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RIP Yogesh: 'कहीं दूर जब दिन ढल जाए' जैसे योगेश गौड़ के 10 गीत, जो रैप और रीमिक्स के जमाने में गुनगुनाते हैं लोग

लखनऊ में 19 मार्च 1943 को जन्मे गीतकार योगेश ने 60-70 के दौर में कई बेहतरीन गीत हिंदी सिनेमा को दिए। योगेश ने अपने करियर की शुरुआत 1962 में आई फिल्म 'सखी रॉबिन' की थी। इस फिल्म के लिए उन्होंने 6 गाने लिखे थे।

नवभारतटाइम्स.कॉम 29 May 2020, 9:01 pm
किसी भी बॉलिवुड फिल्म को बेहतरीन बनाने के लिए मजबूत कहानी की जरूरत पड़ती है। वहीं, बेहतरीन फिल्म के गीत उसे और भी बेहतरीन बना देते हैं। अपने गीतों से फिल्मों को सजाने वाले गीतकार योगश गौड़ हमारे बीच नहीं रहे। 60 और 70 के दशक में उनके द्वारा लिखे गए बेहतरीन गीत आज भी लोग गुनगुनाते हैं। आइए नजर डालते हैं योगेश गौड़ के उन गीतों पर जो आज के रैप और रीमिक्स के जामने में भारी पड़ जाते हैं।
नवभारतटाइम्स.कॉम योगेश गौड़
योगेश गौड़


1. कहीं दूर जब दिन ढल जाए


2. रजनीगंधा फूल तुम्हारे महके यूं ही जीवन में


3. बड़ी सूनी-सूनी है


4. न बोले तुम न मैंने कुछ कहा


5. कई बार यूं ही देखा है


6. न जाने क्यूँ होता है ये जिन्दगी के साथ


7. रिमझिम गिरे सावन


8. आए तुम याद मुझे, गाने लगी हर धड़कन


9. जिंदगी कैसी ये पहेली


10. तुम जो आ जाओ तो प्यार आ जाए

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