ऐपशहर

2019 लोकसभा चुनाव: कांग्रेस के नए साथी बने पुरानों के सिरदर्द

अभी कांग्रेस में कई और लोगों के अरमान भी टूटेंगें। तमाम दूसरे लोगों की जॉइनिंग भी अभी पार्टी में प्रस्तावित है। इसमें गोंडा और आसपास के क्षेत्र के तीन नेताओं के आने की बात हो रही है।

रोहित मिश्रा | नवभारत टाइम्स 6 Mar 2019, 2:07 am
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम फोटो: राज बब्बर और गुलाम नबी आजाद
फोटो: राज बब्बर और गुलाम नबी आजाद

कांग्रेस के नए साथी कांग्रेस के पक्ष में परिणाम ला सकेंगे या नहीं, लेकिन ये कांग्रेस के पुराने साथियों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। वजह है कि अगर पार्टी में आए इन नए लोगों को टिकट मिलता है तो पहले से मौजूद टिकट के दावेदारों के लिए मुश्किल होगी। ऐसे में पुराने दावेदारों को किसी और सीट का विकल्प चुनना होगा या फिर चुनाव लड़ने के बजाए अगली बार टिकट मिलने की उम्मीद में पांच साल इंतजार करना होगा।

बताते हैं कि सीतापुर सीट से इस बार पार्टी के नेता डॉ. अम्मार रिजवी टिकट मांग रहे थे। उनके अलावा पार्टी के कुछ और कार्यकर्ता भी यहां से टिकट मांग रहे हैं। लेकिन अब जबकि यहां से सांसद रहीं कैसर जहां ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है तो माना जा रहा है कि उनकी जगह बाकी सबकी दावेदारी किनारे हो जाएगी।

कैसर को टिकट मिलना लगभग तय
पार्टी के भीतर ऐसा मानने की एक वजह यह भी है कि कैसर जहां कांग्रेस में शामिल होने के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस मामले की प्रभारी रहीं प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात कर चुकी हैं। ऐसे में उनको टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है। ऐसा ही समीकरण बहराइच सीट पर भी सावित्रीबाई फुले के कांग्रेस में आने के बाद बन गए हैं। 2009 में कांग्रेस के टिकट पर यहां से सांसद कमल किशोर कमांडो चुने गए थे, जबकि सावित्री बाई फुले 2014 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीती थीं।

मौजूदा सांसद के कांग्रेस में शामिल होने के बाद आसार यही हैं कि उन्हें टिकट दिया जाएगा। अब जबकि उन्हें टिकट मिलना लगभग तय है तो कमल किशोर कमांडो को बांसगांव से टिकट देने पर कांग्रेस विचार कर सकती है। सूत्रों का दावा है कि कमांडो ने पहले ही इस स्थिति को भांप लिया था और पहले ही विकल्प के तौर पर बांसगांव सीट के टिकट का विकल्प रखा था।

एक का उपेक्षित होना करीब तय
कैसर जहां के साथ ही राकेश सचान ने भी कांग्रेस जॉइन की। वह फतेहपुर से सांसद थे। अब उनके आने के बाद कांग्रेस के किसी एक कद्दावर का टिकट कटना तय माना जा रहा है। बताते हैं कि बीएसपी छोड़कर कांग्रेस में आए नसीमुद्दीन सिद्दीकी को फतेहपुर से लड़ाने की बात चल रही थी। इसकी वजह यह थी कि बांदा से पूर्व मंत्री विवेक सिंह टिकट मांग रहे थे।

हालांकि, अब राकेश सचान के कांग्रेस में आने के बाद यह माना जा रहा है कि किसी एक दावेदार का टिकट तो कटेगा ही। अगर कांग्रेस राकेश सचान को फतेहपुर से टिकट देती है तो बांदा से विवेक सिंह या नसीमुद्दीन सिद्दीकी को टिकट मिलेगा। ऐसे में किसी एक की दावेदारी खत्म हो जाएगी।

टूटेंगे कई और के भी अरमान
सूत्र बताते हैं कि यही नहीं, अभी कई और लोगों के अरमान भी टूटेंगें। तमाम दूसरे लोगों की जॉइनिंग भी अभी कांग्रेस में प्रस्तावित है। इसमें गोंडा और आसपास के क्षेत्र के तीन नेताओं के आने की बात हो रही है। आगरा और इसके आसपास के क्षेत्र के भी कई लोग कांग्रेस में आ सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो टिकट मांगने वाले कुछ और नेताओं की उम्मीदें टूटेंगी।
लेखक के बारे में
रोहित मिश्रा

अगला लेख

Electionsकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग