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'मंटो' को परदे पर उतारना मुश्किल, डर रही हैं नंदिता

नंदिता बताती हैं, '15 मार्च से हम 'मंटो' की शूटिंग शुरू करेंगे, 'मंटो' मेरे लिए बहुत बड़ा प्रॉजेक्ट है क्योंकि यह एक पीरियड फिल्म है। हमें 1940 के दौर को फिर से रीक्रिएट करना है....'

संजय मिश्रा | नवभारतटाइम्स.कॉम 21 Feb 2017, 11:12 pm
अभिनेत्री नंदिता दास पिछले काफी समय से जाने-माने साहित्यकार सआदत हसन मंटो और उनकी कहानियों पर फिल्म बनाने की तैयारी कर रही हैं। फिल्म में 'मंटो' का किरदार नवाजुद्दीन सिद्दीकी निभाएंगे। नंदिता पिछले कई सालों से इस प्रॉजेक्ट पर काम कर रहीं थीं, लेकिन अब जाकर 'मंटो' की टीम शूटिंग के लिए तैयार है।
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'मंटो' को परदे पर उतारना मुश्किल, डर रही हैं नंदिता


नवभारतटाइम्स डॉट कॉम से बातचीत में नंदिता ने बताया कि आखिरकार लंबे इंतजार के बाद हमारी फिल्म फ्लोर पर जाने के लिए रेडी है लेकिन 'मंटो' की कहानियां इतनी पावरफुल हैं कि कई बार डर भी लगता है कि इन कहानियों को परदे पर कैसे दिखाया जाए, क्योंकि विजुअल मीडिया में आपको सबकुछ बताना, समझाना और दिखाना पड़ता है जो बेहद कठिन काम है।

नंदिता बताती हैं, 'इन दिनों 'मंटो' की तैयारी जोर-शोर से चल रही है, 15 मार्च से हम 'मंटो' की शूटिंग शुरू करेंगे, इसलिए इन दिनों काम बहुत ज्यादा बढ़ गया है। 'मंटो' मेरे लिए बहुत बड़ा प्रॉजेक्ट है क्योंकि यह एक पीरियड फिल्म है। हमें 1940 के दौर को फिर से रीक्रिएट करना है और वह भी ऐसे आधुनिक शहर में जहां सब कुछ बदल गया है।' फिल्म के कलाकारों के नाम पर नंदिता सिर्फ इतना ही कहती हैं, 'नवाजुद्दीन सिद्दीकी फिल्म के लीड कलाकार है साथ में बहुत सारे जाने-माने ऐक्टर हैं जो फिल्म को सपॉर्ट कर रहे हैं और छोटे-छोटे रोल करने के लिए भी तैयार हो गए हैं। आपको जल्दी ही बाकी लोगों के नाम का पता भी चल जाएगा।'

इन दिनों बॉलिवुड में बन रही बड़े बजट की बड़ी-बड़ी फिल्मों से 'मंटो' की तुलना करते हुए नंदिता कहती हैं, 'हमारी फिल्म 'मंटो' बॉलिवुड की दूसरी नाच-गाने वाली फिल्मों की तरह नहीं है, हमारी फिल्म का बजट बहुत कम है इसलिए हमें जल्द से जल्द फिल्म की शूटिंग पूरी करनी होगी।'

'मंटो' में मुख्य भूमिका निभा रहे नवाजुद्दीन ने एक बातचीत में कहा, 'मंटो दुनिया के सबसे महान लेखक रहे हैं, और ऐसे ब्रिलियंट लेखक की बायॉपिक करने का मौका मिलना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। ऐसे किरदारों पर बहुत कम लोगों की नजर होती है। मंटो जैसे ऐतिहासिक किरदारों को परदे पर जिंदा करने या उतारने में बहुत मुश्किल होती है, बहुत सोचना और खोजना पड़ता है।'

'मंटो' के किरदार की तैयारी पर बात करते हुए नवाज कहते हैं, 'वैसे तो मैं पिछले बीस-बाईस साल से मंटो की कहानियां और उनका साहित्य पढ़ रहा हूं, मैंने उनकी कई कहानियों पर नाटक भी किया हैं। 'मंटो' की कहानियां प्रेरणाप्रद हैं, कई कहानियों को पढ़कर तो आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। 'मंटो' की कुछ कहानियां इतनी कंटेम्प्ररी रेलिवेंट हैं की आज पढ़ो तो ऐसा लगता है सब कुछ आज हमारे आस-पास हो रहा है। उन्होंने उस समय आज की स्थितियों के बारे में लिखा था।'

नवाज आगे कहते हैं, 'फिल्म में मेरे लुक को 'मंटो' की तस्वीरों और उनके कद-काठी के आधार पर तय किया जाएगा। सबसे मुश्किल है 'मंटो' का किरदार निभाना। अब जैसा मैं उनका किरदार निभाउंगा लोग 'मंटो' के बारे में वैसा ही सोचेंगे। हम इस फिल्म में दिमाग या विचारधारा पर काम कर रहे हैं कि मंटो किस तरह सोचते थे, जिसकी वजह से वह इस तरह की कहानियां लिखते थे, हमारा सबसे ज्यादा फोकस इसी बात पर है।'
लेखक के बारे में
संजय मिश्रा
"संजय मिश्रा (Sanjay Mishra Katyani) पिछले 17 सालों से फिल्म जर्नलिस्ट हैं। साल 2006 में दूरदर्शन से एक रिपोर्टर के तौर पर अपनी शुरुआत करने के बाद, लाइव इंडिया, मी मराठी, नेटवर्क 18 हिंदी, इंडिया टीवी और न्यूज़ एक्सप्रेस जैसे न्यूज़ चैनल के साथ 10 साल सक्रिय फिल्म रिपोर्टिंग की। साल 2015 में बुक माय शो के साथ जुड़कर डिजिटल/ऑनलाइन न्यूज़ की दुनिया में कदम रखा और बीबीसी हिंदी और जागरण डॉट कॉम के साथ कार्य किया। साल 2016 से टाइम्स ऑफ इंडिया परिवार, नवभारत टाइम्स डॉट कॉम का हिस्सा बन गए। एनबीटी में 2016 से प्रिंसिपल डिजिटल कंटेंट प्रड्यूसर के रूप में कार्यरत। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले संजय मिश्रा का जन्म और पढ़ाई-लिखाई मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में हुई।... और पढ़ें

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