निर्मल राजपूत, मथुरा
रालोद और सपा के बीच हुए गठबंधन में अब नया मोड़ सामने आ गया है। मांट विधानसभा सीट से रालोद ने अपने प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतार दिया था। वहीं अब सपा ने भी उसी सीट पर अपने प्रत्याशी को खड़ा कर दिया है। गठबंधन सीट को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। वहीं रालोद के प्रत्याशी योगेश नौहवार ने नामांकन वापस लेने से मना कर दिया है। वहीं सपा प्रत्याशी की भी मुश्किल लगातार बढ़ती जा रही है।
2022 के चुनाव को लेकर जहां प्रत्याशी नामांकन करने के बाद वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने में पूरा दमखम दिखा रहे हैं। वहीं रालोद और सपा गठबंधन के प्रत्याशियों में अब खींचतान शुरू हो गई है। राष्ट्रीय लोकदल की ओर से मांट विधानसभा क्षेत्र से योगेश नौहवार को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतार दिया था। वहीं आरएलडी की तरफ से मैदान में उतरे योगेश नौहवार अब बागी हो गए हैं। पार्टी में अब विद्रोह की स्थिति बन रही है। बागी हुए योगेश नौहवार साफ लहजे में कह दिया है कि वह अपना फैसला वापस नहीं लेंगे।
योगेश ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने मुझे दिल्ली आवास पर बुलाकर नामांकन करने को कहा और चुनाव लड़ने की बात कही। मैंने अपना नॉमिनेशन फॉर्म दाखिल कर दिया है अब मुझसे यह बोला जा रहा है कि अपना और नामांकन वापस ले लें। मैं अपना नामांकन तभी वापस लूंगा जब मार्ट विधानसभा क्षेत्र से या तो चारू जी लड़े या खुद जयंत चौधरी लड़े। सपा का प्रत्याशी लड़ रहा है तो मैं अपना नामांकन बिल्कुल भी वापस नहीं लूंगा।
2017 में 432 वोटों से हारे थे योगेश नौहवार
2017 के चुनावी मैदान में उतरे योगेश नौहवार को बसपा के प्रत्याशी श्याम सुंदर शर्मा ने 432 वोटों से हराया था। उन्होंने कहा कि इस बार मैं पूरे दमखम के साथ लगा हुआ था और जीत कर वापस आना मेरा लक्ष्य था। मेरे साथ वादाखिलाफी हुई है।
एसके शर्मा भी हुए थे बागी
वहीं कुछ दिन पूर्व भाजपा के वरिष्ठ नेता एसके शर्मा ने भी बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने की वजह मांट विधानसभा क्षेत्र से टिकट काटना बताई गई। एसके शर्मा ने भाजपा छोड़कर अब बसपा से वह चुनाव लड़ रहे हैं।
रालोद और सपा के बीच हुए गठबंधन में अब नया मोड़ सामने आ गया है। मांट विधानसभा सीट से रालोद ने अपने प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतार दिया था। वहीं अब सपा ने भी उसी सीट पर अपने प्रत्याशी को खड़ा कर दिया है। गठबंधन सीट को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। वहीं रालोद के प्रत्याशी योगेश नौहवार ने नामांकन वापस लेने से मना कर दिया है। वहीं सपा प्रत्याशी की भी मुश्किल लगातार बढ़ती जा रही है।
2022 के चुनाव को लेकर जहां प्रत्याशी नामांकन करने के बाद वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने में पूरा दमखम दिखा रहे हैं। वहीं रालोद और सपा गठबंधन के प्रत्याशियों में अब खींचतान शुरू हो गई है। राष्ट्रीय लोकदल की ओर से मांट विधानसभा क्षेत्र से योगेश नौहवार को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतार दिया था। वहीं आरएलडी की तरफ से मैदान में उतरे योगेश नौहवार अब बागी हो गए हैं। पार्टी में अब विद्रोह की स्थिति बन रही है। बागी हुए योगेश नौहवार साफ लहजे में कह दिया है कि वह अपना फैसला वापस नहीं लेंगे।
योगेश ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने मुझे दिल्ली आवास पर बुलाकर नामांकन करने को कहा और चुनाव लड़ने की बात कही। मैंने अपना नॉमिनेशन फॉर्म दाखिल कर दिया है अब मुझसे यह बोला जा रहा है कि अपना और नामांकन वापस ले लें। मैं अपना नामांकन तभी वापस लूंगा जब मार्ट विधानसभा क्षेत्र से या तो चारू जी लड़े या खुद जयंत चौधरी लड़े। सपा का प्रत्याशी लड़ रहा है तो मैं अपना नामांकन बिल्कुल भी वापस नहीं लूंगा।
2017 में 432 वोटों से हारे थे योगेश नौहवार
2017 के चुनावी मैदान में उतरे योगेश नौहवार को बसपा के प्रत्याशी श्याम सुंदर शर्मा ने 432 वोटों से हराया था। उन्होंने कहा कि इस बार मैं पूरे दमखम के साथ लगा हुआ था और जीत कर वापस आना मेरा लक्ष्य था। मेरे साथ वादाखिलाफी हुई है।
एसके शर्मा भी हुए थे बागी
वहीं कुछ दिन पूर्व भाजपा के वरिष्ठ नेता एसके शर्मा ने भी बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने की वजह मांट विधानसभा क्षेत्र से टिकट काटना बताई गई। एसके शर्मा ने भाजपा छोड़कर अब बसपा से वह चुनाव लड़ रहे हैं।