लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election 2022) के तीसरे चरण की वोटिंग (Third Phase of UP Polls) की प्रक्रिया चल रही है। इस दौरान कानपुर से आई एक तस्वीर ने हर किसी को हैरान कर दिया है। कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय (Pramila Pandey) ने मतदान किया और ईवीएम का बटन दबाते हुए फोटो शेयर कर दिया। मतदान आपका अधिकार है, लेकिन इस दौरान ऐसी कोई भी गलती आपको कानूनी झमेले में फंसा सकती है।
विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव से लेकर नगर निकाय और पंचायती राज संस्थाओं तक की वोटिंग को गुप्त मतदान के दायरे में रखा जाता है। गुप्त मतदान का अर्थ है कि आपने अपना मत किसको दिया, इसे गुप्त रखा जाए। अगर किसी ने भी इस नियम का पालन नहीं किया और अपने मतदान को सार्वजनिक किया तो उसे कानूनी झमेले में फंसना पड़ सकता है। आरपी एक्ट के तहत इसे अपराध की श्रेणी में माना जाता है। ऐसे में इस प्रकार की कोई भी गलती के परिणाम गलत ही होंगे।
कानपुर की मेयर पर एफआईआर दर्ज
कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने जिस प्रकार से मतदान की गोपनीयता को भंग किया है, उन पर भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। मतदान नियमों का पालन नहीं करने को लेकर सुसंगत धाराओं में उन पर प्रशासन की ओर से एफआईआर कराया गया है। अगर आपने यह गलती की तो आपको भी इसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
आदर्श आचार संहिता का है उल्लंघन
चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए निर्धारित आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के रूप में अपने मतदान को सार्वजनिक किया माना जाता है। ऐसा करने वाले लोगों को आदर्श आचार संहिता उल्लंघन और रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल्स (आरपी) एक्ट की सुसंगत धाराओं में कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में जेल तक भेजे जाने का प्रावधान है।
विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव से लेकर नगर निकाय और पंचायती राज संस्थाओं तक की वोटिंग को गुप्त मतदान के दायरे में रखा जाता है। गुप्त मतदान का अर्थ है कि आपने अपना मत किसको दिया, इसे गुप्त रखा जाए। अगर किसी ने भी इस नियम का पालन नहीं किया और अपने मतदान को सार्वजनिक किया तो उसे कानूनी झमेले में फंसना पड़ सकता है। आरपी एक्ट के तहत इसे अपराध की श्रेणी में माना जाता है। ऐसे में इस प्रकार की कोई भी गलती के परिणाम गलत ही होंगे।
कानपुर की मेयर पर एफआईआर दर्ज
कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने जिस प्रकार से मतदान की गोपनीयता को भंग किया है, उन पर भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। मतदान नियमों का पालन नहीं करने को लेकर सुसंगत धाराओं में उन पर प्रशासन की ओर से एफआईआर कराया गया है। अगर आपने यह गलती की तो आपको भी इसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
आदर्श आचार संहिता का है उल्लंघन
चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए निर्धारित आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के रूप में अपने मतदान को सार्वजनिक किया माना जाता है। ऐसा करने वाले लोगों को आदर्श आचार संहिता उल्लंघन और रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल्स (आरपी) एक्ट की सुसंगत धाराओं में कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में जेल तक भेजे जाने का प्रावधान है।