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प्रियंका से बच्‍चों के होमवर्क पर सवाल, अखिलेश को नसीहत... डिजिटल प्रचार में जनता छुड़ा रही नेताओं के पसीने

Assembly Elections 2022 : चुनाव आयोग ने रैलियों पर बैन लगा रखा है। ऐसे में नेताओं को ड‍िजिटल मोर्चे पर क्रिएटिव होना पड़ रहा है। इस दौरान कई बार असहज स्थिति पैदा हो जाती है।

Edited byदीपक वर्मा | टाइम्स न्यूज नेटवर्क 23 Jan 2022, 12:07 pm

हाइलाइट्स

  • चुनाव आयोग ने कोविड-19 के चलते रैलियों पर लगा रखी है रोक
  • प्रियंका गांधी से पिछले दिनों बच्‍चों के होमवर्क पर पूछा गया सवाल
  • यूट्यूब लाइव में अखिलेश यादव को गठबंधन पर मिली नसीहत
  • डिजिटल तरीके से प्रचार कर रहे नेता, टेक-सेवी ने होने से परेशानी
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नई दिल्‍ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) से पिछले दिनों फेसबुक लाइव के दौरान सवाल हुआ, 'क्‍या आप बचपन में राहुल गांधी से लड़ती थीं?' प्रियंका कांग्रेस के यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) प्रचार अभियान की कमान संभाल रही हैं। पिछले हफ्ते, एक और ऑनलाइन इवेंट के दौरान उनसे पूछा गया, 'क्‍या आप बाकी मांओं की तरह अपने बच्‍चों को होमवर्क में मदद करती हैं?' प्रियंका अकेली ऐसी नेता नहीं हैं जिन्‍हें ऑनलाइन ऐसे अजीब सवालों का सामना करना पड़ा हो। यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) को तो यूटयूब चैनल पर लाइव के दौरान एक फॉलोअर ने नसीहत दे डाली थी। यह हाल अकेले यूपी का नहीं है। पंजाब, उत्‍तराखंड, मणिपुर, गोवा... जिन पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनाव हैं, वहां नेताओं को डिजिटल प्रचार की अनूठी दुनिया से तालमेल बिठाने में थोड़ी परेशानी हो रही है।
प्रियंका से खूब पूछे गए पर्सनल सवाल
फेसबुक लाइव के दौरान प्रियंका से बचपन में राहुल गांधी से लड़ने पर सवाल पूछा गया था। 18 जनवरी को एक और इवेंट में उनसे बच्‍चों के होमवर्क को लेकर सवाल हुआ। जब प्रियंका ने कहा कि वे 'असाइनमेंट आंटी' है तो उनका कमेंट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। होमवर्क वाले सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा था, 'आज भी, जब मैं काम के सिलसिले में ट्रेवल करती हूं तो जरूरत पड़ने पर उनके असाइनमेंट्स डिस्‍कस करती हूं.. और जब वे बच्‍चे थे तब उनके कुछ दोस्‍त भी आते थे क्‍योंकि मैं उनकी असाइनमेंट आंटी थी।' इसके बाद राशि साहू नाम की महिला ने कांग्रेस नेता से पूछा कि 'आपकी मां प्‍यार से आपको क्‍या बुलाती हैं?' प्रियंका ने जवाब दिया, 'लविंगली, प्री... जब वह नाराज होती हैं तो प्रियंका...'

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अखिलेश को मिली गठबंधन पर नसीहत
पिछले हफ्ते अखिलेश यादव के यूट्यूब चैनल से एक लाइव ब्रॉडकास्‍ट हुआ। इस दौरान Localpedia नाम के यूजर ने कमेंट्स सेक्‍शन में लिखा, 'चंद्रशेखर जी के साथ गठबंधन न करके बहुत गलत किया... इसका नुकसान हो जाएगा आपको।' सपा के सोशल मीडिया मैनेजर्स इस पूरे इंटरऐक्‍शन को करीब से देख रहे थे।


डिजिटल प्रचार की अपनी चुनौतियां
अगर लोग नेताओं से इस तरह सवाल कर पा रहे हैं तो उसकी वजह उस दूरी का खत्‍म होना है जो बड़ी-बड़ी रैलियों में जनता और नेता के बीच रहती है। डिजिटल माध्‍यम के जरिए प्रचार में जनता खुद को नेता के ज्‍यादा करीब पाती है। चुनाव में ताल ठोक रहे कई उम्‍मीदवार टेक-सेवी नहीं है। उनका यह भी तर्क है कि रैलियों पर रोक की वजह से शहरों से इतर, उनके प्रचार पर असर पड़ रहा है। आगरा के बाह से सपा उम्‍मीदवार मधुसूदन शर्मा डोर-टू-डोर कैम्‍पेनिंग पर निर्भर हैं। उन्‍होंने कहा, 'बाह में जूम, इंस्‍टाग्राम और ट्विटर पर कौन आएगा? यह ग्रामीण इलाका है।'

पूर्व सांसद और पंजाब के खादुर साहिब से शिरोमणि अकाली दल (SAD) के 84 वर्षीय उम्‍मीदवार, रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा कहते हैं, 'मैं तो मोबाइल फोन भी नहीं चलाता, सोशल मीडिया तो भूल जाओ। चुनाव आयोग के आदेश (रैलियों पर रोक) हमारे लिए कर्फ्यू जैसा है।'


नहीं पता चलता क्‍या है जनता का मूडहमारे सहयोगी टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने पंजाब में कई उम्‍मीदवारों और नेताओं से बात की। उन्‍होंने कहा कि जमीनी हालात का ठीक से अंदाजा लगाने की जरूरत है मगर डिजिटल प्रचार के जरिए ऐसा संभव नहीं। यही वजह है कि उन्‍होंने डोर-टू-डोर और नुक्‍कड़ सभएं शुरू कर दी हैं। यूपी और पंजाब जैसे बड़े राज्‍यों में, सभाओं की रिकॉर्डिंग की जा रही है और फिर उन्‍हें डिजिटल चैनल्‍स पर प्रसारित किया जाता है। फिजिकल रैलियों पर रोक के चलते सोशल मीडिया में माहिर लोगों की डिमांड बढ़ गई है।
लेखक के बारे में
दीपक वर्मा
दीपक वर्मा हिंदी बेल्‍ट में पले-बढ़े पत्रकार हैं। वह फिलहाल नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में प्रिंसिपल डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर हैं। प्रिंट मीडिया में आई नेक्‍स्‍ट-दैनिक जागरण से शुरुआत की। फिर डिजिटल जर्नलिज्म में आए। दीपक मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं। राजनीति, खेल, विज्ञान, अपराध समेत तमाम रोचक विषयों पर लिखते हैं।... और पढ़ें

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