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शाहिद कपूर ने कहा, बेहूदा है स्वरा का ओपन लेटर

'मैंने उनका ओपन लेटर अभी तक पढ़ा नहीं है, उनका ओपन लेटर काफी लंबा भी है और हम लोग काफी बिजी है इस वक्त, मुझे पता नहीं उनका क्या इशू है, शायद उनका जो भी इशू है संजय सर से है।'

संजय मिश्रा | नवभारतटाइम्स.कॉम 29 Jan 2018, 11:21 am
ऐक्ट्रेस स्वरा भास्कर अपने बयानों को लेकर एक बार फिर चर्चे में हैं, इस बार उनके निशाने पर फिल्म 'पद्मावत' के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली हैं। दरअसल, स्वरा ने भंसाली को ओपन लेटर लिखा है, स्वरा की मानें तो भंसाली ने फिल्म में महिलाओं को 'वजाइना' के तौर पर सीमित कर दिया है। स्वरा के इस ओपन लेटर के जवाब में शाहिद कपूर ने कहा है कि ऐसे समय में जब पूरी फिल्म इंडस्ट्री 'पद्मावत' का सपॉर्ट कर रही है, ऐसे में स्वरा का इस तरह विरोध जताना अजीब लग रहा है।
नवभारतटाइम्स.कॉम padmaavat actor shahid kapoor says swara bhaskars open letter is little odd
शाहिद कपूर ने कहा, बेहूदा है स्वरा का ओपन लेटर


शाहिद कहते हैं, 'जी हां मुझे पता चला है कि स्वरा ने ऐसा कोई पत्र लिखा है... लेकिन ईमानदारी से बताऊँ तो मैंने उनका ओपन लेटर अभी तक पढ़ा नहीं है, उनका ओपन लेटर काफी लंबा भी है और हम लोग काफी बिजी है इस वक्त, मुझे पता नहीं उनका क्या इशू है, शायद उनका जो भी इशू है संजय सर से है।'

शाहिद आगे कहते हैं, 'मैं यही कहूंगा कि यह समय इस तरह की चीजों के लिए नहीं है, पद्मावत पूरी फिल्म इंडस्ट्री को रेप्रिजेंट कर रही है, फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन और फ्रीडम ऑफ स्पीच को रेप्रिजेंट कर रही है। फिल्म को दर्शकों तक पहुंचाने का यह काम बहुत मुश्किल रहा है और ऐसे समय पर जब पूरी फिल्म इंडस्ट्री हमारे साथ खड़ी रही है, ऐसे में यह ओपन लेटर थोड़ा बेहूदा सा लग रहा है, जो उन्होंने (स्वरा) अपने व्यक्तिगत विचार को लेकर लिखा है... लेकिन सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है।'

दरअसल, फिल्म के आखिर में रानी पद्मावती खुद को इज्जत की रक्षा के लिए जौहर कर लेती हैं। इस पर स्वरा ने कुछ पॉइंट्स उठाए हैं। उनका आरोप है कि भंसाली की फिल्म ऑनर किलिंग, जौहर, सती प्रथा जैसी कुप्रथाओं का महिमामंडन करती है। स्वरा यह भी मानती हैं कि यह फिल्म ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है लेकिन वह कहती हैं कि फिल्म की शुरुआत में सिर्फ सती और जौहर प्रथा के खिलाफ डिस्क्लेमर दिखाकर निंदा कर देने से कुछ नहीं होता। इसके आगे तो तीन घंटे तक राजपूती आन, बान और शान का महिमामंडन चलता है।
लेखक के बारे में
संजय मिश्रा
"संजय मिश्रा (Sanjay Mishra Katyani) पिछले 17 सालों से फिल्म जर्नलिस्ट हैं। साल 2006 में दूरदर्शन से एक रिपोर्टर के तौर पर अपनी शुरुआत करने के बाद, लाइव इंडिया, मी मराठी, नेटवर्क 18 हिंदी, इंडिया टीवी और न्यूज़ एक्सप्रेस जैसे न्यूज़ चैनल के साथ 10 साल सक्रिय फिल्म रिपोर्टिंग की। साल 2015 में बुक माय शो के साथ जुड़कर डिजिटल/ऑनलाइन न्यूज़ की दुनिया में कदम रखा और बीबीसी हिंदी और जागरण डॉट कॉम के साथ कार्य किया। साल 2016 से टाइम्स ऑफ इंडिया परिवार, नवभारत टाइम्स डॉट कॉम का हिस्सा बन गए। एनबीटी में 2016 से प्रिंसिपल डिजिटल कंटेंट प्रड्यूसर के रूप में कार्यरत। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले संजय मिश्रा का जन्म और पढ़ाई-लिखाई मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में हुई।... और पढ़ें

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