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जब तक इंसाफ नहीं मिलेगा लड़ती रहूंगी: तनुश्री दत्ता

अभिनेत्री तनुश्री दत्ता भारत लौट आई हैं, लौटते ही उन्होंने यह साफ कर दिया है कि यौन शोषण को लेकर शुरू हुई लड़ाई में अब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिला है, जब तक वह संतुष्ट नहीं होंगी, यह लड़ाई जारी रहेगी।

संजय मिश्रा | नवभारतटाइम्स.कॉम 26 Sep 2019, 8:24 pm
यौन उत्पीड़न के मामले में ऐक्टर नाना पाटेकर और तनुश्री दत्ता एक बार फिर से खबरों में हैं, वजह है तनुश्री विदेश से वापस आ गई हैं। वापसी के बाद तनुश्री ने मीडिया से हुई बातचीत में साफ कर दिया है कि उनकी यह लड़ाई अब भी जारी है और जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल जाता, वह लड़ती रहेंगी। बीते दिनों ऐक्ट्रेस ने इस मामले पर मुंबई पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे।
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तनुश्री कहती हैं, 'देखिए इंसाफ तो हमेशा होता है, अब इंसाफ की जो परिभाषा हमारे जहन में है, वह हो या न हो, लेकिन इंसाफ तो होता है, यह प्रकृति का नियम है। कुदरत ही इंसाफ करता है, एक तरीके से नहीं तो दूसरे तरीके से होगा। जहां बात कानूनी इंसाफ की है, मैंने अपना केस ऑन रखा है, जब तक मुझे एक लेवल की संतुष्टि और इंसाफ नहीं मिलेगा मैं इस लड़ाई को लगातार लड़ूंगी।'

#MeToo मुहीम की इस लड़ाई में कई महिलाओं ने अपने साथ हुए यौन शोषण की शिकायत की, लेकिन अधिकतर मामलों में कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई। तनुश्री अन्य विक्टिम्स के बारे में कहती हैं, 'रही बात बाकी विक्टिम्स की अब मैंने उनको यह तो नहीं कह सकती कि वह भी मेरी तरह फाइट करें। सबका अपना निर्णय है, सबकी अपनी क्षमता है, अपना पर्सनल स्ट्रेंथ है, जो अलग-अलग है। हमारे देश में कानूनी लड़ाई लड़ना हर किसी के बस की बात नहीं है। मैं जो कर सकती हूं, वह कर रही हूं, जो कुछ नहीं कर पा रहे उन्हें कुछ नहीं कहूंगी।'

तनु आगे कहती हैं, 'मुझ पर जो आफत आई और जो लोग यह आफत मुझ पर लेकर आए मैं उनको बिल्कुल भी नहीं छोडूंगी। मैं इस लड़ाई के साथ-साथ और भी 10 चीजें करूंगी क्योंकि जब आप कोई युद्ध लड़ते हैं, तो चौतरफा तैयार रहते हैं, यह एक मानसिक लड़ाई भी है, एक ऐसा युद्ध, जिससे पूरे देश की विचारधारा और मानसिकता को बदला जा रहा है, इसमें मेरा कानूनी युद्ध लड़ना बहुत जरूरी है।'

हाल ही में खबर आई कि तनुश्री अब ऐक्टिंग में वापसी करेंगी, इस खबर पर तनु ने कहा, 'मैं धीरे-धीरे क्रिऐटिव मतलब अपने म्यूजिक, डांस और ऐक्टिंग में भी आ रही हूं। मैं मल्टीटास्कर हूं। अगर सामने वालों को लगता है कि उन्होंने मुझे भगा दिया तो मैं गई जरूर थी, लेकिन अब बहुत सारा इन्फॉर्मेशन का पिटारा लेकर लौटी हूं, ताकि मेरी जैसी हालत में जो लोग हैं, उनकी इमोशनली और मानसिक रूप से कुछ मदद कर सकूं।'
लेखक के बारे में
संजय मिश्रा
"संजय मिश्रा (Sanjay Mishra Katyani) पिछले 17 सालों से फिल्म जर्नलिस्ट हैं। साल 2006 में दूरदर्शन से एक रिपोर्टर के तौर पर अपनी शुरुआत करने के बाद, लाइव इंडिया, मी मराठी, नेटवर्क 18 हिंदी, इंडिया टीवी और न्यूज़ एक्सप्रेस जैसे न्यूज़ चैनल के साथ 10 साल सक्रिय फिल्म रिपोर्टिंग की। साल 2015 में बुक माय शो के साथ जुड़कर डिजिटल/ऑनलाइन न्यूज़ की दुनिया में कदम रखा और बीबीसी हिंदी और जागरण डॉट कॉम के साथ कार्य किया। साल 2016 से टाइम्स ऑफ इंडिया परिवार, नवभारत टाइम्स डॉट कॉम का हिस्सा बन गए। एनबीटी में 2016 से प्रिंसिपल डिजिटल कंटेंट प्रड्यूसर के रूप में कार्यरत। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले संजय मिश्रा का जन्म और पढ़ाई-लिखाई मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में हुई।... और पढ़ें

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