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2019: हाई टेक प्रचार से दूर रहेगी BSP, पोस्टर पर मायावती के बराबर तस्वीर तो कार्रवाई

2019 लोकसभा चुनाव की तैयारी बीएसपी अपने परंपरागत ढंग से ही करेगी। पार्टी ने तय किया है कि अधिक से अधिक जनसभाएं पार्टी सुप्रीमो मायावती करेंगी और सोशल मीडिया का कम से कम इस्तेमाल होगा। इतना ही नहीं बैनर और पोस्टर बनाने को लेकर भी पार्टी कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।

भाषा 12 Mar 2019, 2:06 pm
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम मायावती (फाइल फोटो)
मायावती (फाइल फोटो)

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) आगामी 2019 लोकसभा चुनावों में भी 'हाई टेक प्रचार प्रसार' से दूर रहेगी। पार्टी ने तय किया है कि वह पुराने परंपरागत तरीके अपनाकर ही चुनाव मैदान में उतरेगी। बीएसपी के इस परंपरागत तरीके के तहत अधिक से अधिक स्थानों पर पार्टी प्रमुख मायावती की जनसभाएं आयोजित करना और कार्यकर्ताओं द्वारा गांव-गांव, बूथ-बूथ जाकर जनसंपर्क अभियान करना शामिल हैं।

ऐसे में साफ है कि बीएसपी के प्रचार-प्रसार में न तो बड़े बड़े एलईडी लगेंगे, न आधुनिक रथ और ना ही कोई आईटी सेल सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार की जंग में विरोधी पार्टियों से दो-दो हाथ करेंगी। बीएसपी प्रमुख मायावती वैसे तो कुछ दिन पहले ही पहली बार ट्विटर पर आई थीं और देखते ही देखते उनके फॉलोअर की संख्या करीब डेढ़ लाख तक पहुंच गई।

उधर, यह भी चर्चा है कि कुछ बड़ी जनसंपर्क एजेंसिया सोमवार को बीएसपी के लखनऊ स्थित कार्यालय गई थीं और पार्टी के कुछ नेताओं के सामने अपने काम का प्रस्तुतीकरण भी किया था। पर, उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला था। ऐसी ही एक पीआर कंपनी के एक अधिकारी ने बताया, हां मेरी कंपनी सोमवार को बीएसपी कार्यालय गयी थी और हम कैसे पार्टी का हाई टेक प्रचार प्रसार कर सकते है, इस बारे में प्रस्तुतीकरण भी किया था लेकिन मुझे कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला।

उन्होंने यह भी कहा कि उनके जैसी कई अन्य पीआर कंपनियां भी बीएसपी कार्यालय गई थीं और अपने विज्ञापन कार्यो का विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया था। इस बारे में बीएसपी के एक वरिष्ठ नेता ने माना कि 'कुछ विज्ञापन और पीआर कंपनियां पार्टी के प्रचार प्रसार के सिलसिले काम मांगने के लिए सोमवार को पार्टी कार्यालय में आई थी लेकिन उन्हें मना कर दिया गया, क्योंकि पार्टी अपने पारंपरिक प्रचार प्रसार में ही विश्वास करती है।'

ट्विटर का इस्तेमाल सिर्फ बयान जारी करने तक
मायावती पहली बार ट्विटर पर तो आईं लेकिन इसका इस्तेमाल वह केवल अपने बयान जारी करने के लिए ही कर रही हैं। पार्टी के अन्य बड़े नेता सोशल मीडिया से गायब हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक उनका मतदाता बहन जी की बातों को ध्यान से सुनता है और उसी आधार पर मतदान करता है। यही वजह है कि सोशल मीडिया या विज्ञापन के प्रचार प्रसार पर भरोसा नहीं करता है। पार्टी कार्यकर्ता बीएसपी का साहित्य प्रत्येक गांव-गांव में पहुंचाएंगे।

मायावती के बराबर तस्वीर होने पर कार्रवाई
कुछ दिन पहले पार्टी के लोगों को लोकसभा चुनाव से पहले प्रचार-प्रसार सामग्री छपवाने और उसे लगाने के लिए विस्तृत निर्देश पार्टी नेताओं द्वारा दिए गए हैं। होर्डिंग और बैनर या फिर अन्य किसी तरह की प्रचार सामग्री में मायावती के बराबर में तस्वीर छपवाने वाले अब सीधे पार्टी से बाहर कर दिए जाएंगे। यह निर्देश पिछले सप्ताह बीएसपी लखनऊ मंडल के सम्मेलन में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को दिए गए हैं।

पोस्टर बनवाने से पहले लेनी होगी अनुमति
पार्टी सूत्रों के अनुसार नेताओं को निर्देश दिये गए हैं कि लोकसभा चुनाव में होर्डिंग और बैनर बहुत सोच समझ कर लगाए जाएं। होर्डिंग में मायावती के सामने उनके बराबर कोई अपनी फोटो न लगाएं। बहन जी के सामने कांशीराम या फिर बीएसपी चुनाव चिह्न हाथी की फोटो लगाई जाए। साथ ही इसके ऊपर के हिस्से में समाज के महापुरुषों की फोटो लगेगी और नीचे होर्डिंग लगाने वाले की फोटो लगेगी। इतना ही नहीं इसे बनवाने से पहले अनुमति भी लेनी होगी।

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