नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल चुनाव (West Bengal Assembly Election 2021) में नंदीग्राम की जंग सबसे दिलचस्प रहने वाली है। यहां ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और ममता के पूर्व सहयोगी सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के बीच मुकाबला है। बीजेपी ने सुवेंदु की उम्मीदवारी का आधिकारिक तौर पर ऐलान कर दिया है। सुवेंदु ममता सरकार में नंबर टू पोजिशन में थे और कुछ वक्त पहले ही बीजेपी में शामिल हुए हैं। 2007 में तृणमूल कांग्रेस के नंदीग्राम आंदोलन का जिक्र
नंदीग्राम के इस मुकाबले के साथ ही पश्चिम बंगाल में इंडस्ट्रियल पॉलिसी की चर्चा भी तेज होगी क्योंकि सुवेंदु नंदीग्राम आंदोलन के सूत्रधार थे। सुवेंदु 2007 में पूर्वी मिदनापुर से लेकर नंदीग्राम में इंडोनेशिया की एक रसायनिक कंपनी के भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे। उनके नाम से ही 2007 में तृणमूल कांग्रेस के नंदीग्राम आंदोलन का जिक्र होता है।
सुवेंदु ने उसके लिए लोगों से माफी मांग लीइस आंदोलन के बाद ही तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में दशकों से सत्ता पर काबिज लेफ्ट की सरकार को परास्त किया था। बीजेपी का कहना है कि लोग अब विकास चाहते हैं और चाहते हैं कि इंडस्ट्री लगें। लेकिन सुवेंदु तो भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन का चेहरा थे, क्या बीजेपी में उनके आने से बीजेपी को नुकसान नहीं होगा? बीजेपी के एक नेता ने इस पर कहा कि सुवेंदु ने उसके लिए लोगों से माफी मांग ली है और कहा है कि वह टीएमसी की गलती थी। बीजेपी अपने घोषणा पत्र में इंडस्ट्रियल पॉलिसी पर काफी फोकस करेगी।
पश्चिम बंगाल चुनाव (West Bengal Assembly Election 2021) में नंदीग्राम की जंग सबसे दिलचस्प रहने वाली है। यहां ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और ममता के पूर्व सहयोगी सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के बीच मुकाबला है। बीजेपी ने सुवेंदु की उम्मीदवारी का आधिकारिक तौर पर ऐलान कर दिया है। सुवेंदु ममता सरकार में नंबर टू पोजिशन में थे और कुछ वक्त पहले ही बीजेपी में शामिल हुए हैं।
नंदीग्राम के इस मुकाबले के साथ ही पश्चिम बंगाल में इंडस्ट्रियल पॉलिसी की चर्चा भी तेज होगी क्योंकि सुवेंदु नंदीग्राम आंदोलन के सूत्रधार थे। सुवेंदु 2007 में पूर्वी मिदनापुर से लेकर नंदीग्राम में इंडोनेशिया की एक रसायनिक कंपनी के भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे। उनके नाम से ही 2007 में तृणमूल कांग्रेस के नंदीग्राम आंदोलन का जिक्र होता है।
सुवेंदु ने उसके लिए लोगों से माफी मांग लीइस आंदोलन के बाद ही तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में दशकों से सत्ता पर काबिज लेफ्ट की सरकार को परास्त किया था। बीजेपी का कहना है कि लोग अब विकास चाहते हैं और चाहते हैं कि इंडस्ट्री लगें। लेकिन सुवेंदु तो भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन का चेहरा थे, क्या बीजेपी में उनके आने से बीजेपी को नुकसान नहीं होगा? बीजेपी के एक नेता ने इस पर कहा कि सुवेंदु ने उसके लिए लोगों से माफी मांग ली है और कहा है कि वह टीएमसी की गलती थी। बीजेपी अपने घोषणा पत्र में इंडस्ट्रियल पॉलिसी पर काफी फोकस करेगी।