गाजियाबाद
आबादी के लिहाज से गाजियाबाद की साहिबाबाद विधानसभा सीट यूपी की सबसे बड़ी विधानसभा सीट मानी जाती है। इस बार यहां 10 लाख से अधिक मतदाता हैं, जो 10 फरवरी को मतदान में हिस्सा लेंगे। यहां से बीजेपी के मौजूदा विधायक सुनील शर्मा ने 2017 में डेढ़ लाख से अधिक वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार अमरपाल शर्मा को हराया था।
सुनील के सामने इस बार भी विरोधी गुट लामबंद नजर आ रहा है, लेकिन वह इसे अधिक तवज्जो देने के मूड में नहीं हैं। उनका दावा है कि जनता के बीच रहकर उन्होंने न सिर्फ नए विकास कार्य किए, बल्कि 20 साल से अधूरे पड़े कामों को भी पूरा किया। सदन में कई स्थानीय मुद्दों को समय-समय पर उठाते रहे।
अधूरे कामों की लंबी लिस्ट
वहीं, विरोधी अधूरे पड़े कामों की लंबी लिस्ट के साथ उनके दावों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। साथ ही कोरोना संक्रमण के दौरान आम लोगों को होने वाली परेशानियों का मुद्दा भी जमकर उठा रहे हैं। हालांकि, सुनील शर्मा का दावा है कि कोविड के दौरान जनता से दूर रहने की बात सरासर अफवाह है, जनता के बीच काम करने के दौरान ही कोरोना संक्रमित हुए।
विधायक के दावे
- इंदिरापुरम में सरकारी अस्पताल का प्रस्ताव शासन के पास मंजूरी के लिए नगर निगम से भेजा जा चुका है।
- नोएडा सेक्टर-62 से साहिबाबाद को जोड़ने का काम जीडीए की कार्ययोजना में शामिल है। दिलशाद से नए बस अड्डे का विस्तार हुआ।
- शहर को जाम मुक्त करने के लिए जीटी रोड, मोहन नगर चौराहा, अराधना सिनेमा बॉर्डर, वजीराबाद रोड, हिंडन, अर्थला की तरफ अंडरपास, चौराहे के चौड़ीकरण के अलावा हिंडन पुल, वसुंधरा पुल व एलिवेटेड का काम पूरा कराया गया। आरसीसी की सड़कों का निर्माण हुआ।
- गंगाजल की आपूर्ति की जगह मोहन नगर जोन में 6 रेनीवेल में से 3 कुछ दिनों में शुरू हो जाएंगे, जिनका काम चल रहा है। उसके बाद पानी की समस्या दूर हो जाएगी।
- 23 नगरीय स्वास्थ्य केंद्र जो बंद पड़े थे, वहां डॉक्टर व नर्स की व्यवस्था करवाई गई। वहां ऑक्सिजन सिलिंडर से लेकर कंन्स्ट्रेटर तक की व्यवस्था की गई है।
- जलभराव वाले क्षेत्र आईएमई कॉलेज, ईएसआईसीअी व जीटी रोड पर नई सीवर लाइन डालकर दुरुस्त किया गया। 20 साल से ये इलाके प्रभावित थे।
- मोहन नगर में एफओबी शुरूआत हुई, इसके चलते सड़क पार करने की दिक्कत दूर हो गई है।
विपक्ष उठा रहा ये मुद्दे
- नोएडा सेक्टर 62 मेट्रो को साहिबाबाद से जोड़ने के लिए 2 पिलर खड़े किए गए थे। इसका काम आगे नहीं बढ़ाया गया।
- राजनगर एक्सटेंशन में इंटरनैशनल क्रिकेट ग्राउंड को लेकर कोई प्रगति नहीं हुई।
- मोहन नगर जोन में गंगाजल की वॉटर लाइन का 70 प्रतिशत काम कराया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने ये सारी लाइनें बंद करवा दीं।
- वसुंधरा में 100 बेड के अस्पताल का काम शुरू नहीं हुआ, जबकि इसका पैसा सरकारी अस्पताल के पास जमा है। अब इंदिरापुरम में जमीन मिलने का झूठा दावा हो रहा है।
- कोरोना काल में यहां से प्रवासी पलायन के लिए मजबूर हुए, ऑक्सिजन सिलिंडर की मारामारी में विधायक नदारद रहे। जनता असहाय नजर आई।
- कूड़ा निस्तारण का दिखावा होता रहा, एक डंपिंग जोन तक नहीं बना, वसुंधरा जोन का कूड़ा इंदिरापुरम के आबादी एरिया में डाला जाता रहा। जनता को कोर्ट जाना पड़ा।
- इंदिरापुरम की जो सड़कें चमकती थीं, आज वह जर्जर हालत में हैं।
