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प्रड्यूसर ने कहा, काली लड़की को फिल्म से बाहर निकालो: शाहाना गोस्वामी

'एक फिल्म में मुझे कास्ट कर लिया गया था लेकिन बाद में मेरे सांवले रंग की वजह से फिल्म के डायेरक्टर और प्रड्यूसर ने कहा कि इस काली लड़की को बाहर निकालो फिल्म से, काली लड़की नहीं चाहिए फिल्म में।'

संजय मिश्रा | नवभारतटाइम्स.कॉम 14 Sep 2017, 12:25 pm
'रॉक ऑन', 'मिर्च', 'फिराक', मिडनाइट चिल्ड्रन' और 'हिरोइन' जैसी कई और फिल्मों में अपने लाजवाब अभिनय से अपनी पहचान बनाने वाली अभिनेत्री शाहना गोस्वामी इन दिनों अपनी फिल्म 'तू है मेरा संडे' के प्रमोशन में जुटी हैं। छोटे बजट की इस फिल्म में शाहना एक कामकाजी महिला के किरदार में नजर आएंगी। इसी फिल्म के प्रमोशनल इंटरव्यू के दौरान नवभारतटाइम्स डॉट कॉम से हुई खास बातचीत में शाहना ने इन दिनों रंगभेद को लेकर चल रही चर्चा पर भी बात की और बताया कि वह खुद रंगभेद का शिकार हुई हैं।
नवभारतटाइम्स.कॉम producer had said to get black girl out of the film shahana goswami
प्रड्यूसर ने कहा, काली लड़की को फिल्म से बाहर निकालो: शाहाना गोस्वामी


रंगभेद के कारण एक फिल्म से बाहर हुईं शाहना ने बताया, 'जी हां मैं जानती हूं कि बॉलिवुड में मेरे जैसे सांवले रंग की लड़कियों या लड़कों की अपेक्षा गोरे रंग की लड़कियों की प्राथमिकता ज्यादा दी जाती है। मैं एक बार अपने सांवले रंग की वजह से एक फिल्म से बाहर निकाल दी गई थी।'

शाहना आगे कहती हैं, 'एक फिल्म में मुझे कास्ट कर लिया गया था लेकिन बाद में मेरे सांवले रंग की वजह से फिल्म के डायेरक्टर और प्रड्यूसर ने कहा कि इस काली लड़की को बाहर निकालो फिल्म से, काली लड़की नहीं चाहिए फिल्म में। हमारी इंडस्ट्री में सिर्फ रंग को लेकर नहीं क्लास, इंग्लिश सहित कई और चीजों को लेकर भी भेदभाव किया जाता है। मैंने वर्ल्ड सिनेमा की पांच फिल्मों में काम किया है, मुझे कभी भी वहां अपने रंग को लेकर भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा।'

पिछले दिनों रंगभेद को लेकर अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्धिकी ने भी अपने कड़वे अनुभव पर बात की थी। हाल ही में अरुण गवली की जिंदगी पर आधारित बायॉपिक 'डैडी' में अर्जुन रामपाल के अपॉजिट नजर आईं तमिल ऐक्ट्रेस ऐश्वर्या राजेश ने भी बताया कि उनके लिए ऐक्ट्रेस बनना आसान नहीं था। उन्होंने बताया कि उनके सांवले रंग के कारण शुरू में उन्हें लोग रिजेक्ट कर देते थे।

ऐश्वर्या ने बताया, 'जब मैंने रिऐलिटी शो में भाग लेना शुरू किया तो लोगों ने मुझसे कहा कि मैं कभी भी ऐक्ट्रेस नहीं बन सकूंगी। वे मुझसे कहते कि मैं सांवली हूं और एक ऐक्ट्रेस बनने के लिए जो जरूरी होता है वह मेरे पास नहीं है।' उन्होंने बताया, 'साउथ की इंडस्ट्री में भी लोग गोरे रंग के प्रति बहुत जुनूनी हैं। टीवी में काम करने के बाद मैंने छोटे बजट की फिल्में कीं जो सभी फ्लॉप हो गईं। लोग मेरे सांवले रंग को स्वीकार करने के लिए तैयार ही नहीं थे।'
लेखक के बारे में
संजय मिश्रा
"संजय मिश्रा (Sanjay Mishra Katyani) पिछले 17 सालों से फिल्म जर्नलिस्ट हैं। साल 2006 में दूरदर्शन से एक रिपोर्टर के तौर पर अपनी शुरुआत करने के बाद, लाइव इंडिया, मी मराठी, नेटवर्क 18 हिंदी, इंडिया टीवी और न्यूज़ एक्सप्रेस जैसे न्यूज़ चैनल के साथ 10 साल सक्रिय फिल्म रिपोर्टिंग की। साल 2015 में बुक माय शो के साथ जुड़कर डिजिटल/ऑनलाइन न्यूज़ की दुनिया में कदम रखा और बीबीसी हिंदी और जागरण डॉट कॉम के साथ कार्य किया। साल 2016 से टाइम्स ऑफ इंडिया परिवार, नवभारत टाइम्स डॉट कॉम का हिस्सा बन गए। एनबीटी में 2016 से प्रिंसिपल डिजिटल कंटेंट प्रड्यूसर के रूप में कार्यरत। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले संजय मिश्रा का जन्म और पढ़ाई-लिखाई मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में हुई।... और पढ़ें

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