारिज होने के मामले पर भी उन्होंने कहा कि जो मामला कोर्ट में है, उसका जिक्र पब्लिक डोमेन में करने से कोई फायदा नहीं। साथ ही, उन्होंने नामांकन रद्द होने जैसे सवालों पर भी बेबाकी से जवाब दिया।

रिटर्निंग अधिकारी के सामने है पूरा मामला
नामांकन फार्म में दो जन्मतिथि के सवाल पर अब्दुल्ला आजम ने कहा कि अब पूरा मामला रिटर्निंग अधिकारी के सामने है। उसका यहा जिक्र करने से कोई फायदा नहीं मिलने वाला। हालांकि, उन्होंने अपने विरोधियों से कहा कि आप मजबूती से चुनाव लड़ो। अगर मैं गलत हूं तो मुझे हराओ। आपके साथ अधिकारी हैं। आपके साथ पुलिस है। आपके साथ दो-दो सरकारें हैं। मैं तो अकेला हूं। मेरे साथ जो पुलिस वाले चल रहे हैं, मुझे उन पर ही भरोसा नहीं है। अब्दुल्ला ने अंदेशा जताया कि वे ही किसी चीज में न हमें फंसा दें। हमें गोली मार दें। वे मेरी सुरक्षा नहीं मेरी रेकी कर रहे हैं। उनकी हर चीज पर नजर है। किसके साथ हूं, कहां हूं, किनसे मिल रहा हूं।

दो जन्मतिथि पर अब्दुल्ला ने कहा कि 29 जनवरी को नामांकन फॉर्म की स्क्रूटनी होगी। इसमें जो कुछ भी होगा सबके सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों का चुनाव केवल इस बात पर है कि हमारा पर्चा कैंसिल हो जाए और वे चुनाव जीत जाएं। अब तक वे रेस में अकेले भाग रहे थे। अब उनके सामने दूसरा दौड़ने वाला आया है। मेरे नामांकन से वे लोग क्यों डरे हुए हैं? उनको पता है कि 10 मार्च का क्या नतीजा आने वाला है।
लेखक के बारे में
राहुल पराशर
नवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर डिजिटल कंटेंट क्रिएटर। पत्रकारिता में प्रभात खबर से शुरुआत। राष्ट्रीय सहारा, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक का सफर। डिजिटल जर्नलिज्म को जानने और सीखने की कोशिश। नित नए प्रयोग करने का प्रयास। मुजफ्फरपुर से निकलकर रांची, पटना, जमशेदपुर होते हुए लखनऊ तक का सफर।... और पढ़ें

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