- खोड़ा जहां करीब पौने 2 लाख वोटर हैं, वहां के लोग आज भी बोतलबंद पानी पर निर्भर हैं।
क्या कहती है साहिबाबाद की जनता
आलोक कुमार, इंदिरापुरमः सीवर व सड़क के काम हुए, लेकिन इंदिरापुरम हैंडओवर का मसला अटका रहा। लोकल इंटरनल ट्रांसपोर्ट को लेकर काम नहीं हो सका। कूड़ा निस्तारण जैसे विषय अथॉरिटी से हल हो सकते थे, उसके लिए एनजीटी जाना पड़ा। अवैध निर्माण पर लगाम नहीं लग सकी। अस्पताल व डिग्री कॉलेज के लिए एक टाइम फ्रेम में काम होना चाहिए था।
कैलाश चंद्र शर्मा, वसुंधरा: सरकारी स्कूलों में बेंच की व्यवस्था, सोसायटीज में स्ट्रीट लाइट्स, मंदिरों के सामने सोलर लाइट, पार्कों में बेंच जैसे सराहनीय कार्य हुए। मोहन नगर से वसुंधरा रेड लाइट फ्लाईओवर निर्माण से जाम में राहत मिली। अस्पताल, कॉलेज, स्टेडियम का मुद्दा विधानसभा में उठाते रहे। जनता की यह मांग पूरी होनी चाहिए, कई साल से इंतजार कर रहे हैं।
डॉ. देव सागर, वसुंधरा: पांच साल के कार्यों की समीक्षा करता हूं तो मुझे लगता है कि विधायक न तो साहिबाबाद की आम जनता के बीच दिखे और न ही अपने कोई वादे पूरे कर सके। यहां की सड़कों की हालत बुरी बनी रही, बारिश में जलभराव से निजात नहीं मिल सकी। गंदे पानी की दिक्कत से भी पब्लिक को छुटकारा नहीं मिला। वॉटर सप्लाई प्रभावित ही रहती है।
आबादी के लिहाज से गाजियाबाद की साहिबाबाद विधानसभा सीट यूपी की सबसे बड़ी विधानसभा सीट मानी जाती है। इस बार यहां 10 लाख से अधिक मतदाता हैं, जो 10 फरवरी को मतदान में हिस्सा लेंगे। यहां से बीजेपी के मौजूदा विधायक सुनील शर्मा ने 2017 में डेढ़ लाख से अधिक वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार अमरपाल शर्मा को हराया था।
सुनील के सामने इस बार भी विरोधी गुट लामबंद नजर आ रहा है, लेकिन वह इसे अधिक तवज्जो देने के मूड में नहीं हैं। उनका दावा है कि जनता के बीच रहकर उन्होंने न सिर्फ नए विकास कार्य किए, बल्कि 20 साल से अधूरे पड़े कामों को भी पूरा किया। सदन में कई स्थानीय मुद्दों को समय-समय पर उठाते रहे।
2017 के चुनाव में विधायक ने जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए। सरकारी अस्पताल का वादा अधूरा ही रह गया। गरीब जनता प्राइवेट अस्पतालों या फिर दिल्ली पर निर्भर है। एजुकेशन के क्षेत्र में डिग्री कॉलेज की मांग पूरी नहीं हुई। मोहन नगर जोन में गंगाजल की मांग अधूरी है।
अधूरे कामों की लंबी लिस्ट
वहीं, विरोधी अधूरे पड़े कामों की लंबी लिस्ट के साथ उनके दावों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। साथ ही कोरोना संक्रमण के दौरान आम लोगों को होने वाली परेशानियों का मुद्दा भी जमकर उठा रहे हैं। हालांकि, सुनील शर्मा का दावा है कि कोविड के दौरान जनता से दूर रहने की बात सरासर अफवाह है, जनता के बीच काम करने के दौरान ही कोरोना संक्रमित हुए।
विधायक के दावे
- इंदिरापुरम में सरकारी अस्पताल का प्रस्ताव शासन के पास मंजूरी के लिए नगर निगम से भेजा जा चुका है।
- नोएडा सेक्टर-62 से साहिबाबाद को जोड़ने का काम जीडीए की कार्ययोजना में शामिल है। दिलशाद से नए बस अड्डे का विस्तार हुआ।
- शहर को जाम मुक्त करने के लिए जीटी रोड, मोहन नगर चौराहा, अराधना सिनेमा बॉर्डर, वजीराबाद रोड, हिंडन, अर्थला की तरफ अंडरपास, चौराहे के चौड़ीकरण के अलावा हिंडन पुल, वसुंधरा पुल व एलिवेटेड का काम पूरा कराया गया। आरसीसी की सड़कों का निर्माण हुआ।
