कोलकाता
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव आठ चरणों (West Bengal Assembly Election 2021) में होना है, जिसमें 4 चरण पूरे हो चुके हैं। आधा चुनाव होने के बाद चुनाव आयोग ने 16 अप्रैल को सभी राजनीतिक दलों की एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में समीक्षा की जाएगी कि क्या सभी पार्टियां चुनाव प्रचार और रैलियों में कोविड नियमों का पालन गंभीरता से कर रही हैं या नहीं। दरअसल, एक दिन पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग की खिंचाई करते हुए कहा था कि वह यह सुनिश्चित करे कि राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार और रैलियों में कोरोना से जुड़े नियमों का पालन हो रहा है या नहीं। हाई कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए सभी जिलों के डीएम को राजनीतिक रैलियों पर नजर रखने के लिए कहा था। यह भी कहा था कि जरूरी लगे तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए धारा 144 लागू कर दें। गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग तार-तार होने की लगातार घटनाएं सामने आ रही थीं। अन्य राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसके मद्देनजर हाई कोर्ट ने कहा है कि कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन कराने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी और चुनाव अधिकारियों की है।
'जरूरत पड़े तो लागू कर दें धारा 144'
अदालत ने कहा था कि कोरोना की भयावहता को देखते हुए अगर धारा 144 लागू करना पड़े तो वह भी किया जाए। इस दौरान राजनीतिक कार्यक्रमों में मास्क पहनना अनिवार्य है। हर जगह सेनेटाइजर उपलब्ध कराया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग हर हाल में हो। गौरतलब है कि बंगाल चुनाव के दौरान रैलियों और रोडशो में कोरोना नियमों का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है। नेताओं की रैलियों में भारी भीड़ जुट रही है, जिस पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव आठ चरणों (West Bengal Assembly Election 2021) में होना है, जिसमें 4 चरण पूरे हो चुके हैं। आधा चुनाव होने के बाद चुनाव आयोग ने 16 अप्रैल को सभी राजनीतिक दलों की एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में समीक्षा की जाएगी कि क्या सभी पार्टियां चुनाव प्रचार और रैलियों में कोविड नियमों का पालन गंभीरता से कर रही हैं या नहीं। दरअसल, एक दिन पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग की खिंचाई करते हुए कहा था कि वह यह सुनिश्चित करे कि राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार और रैलियों में कोरोना से जुड़े नियमों का पालन हो रहा है या नहीं।
'जरूरत पड़े तो लागू कर दें धारा 144'
अदालत ने कहा था कि कोरोना की भयावहता को देखते हुए अगर धारा 144 लागू करना पड़े तो वह भी किया जाए। इस दौरान राजनीतिक कार्यक्रमों में मास्क पहनना अनिवार्य है। हर जगह सेनेटाइजर उपलब्ध कराया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग हर हाल में हो। गौरतलब है कि बंगाल चुनाव के दौरान रैलियों और रोडशो में कोरोना नियमों का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है। नेताओं की रैलियों में भारी भीड़ जुट रही है, जिस पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।