कोलकाता
पश्चिम बंगाल में पूर्वी मेदनीपुर जिले का नंदीग्राम इलाका एक जमाने में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सवादी (सीपीएम) का अजेय गढ़ हुआ करता था। 2007 में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा चलाए गए भूमि आंदोलन के बाद सीपीएम का यहां से सूपड़ा साफ हो गया। अब लोकसभा चुनाव से पहले यहां पर सीपीएम ने दोबारा अपना दफ्तर खोल दिया है।
गत सात अप्रैल को इस इलाके में पार्टी की रैली भी आयोजित की गई। बीजेपी का आरोप है कि टीएमसी ने पार्टी ऑफिस खोलने और रैली आयोजित करने में सीपीएम की मदद की है। ऐसा इसलिए ताकि नंदीग्राम में बीजेपी के पक्ष में जाने वाले सीपीएम मतों को रोका जा सके।
पढ़ें, BJP vs कांग्रेसः किसके घोषणापत्र में क्या
टीएमसी ने बीजेपी के इन आरोपों का पुरजोर खंडन किया है। पार्टी नेता अबु तहर का कहना है कि बीजेपी के आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं। टीएमसी ने नंदीग्राम में सीपीएम का पार्टी दफ्तर खोलने में किसी तरह की सहायता नहीं की है। आज की तारीख तक सीपीएम के लोग यहां पर्याप्त कार्यकर्ता ही नहीं जुटा पाए हैं कि दफ्तर खोला जा सके। अगर चुनाव से पहले कोई राजनीतिक दल अपना पार्टी दफ्तर खोलना चाहता है तो उसका स्वागत है। बता दें कि अबु तहर भी नंदीग्राम भूमि आंदोलन में काफी सक्रिय थे।
'परिवर्तन चाहती है नंदीग्राम की जनता'
दूसरी ओर, ईस्ट मेदिनीपुर में सीपीएम के जिला सचिव निरंजन सीही का कहना है कि रविवार को नंदीग्राम में हुई रैली में उपस्थित लोगों की संख्या अपने आप में कहती है कि जनता परिवर्तन चाहती है। यह रैली नंदीग्राम बाजार से शुरू हुई थी। इसमें सीपीएम प्रत्याशी इब्राहिम अली में शामिल थे। रैली ने कुल छह किलोमीटर का सफर तय किया।
'टीएमसी के गुंडों ने दफ्तर में लगा दी थी आग'
बुजर्ग सीपीएम लीडर राबिन देब कहते हैं कि सात जनवरी 2007 को टीएमसी के गुंडों ने हमारे नंदीग्राम पार्टी दफ्तर में आग लगा दी थी। उन लोगों ने हमारे कुछ कार्यकर्ताओं को भी जिंदा जलाने की कोशिश की। उन्होंने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। इसके बाद से कोई भी कार्यालय नहीं आया। इस साल हम इसी दफ्तर से चुनावी गतिविधियों का संचालन करेंगे।
पश्चिम बंगाल में पूर्वी मेदनीपुर जिले का नंदीग्राम इलाका एक जमाने में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सवादी (सीपीएम) का अजेय गढ़ हुआ करता था। 2007 में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा चलाए गए भूमि आंदोलन के बाद सीपीएम का यहां से सूपड़ा साफ हो गया। अब लोकसभा चुनाव से पहले यहां पर सीपीएम ने दोबारा अपना दफ्तर खोल दिया है।
गत सात अप्रैल को इस इलाके में पार्टी की रैली भी आयोजित की गई। बीजेपी का आरोप है कि टीएमसी ने पार्टी ऑफिस खोलने और रैली आयोजित करने में सीपीएम की मदद की है। ऐसा इसलिए ताकि नंदीग्राम में बीजेपी के पक्ष में जाने वाले सीपीएम मतों को रोका जा सके।
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टीएमसी ने बीजेपी के इन आरोपों का पुरजोर खंडन किया है। पार्टी नेता अबु तहर का कहना है कि बीजेपी के आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं। टीएमसी ने नंदीग्राम में सीपीएम का पार्टी दफ्तर खोलने में किसी तरह की सहायता नहीं की है। आज की तारीख तक सीपीएम के लोग यहां पर्याप्त कार्यकर्ता ही नहीं जुटा पाए हैं कि दफ्तर खोला जा सके। अगर चुनाव से पहले कोई राजनीतिक दल अपना पार्टी दफ्तर खोलना चाहता है तो उसका स्वागत है। बता दें कि अबु तहर भी नंदीग्राम भूमि आंदोलन में काफी सक्रिय थे।
'परिवर्तन चाहती है नंदीग्राम की जनता'
दूसरी ओर, ईस्ट मेदिनीपुर में सीपीएम के जिला सचिव निरंजन सीही का कहना है कि रविवार को नंदीग्राम में हुई रैली में उपस्थित लोगों की संख्या अपने आप में कहती है कि जनता परिवर्तन चाहती है। यह रैली नंदीग्राम बाजार से शुरू हुई थी। इसमें सीपीएम प्रत्याशी इब्राहिम अली में शामिल थे। रैली ने कुल छह किलोमीटर का सफर तय किया।
'टीएमसी के गुंडों ने दफ्तर में लगा दी थी आग'
बुजर्ग सीपीएम लीडर राबिन देब कहते हैं कि सात जनवरी 2007 को टीएमसी के गुंडों ने हमारे नंदीग्राम पार्टी दफ्तर में आग लगा दी थी। उन लोगों ने हमारे कुछ कार्यकर्ताओं को भी जिंदा जलाने की कोशिश की। उन्होंने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। इसके बाद से कोई भी कार्यालय नहीं आया। इस साल हम इसी दफ्तर से चुनावी गतिविधियों का संचालन करेंगे।