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तब्बू ने कहा, मुझसे मत पूछिए मैं सिंगल क्यों हूं, मुझे चिढ़ होती है

'आप कहां गायब थी? आप कम फिल्में क्यों करती हैं? आप कम दिखाई क्यों देती हैं? आप सिंगल क्यों हैं? जैसे सवाल मुझसे बहुत पूछे जाते हैं और इन सवालों से मुझे बड़ी कोफ्त होती है, ऐसे सवालों से मैं बेहद चिढ़ जाती हूं।'

संजय मिश्रा | नवभारतटाइम्स.कॉम 24 Jan 2018, 12:04 pm
बॉलिवुड की बेहतरीन अदाकारा तब्बू ने नवभारतटाइम्स डॉट कॉम से हुई बातचीत में कहा कि जब भी कोई उनसे उनके सिंगल होने, कम फिल्में करने से संबधित सवाल पूछता है तो उन्हें चिढ़ होती है। इस बातचीत में तब्बू ने यह भी बताया कि किसी फिल्म के चुनाव में उनका मापदंड क्या होता है।
नवभारतटाइम्स.कॉम do not ask me why i am single this question irritate me says actress tabu
तब्बू ने कहा, मुझसे मत पूछिए मैं सिंगल क्यों हूं, मुझे चिढ़ होती है


तब्बू बताती हैं, 'आप कहां गायब थी? आप कम फिल्में क्यों करती हैं? आप कम दिखाई क्यों देती हैं? आप सिंगल क्यों हैं? जैसे सवाल मुझसे बहुत पूछे जाते हैं और इन सवालों से मुझे बड़ी कोफ्त होती है, ऐसे सवालों से मैं बेहद चिढ़ जाती हूं। अब जाकर इन दिनों सिंगल वाला सवाल थोड़ा कम पूछा जाता है, अब ऐसा लगता है लोगों ने मुझे सिंगल स्वीकार कर लिया है या फिर वह वही सवाल बार-बार पूछ कर खुद थक गए हैं।'

बेहद चुनिंदा फिल्मों में नजर आनेवाली तब्बू किसी फिल्म को करने के लिए तब हां करती हैं, जब वह कहानी या किरदार उन्हें उकसाता हो और उनकी कसौटी पर खरा उतरता हो... तब्बू बताती हैं, 'जब भी कोई कहानी मुझे अंदर से कन्विन्स करती है और उसके बाद जब मैं खुद अपनी मर्जी से कोई फैसला करती हूं तो कभी असफल नहीं होती हूं। कोई कहानी सुनते समय जब कोई किरदार मुझे प्रभावित करदे, उस किरदार की कोई खास विशिष्टता हो, लगे की यह किरदार मेरे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण है या फिर कहानी पढ़ते ही ऐसा महसूस हो कि किरदार मुझपर बहुत सूट करेगा, तब मैं बिना किसी सवाल के फिल्म तुरंत साइन कर लेती हूं।'

तब्बू अपनी बात बढ़ाते हुए आगे कहती हैं, 'किरदार को लेकर ऐसा लगे कि शूटिंग के दौरान यह किरदार मुझे मजेदार लगेगा और पूरी शूटिंग में मुझे व्यस्त रखेगा, मुझे लगे कि यह किरदार मुझे एक नया अनुभव देकर जाएगा, उस कहानी के निर्देशक के साथ काम करने की ललक और काम का अनुभव या फिर वह किरदार मुझसे कहीं भी संबधित हो और उसे करते समय मेरे अंदर एक ऐक्टर के तौर पर निखार लाएगा, बस ऐसी ही बातें है... जो किसी किरदार को करने के लिए मुझे उकसाती हैं। यह जो मेरी किसी कहानी को चुनने की लिस्ट है, इनमें से एक या दो बातें भी अगर मुझे क्लिक हो जाती हैं तो मैं फिल्म करने के लिए तैयार हो जाती हूं।'

'दृश्यम' के बारे में बात करते हुए तब्बू कहती हैं, 'अगर मैं फिल्म दृश्यम के किरदार की बात करूं तो इस समय मुझे उस तरह का किरदार मिलना बहुत बड़ी बात थी। आज के समय के जो भी रोल मिलते हैं उनमें दृश्यम का किरदार सबसे मुश्किल था, मुझे उस रोल को निभाने में बहुत कठिनाई हुई थी क्योंकि इमोशनली वह किरदार कठिन था... जो एक औरत, एक मां और एक पुलिस आई जी ऑफिसर भी थी, बस ऐसे ही किरदार जब मुझे मिल जाते हैं तब मैं तुरंत कर लेती हूं।'
लेखक के बारे में
संजय मिश्रा
"संजय मिश्रा (Sanjay Mishra Katyani) पिछले 17 सालों से फिल्म जर्नलिस्ट हैं। साल 2006 में दूरदर्शन से एक रिपोर्टर के तौर पर अपनी शुरुआत करने के बाद, लाइव इंडिया, मी मराठी, नेटवर्क 18 हिंदी, इंडिया टीवी और न्यूज़ एक्सप्रेस जैसे न्यूज़ चैनल के साथ 10 साल सक्रिय फिल्म रिपोर्टिंग की। साल 2015 में बुक माय शो के साथ जुड़कर डिजिटल/ऑनलाइन न्यूज़ की दुनिया में कदम रखा और बीबीसी हिंदी और जागरण डॉट कॉम के साथ कार्य किया। साल 2016 से टाइम्स ऑफ इंडिया परिवार, नवभारत टाइम्स डॉट कॉम का हिस्सा बन गए। एनबीटी में 2016 से प्रिंसिपल डिजिटल कंटेंट प्रड्यूसर के रूप में कार्यरत। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले संजय मिश्रा का जन्म और पढ़ाई-लिखाई मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में हुई।... और पढ़ें

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