मुंबई
महाराष्ट्र में कांग्रेस-नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी को दलित नेता और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अगाणी (VBA) ने काफी चोट पहुंचाई। VBA ने चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन) के साथ गठबंधन किया था। चुनावों में इसका फायदा VBA को मिला और उसने कांग्रेस-NCP की कई सीटों, खासकर रिजर्व एससी-एसटी सीटों पर दलित और मुस्लिम वोटों का भारी नुकसान किया।
आंबेडकर को अकोला और सोलापुर में हार का सामना भले ही करना पड़ा लेकिन उन्होंने अकोला में बीजेपी के संजय दोत्रे और सोलापुर में डॉ जय सिद्धेश्वर महास्वामीजी की जीत का रास्ता साफ कर दिया। कांग्रेस के इकलौते मुस्लिम प्रत्याशी हिदायतुल्ला पटेल अकोला में तीसरे स्थान पर रहे। VBA ने यहां कांग्रेस-एनसीपी वोटबैंक में सेंध लगाई और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की हार का कारण बनी।
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कांग्रेस ने चुकाई अहंकार की कीमत
नॉर्थ मुंबई सेंट्रल से VBA प्रत्याशी डॉ एआर अंजारिया ने कहा, 'कांग्रेस ने हमें पर्याप्त टिकट न देकर और गठबंधन न करके अपने अहंकार की कीमत चुकाई है। VBA के प्रदर्शन से हमें मजबूत हुए हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे।' इस सीट पर बीजेपी की पूनम महाजन ने कांग्रेस की प्रिया दत्त को हराया है।
VBA को दलित वोट काफी संख्या में मिले जबकि सामाजिक कार्यकर्ता अनील मोरारका का कहना है कि सभी समुदायों ने बीजेपी के लिए वोट किया। मोरारका का कहना है कि यह वोट बदलाव के लिए किया गया है और देश के हर समुदाय ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दोबारा विश्वास जताया है।
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बैलट पेपर इस्तेमाल करने की मांग
रमाबाई नगर में VBA कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि यहां से और कामराज नगर से लोगों ने उनकी प्रत्याशी, निहारिका खोंडले के लिए वोट किया। वोट काउंट इस कारण 70,000 पर पहुंचा। आंबेडकर ने भी अपनी पार्टी के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया है। हालांकि, उन्होंने अपनी पार्टी की बार के लिए ईवीएम से जुड़ी गड़बड़ियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने विपक्ष से गुजारिश की कि एक साथ आएं और चुनावी प्रक्रिया का बहिष्कार कर चुनाव आयोग को फिर से बैलट पेपर का इस्तेमाल करने के लिए बाध्य करें।
आंबेडकर को अकोला में 2.74 लाख वोट मिले जबकि सोलापुर में उन्हें 1.67 लाख वोट मिले। पार्टी के कई दूसरे प्रत्याशियों को एक लाख से ज्यादा और कई दूसरे प्रत्याशियों को 50,000 के ऊपर वोट मिले। एनसीपी चीफ शरद पवार के गृहनगर बारामती में नवनाथ पडालकर तको 43,000 वोट मिले।
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महाराष्ट्र में कांग्रेस-नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी को दलित नेता और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अगाणी (VBA) ने काफी चोट पहुंचाई। VBA ने चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन) के साथ गठबंधन किया था। चुनावों में इसका फायदा VBA को मिला और उसने कांग्रेस-NCP की कई सीटों, खासकर रिजर्व एससी-एसटी सीटों पर दलित और मुस्लिम वोटों का भारी नुकसान किया।
आंबेडकर को अकोला और सोलापुर में हार का सामना भले ही करना पड़ा लेकिन उन्होंने अकोला में बीजेपी के संजय दोत्रे और सोलापुर में डॉ जय सिद्धेश्वर महास्वामीजी की जीत का रास्ता साफ कर दिया। कांग्रेस के इकलौते मुस्लिम प्रत्याशी हिदायतुल्ला पटेल अकोला में तीसरे स्थान पर रहे। VBA ने यहां कांग्रेस-एनसीपी वोटबैंक में सेंध लगाई और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की हार का कारण बनी।
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नॉर्थ मुंबई सेंट्रल से VBA प्रत्याशी डॉ एआर अंजारिया ने कहा, 'कांग्रेस ने हमें पर्याप्त टिकट न देकर और गठबंधन न करके अपने अहंकार की कीमत चुकाई है। VBA के प्रदर्शन से हमें मजबूत हुए हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे।' इस सीट पर बीजेपी की पूनम महाजन ने कांग्रेस की प्रिया दत्त को हराया है।
VBA को दलित वोट काफी संख्या में मिले जबकि सामाजिक कार्यकर्ता अनील मोरारका का कहना है कि सभी समुदायों ने बीजेपी के लिए वोट किया। मोरारका का कहना है कि यह वोट बदलाव के लिए किया गया है और देश के हर समुदाय ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दोबारा विश्वास जताया है।
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रमाबाई नगर में VBA कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि यहां से और कामराज नगर से लोगों ने उनकी प्रत्याशी, निहारिका खोंडले के लिए वोट किया। वोट काउंट इस कारण 70,000 पर पहुंचा। आंबेडकर ने भी अपनी पार्टी के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया है। हालांकि, उन्होंने अपनी पार्टी की बार के लिए ईवीएम से जुड़ी गड़बड़ियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने विपक्ष से गुजारिश की कि एक साथ आएं और चुनावी प्रक्रिया का बहिष्कार कर चुनाव आयोग को फिर से बैलट पेपर का इस्तेमाल करने के लिए बाध्य करें।
आंबेडकर को अकोला में 2.74 लाख वोट मिले जबकि सोलापुर में उन्हें 1.67 लाख वोट मिले। पार्टी के कई दूसरे प्रत्याशियों को एक लाख से ज्यादा और कई दूसरे प्रत्याशियों को 50,000 के ऊपर वोट मिले। एनसीपी चीफ शरद पवार के गृहनगर बारामती में नवनाथ पडालकर तको 43,000 वोट मिले।
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