- गंगाजल की आपूर्ति की जगह मोहन नगर जोन में 6 रेनीवेल में से 3 कुछ दिनों में शुरू हो जाएंगे, जिनका काम चल रहा है। उसके बाद पानी की समस्या दूर हो जाएगी।
- 23 नगरीय स्वास्थ्य केंद्र जो बंद पड़े थे, वहां डॉक्टर व नर्स की व्यवस्था करवाई गई। वहां ऑक्सिजन सिलिंडर से लेकर कंन्स्ट्रेटर तक की व्यवस्था की गई है।
- जलभराव वाले क्षेत्र आईएमई कॉलेज, ईएसआईसीअी व जीटी रोड पर नई सीवर लाइन डालकर दुरुस्त किया गया। 20 साल से ये इलाके प्रभावित थे।
- मोहन नगर में एफओबी शुरूआत हुई, इसके चलते सड़क पार करने की दिक्कत दूर हो गई है।
बीजेपी विधायक की तरफ से दिए गए कार्यों के लेखाजोखा फर्जी है। विधानसभा के आम लोगों को कुछ नहीं मिला। अस्पताल से लेकर अन्य बुनियादी सुविधाओं तक के लिए लोगों को जूझना पड़ रहा है। मेरे समय में शुरू कराए गए विकास कार्य भी पूरे नहीं किए गए।
विपक्ष उठा रहा ये मुद्दे
- नोएडा सेक्टर 62 मेट्रो को साहिबाबाद से जोड़ने के लिए 2 पिलर खड़े किए गए थे। इसका काम आगे नहीं बढ़ाया गया।
- राजनगर एक्सटेंशन में इंटरनैशनल क्रिकेट ग्राउंड को लेकर कोई प्रगति नहीं हुई।
- मोहन नगर जोन में गंगाजल की वॉटर लाइन का 70 प्रतिशत काम कराया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने ये सारी लाइनें बंद करवा दीं।
- वसुंधरा में 100 बेड के अस्पताल का काम शुरू नहीं हुआ, जबकि इसका पैसा सरकारी अस्पताल के पास जमा है। अब इंदिरापुरम में जमीन मिलने का झूठा दावा हो रहा है।
- कोरोना काल में यहां से प्रवासी पलायन के लिए मजबूर हुए, ऑक्सिजन सिलिंडर की मारामारी में विधायक नदारद रहे। जनता असहाय नजर आई।
- कूड़ा निस्तारण का दिखावा होता रहा, एक डंपिंग जोन तक नहीं बना, वसुंधरा जोन का कूड़ा इंदिरापुरम के आबादी एरिया में डाला जाता रहा। जनता को कोर्ट जाना पड़ा।
- इंदिरापुरम की जो सड़कें चमकती थीं, आज वह जर्जर हालत में हैं।
- खोड़ा जहां करीब पौने 2 लाख वोटर हैं, वहां के लोग आज भी बोतलबंद पानी पर निर्भर हैं।
सत्ता पक्ष के दावों और हकीकत में काफी अंतर है। खोड़ा कॉलोनी की जनता से जर्जर सड़क और पीने के पानी की समस्या दूर करने के वादे बरसों से किए जाते रहे। अस्पताल तक का वादा पूरा नहीं हुआ। हम जनता के बीच जाकर इनकी पोल खोल रहे हैं।
क्या कहती है साहिबाबाद की जनता
आलोक कुमार, इंदिरापुरमः सीवर व सड़क के काम हुए, लेकिन इंदिरापुरम हैंडओवर का मसला अटका रहा। लोकल इंटरनल ट्रांसपोर्ट को लेकर काम नहीं हो सका। कूड़ा निस्तारण जैसे विषय अथॉरिटी से हल हो सकते थे, उसके लिए एनजीटी जाना पड़ा। अवैध निर्माण पर लगाम नहीं लग सकी। अस्पताल व डिग्री कॉलेज के लिए एक टाइम फ्रेम में काम होना चाहिए था।
कैलाश चंद्र शर्मा, वसुंधरा: सरकारी स्कूलों में बेंच की व्यवस्था, सोसायटीज में स्ट्रीट लाइट्स, मंदिरों के सामने सोलर लाइट, पार्कों में बेंच जैसे सराहनीय कार्य हुए। मोहन नगर से वसुंधरा रेड लाइट फ्लाईओवर निर्माण से जाम में राहत मिली। अस्पताल, कॉलेज, स्टेडियम का मुद्दा विधानसभा में उठाते रहे। जनता की यह मांग पूरी होनी चाहिए, कई साल से इंतजार कर रहे हैं।
डॉ. देव सागर, वसुंधरा: पांच साल के कार्यों की समीक्षा करता हूं तो मुझे लगता है कि विधायक न तो साहिबाबाद की आम जनता के बीच दिखे और न ही अपने कोई वादे पूरे कर सके। यहां की सड़कों की हालत बुरी बनी रही, बारिश में जलभराव से निजात नहीं मिल सकी। गंदे पानी की दिक्कत से भी पब्लिक को छुटकारा नहीं मिला। वॉटर सप्लाई प्रभावित ही रहती है।